लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों के पलायन पर केंद्र सरकार के निशाने पर केजरीवाल
कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को बसों से दिल्ली की सीमा तक छोड़ने के फैसले के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार के निशाने पर आ गए हैं। उप राज्यपाल अनिल बैजल ने कड़े शब्दों में पत्र लिखते हुए केजरीवाल से कहा है कि लॉकडाउन को प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए दिल्ली सरकार के पास सभी शक्तियां थीं, फिर भी ऐसा नहीं हो सका।
लॉकडाउन की घोषणा के बाद घरों को लौट रहे हैं प्रवासी मजदूर
कोरोना वायरस का प्रसार रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान किया है। ये लॉकडाउन 14 अप्रैल तक चलना है। प्रधानमंत्री मोदी की इस घोषणा के बाद शहरों में काम करने वाले प्रवासी मजदूरों ने पैदल ही अपने गांवों की तरफ पलायन शुरू कर दिया था। भूखे पेट पैदल सफर करते मजदूरों की तस्वीर सामने आने के बाद दिल्ली सरकार ने उन्हें बॉर्डर तक पहुंचाने के लिए 100 बसें लगाईं थीं।
केंद्र का राज्यों का आदेश- प्रभावी तरीके से लागू करें लॉकडाउन
इसके बाद दिल्ली के आनंद विहार अंतरराष्ट्रीय बस अड्डे पर 20,000 से अधिक लोग इकट्ठा हो गए थे। वहीं अन्य राज्यों में भी प्रवासी मजदूरों ने उन्हें घर तक पहुंचाने के लिए बसें चलाने की मांग की। मजदूरों के शहरों से गांव पहुंचने पर लॉकडाउन के बेअसर होने का खतरा है और इसलिए केंद्र सरकार ने राज्यों को अपनी सीमाएं सील करने और लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले प्रवासी मजदूरों को 14 दिन क्वारंटाइन में रखने का आदेश दिया है।
प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने केजरीवाल को फोन कर जाहिर की चिंता
अब केंद्र सरकार ने मजदूरों के लिए बसें चलाने के फैसले के लिए केजरीवाल से सख्त नाराजगी जाहिर की है। खबरों के अनुसार, पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने केजरीवाल को फोन कर मामले पर चिंता जाहिर की और अब उप राज्यपाल अनिल बैजल ने उन्हें पत्र लिखते हुए नाराजगी व्यक्त की है। इस पत्र में प्रवासी मजदूरों को मूलभूत सुविधाएं प्रदान करने में दिल्ली सरकार की असफलता पर नाखुशी जाहिर की गई है।
केजरीवाल से बोले बैजल- आपके पास मौजूद थीं सारी शक्तियां
अधिकारी ने कहा, "पत्र में कहा गया है कि लॉक़डाउन को लागू करने के लिए दिल्ली सरकार को पूर्ण स्वतंत्रता थी और उसके पास सभी जरूरी शक्तियां मौजूद थीं।" बैजल ने दिल्ली सरकार को मानवीय तरीके से प्रवासी मजदूरों को जहां है वहां रहने या सरकारी शेल्टर होम में जाने के लिए मनाने को भी कहा है। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान बिना किसी कटौती के सभी श्रमिकों के वेतन का भुगतान सुनिश्चित करने को भी कहा है।
अमित शाह की बैठक के बाद लिखा पत्र
खबरों के अनुसार, अमित शाह के नेतृत्व में हुई एक बैठक के बाद अनिल बैजल ने ये पत्र लिखा है। इस बैठक के दौरान शाह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को फोन करके किसी भी प्रवासी मजदूर को आवागमन की मंजूरी न देने का आदेश दिया। उन्होंने कहा कि मजदूरों का ये पलायन राष्ट्रीय लॉकाडाउन के उद्देश्य को ही परास्त कर देगा।
दो IAS अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश
इस बीच गृह सचिव अजय भल्ला ने दिल्ली के मुख्य सचिव विजय देव को पत्र लिखकर लॉकडाउन को लागू करने में लापरवाही बरतने वाले दो IAS अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश भी दिया है। इससे पहले विजय देव दिल्ली परिवहन निगम (DTC) को केवल जरूरी सेवाओं में काम करने वाले सरकारी कर्मचारियों और मान्य पास लेकर घूम रहे लोगों को ही बस में चढ़ने देने का आदेश दे चुके हैं।