फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों की भारत यात्रा; सैन्य-औद्योगिक रोडमैप पर फोकस, कैसा रहेगा दौरा?
इस बार गणतंत्र दिवस समारोह पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अथिति होंगे। 2 दिवसीय यात्रा के दौरान मैक्रों दिल्ली के अलावा जयपुर भी जा सकते हैं। यहां उनके स्वागत के लिए खास तैयारियां चल रही हैं। दूसरी ओर, इस दौरान दोनों देश मेक इन इंडिया को ध्यान में रखते हुए एक सैन्य-औद्योगिक रोडमैप की घोषणा भी कर सकते हैं। इसे अगले 25 सालों तक भारतीय जरूरतों के हिसाब से बनाया जाएगा।
कैसा रहेगा मैक्रों का दौरा?
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, मैक्रों 25 जनवरी को दोपहर में जयपुर पहुंचेगे। यहां शाही राजपुताना अंदाज में उनका स्वागत किया जाएगा। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ रोड शो भी कर सकते हैं। जयपुर के सिटी पैलेस में मैक्रों के लिए रात्रिभोज का आयोजन किया जा सकता है। इसमें एक संग्रहालय भी है, जो राजपूतों के अतीत को दर्शाता है। यहां वर्तमान में राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी का निवास है।
दोनों देशों के बीच क्या समझौते हो सकते हैं?
दोनों देश अगले 25 साल की जरूरतों को देखते हुए एक सैन्य-औद्योगिक रोडमैप की घोषणा कर सकते हैं। इसका उद्देश्य भारतीय युवाओं के लिए नौकरियां और कौशल प्रदान करना और आपूर्ति श्रृंखलाओं को फ्रांस और यूरोप में खरीदारों तक पहुंचने का अवसर प्रदान करना है। इसके तहत भारी विमानों के इंजन, पनडुब्बी और विमान बनाने में भारत की स्वदेशी क्षमताओं को विकसित करने पर जोर दिया जाएगा। फ्रांस सैन्य उपकरणों की डिजाइन में भारत की मदद करेगा।
परेड में शामिल हो सकता है फ्रांसीसी सैन्य दल
गणतंत्र दिवस की परेड में फ्रांस का सैन्य दल भी शामिल हो सकता है। इस संबंध में तैयारियों को अंजाम देने के लिए मैक्रों के राजनयिक सलाहकार इमैनुएल बोने ने हाल ही में भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल से मुलाकात की थी। बता दें कि पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी फ्रांस की बैस्टिल डे परेड में शामिल हुए थे, तब भारतीय दल ने भी परेड में भाग लिया था।
गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने वाले छठे फ्रांसीसी नेता होंगे मैक्रों
बता दें कि भारत ने गणतंत्र दिवस की परेड में फ्रांसीसी नेताओं को सबसे ज्यादा आमंत्रित किया है। अब मैक्रों इस समारोह में शामिल होने वाले छठे नेता होंगे। इससे पहले 1976 में फ्रांस के प्रधानमंत्री जैक्स शिराक गणतंत्र दिवस में शामिल होने वाले पहले नेता थे। इसके बाद 1980 में फ्रांसीसी राष्ट्रपति वैलेरी गिस्कार्ड डी'एस्टेंग, 1998 में राष्ट्रपति जैक्स शिराक, 2008 में राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी और 2016 में राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल हो चुके हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
भारत और फ्रांस के बीच मजबूत रणनीतिक संबंध हैं। दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंधों की स्थापना 26 जनवरी, 1998 को हुई थी। हालांकि, उसके पहले से ही फ्रांसीसी विमान भारत के हवाई बेड़े का हिस्सा रहे हैं। फ्रांस ने श्रीहरिकोटा लॉन्च सेंटर की स्थापना में भी मदद की। दोनों देशों के बीच रक्षा, पर्यटन, अंतरिक्ष, परमाणु और तकनीकी मुद्दों पर कई समझौते हैं। दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता भी है।