कोरोना ड्यूटी में लगे सरकारी कर्मचारी भी वैक्सीनेशन अभियान में फ्रंटलाइन कार्यकर्ता माने जाएंगे- सिसोदिया
भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सीन' को सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने वैक्सीनेशन अभियान की सभी तैयारी पूरी कर ली है। आगामी कुछ ही दिनों में इसकी शुरुआत हो सकती है। इसी बीच दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बड़ी घोषणा की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कोरोना ड्यूटी करने वाले सरकारी शिक्षकों को वैक्सीनेशन अभियान में फ्रंटलाइन कार्यकर्ता के रूप में माना जाएगा।
पहले चरण में तीन करोड़ लोगों को दी जाएगी वैक्सीन
बता दें दोनों वैक्सीनों को मंजूरी मिलने से पहले ही सरकार ने मेगा वैक्सीनेशन अभियान की तैयारी शुरू कर दी थी। तैयारियों का जायजा लेने के लिए दो बार पूरे देश में ड्राई रन (पूर्वाभ्यास) भी आयोजित हो चुका। सरकार ने पहले फेज में तीन करोड़ लोगों को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध कराने की योजना बनाई है। इनमें एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और दो करोड़ फ्रंटलाइन कार्यकर्ता शामिल हैं। शेष प्राथमिकता सूची वाले 27 करोड़ लोगों को जुलाई तक वैक्सीन दी जाएगी।
DDMA की बैठक में उठाया मुद्दा
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार सिसोदिया ने बुधवार को हुई दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) की बैठक में अध्यक्ष और उपराज्यपाल अनिल बैजल और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के समक्ष कोरोना ड्यूटी करने वाले कर्मचारियों को वैक्सीनेशन में फ्रंटलाइन कार्यकर्ता के रूप में शामिल करने का मुद्दा उठाया था। इसके बाद सर्वसम्मति से निर्णय किया गया कि दिल्ली में कोरोना दौरान ड्यूटी करने वाले सभी सरकारी विभागों के कर्मचारियों को फ्रंटलाइन कार्यकर्ता के रूप में वैक्सीन दी जाएगी।
सभी विभागों के कर्मचारियों को किया जाएगा शामिल- सिसोदिया
सिसोदिया ने कहा कि अब तक सरकार की फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं की सूची में केवल पुलिसकर्मी, स्वच्छता कार्यकर्ता और नागरिक सुरक्षा स्वयंसेवक शामिल थे। DDMA की बैठक के निर्णय के बाद अब शिक्षकों के साथ कोरोना ड्यूटी करने वाले दिल्ली जल बोर्ड (DJB), बिजली, राजस्व सहित अन्य विभागों कर्मचारियों को भी इस सूची में शामिल किया जाएगा। सरकार का अनुमान है कि दिल्ली में तीन लाख स्वास्थ्यकर्मी और करीब छह लाख फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को वैक्सीन दी जाएगी।
वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद खोली जा सकती हैं स्कूल
DDMA की बैठक में मौजूद अधिकारी ने बताया कि वैक्सीनेशन शुरू होने के बाद दिल्ली में स्कूलों को फिर से खोला जा सकता है। ऐसे में स्कूलों के खुलने से पहले यही शिक्षकों को वैक्सीन मिल जाती है तो सुरक्षा के लिहाज से ठीक रहेगा।
दिल्ली में सरकारी शिक्षकों की भी लगी थी कोरोना ड्यूटी
कोरोना महामारी में दिल्ली के सरकारी शिक्षकों को प्रवासी मजदूरों के लिए भोजन की व्यवस्था करने तथा अस्थायी आश्रय गृहों के प्रभारी के तौर पर कोरोरा ड्यूटी में लगाया गया था। ये शिक्षकों ने कभी-कभी 12 घंटे या उससे भी अधिक समय के लिए ड्यूटी पर रहे थे। इसी तरह कोरोना मामलों का पता लगाने के लिए सरकार के डोर-टू-डोर सर्वेक्षण कार्यक्रम में भी शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी और अब वैक्सीनेशन अभियान में भी ड्यूटी लगाई जाएगी।
प्राथमिकता सूची में 51 लाख लोगों को किया चिन्हित
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि सरकार ने वैक्सीनेशन अभियान के लिए प्राथमिकता सूची वाले लोगों की सूची लगभग तैयार कर ली है। अब तक करीब 51 लाख लोगों को प्राथमिकता सूची में शामिल किया गया है। वैक्सीनेशन अभियान के दौरान इन लोगों को सबसे पहले वैक्सीन दी जाएगी। इसके बाद अन्य लोगों को नंबर आएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने वैक्सीनेशन शुरू करने के लिए अपने स्तर पर सभी तैयारी कर ली है।