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दिल्ली: समय से पहले जेल से रिहा हुआ जेसिका लाल हत्याकांड का दोषी मनु शर्मा

दिल्ली: समय से पहले जेल से रिहा हुआ जेसिका लाल हत्याकांड का दोषी मनु शर्मा

Jun 02, 2020
06:08 pm

क्या है खबर?

दिल्ली के मशहूर जेसिका लाल हत्याकांड मामले में उम्रकैद की सजा भुगत रहे दोषी मनु शर्मा को समय से पहले तिहाड़ जेल से रिहा कर दिया गया है। दिल्ली सजा समीक्षा बोर्ड (SRB) की सोमवार को हुई बैठक में 37 लोगों की समय से पहले रिहाई के लिए केस रखे गए थे। इसमें मनु शर्मा सहित 22 दोषियों की रिहाई पर सहमति बनी थी। बोर्ड की सिफारिश के बाद उप राज्यपाल अनिल बैजल ने भी इसे मंजूर कर लिया था।

कारण

बेहतर चाल-चलन के कारण मिली समय से पहले रिहाई

जेल अधिकारियों ने अनुसार मनु का जेल में बेहतर चाल-चलन होने तथा 14 साल की सजा पूरी करने और पैरोल और फैरोल के दौरान भी समय पर वापस आने को लेकर समय से पहले रिहाई दी गई है। इससे पहले भी मनु की रिहाई के लिए SRB के समक्ष पांच बार फाइल भेजी जा चुकी थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल रही थी। इसके बाद नवंबर 2019 में मनु ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

जानकारी

ऐसे मिलती है समय से पहले रिहाई

भारतीय कानून के तहत बलात्कार और हत्या, डकैती और हत्या, आतंकवादी गतिविधि में हत्या और पैरोल पर बाहर जाने के दौरान हत्या करने वाले ऐसे दोषी जो बिना किसी रियायत के 14 साल की सजा पूरी कर लेते हैं। वह जल्द रिहाई के पात्र हैं।

दलील

मनु के वकील ने हाईकोर्ट में दी थी यह दलील

दोषी मनु के वकील अमित साहनी ने हाईकोर्ट में दलील दी थी कि मनु ने सभी छूट के साथ 23 साल की सजा भुगत ली है। जेल में उसका चाल-चलन हमेशा बेहतर रहा है और उसने कभी भी जेल से भागने का प्रयास नहीं किया। इसके बाद SRB ने मनमाने ढंग से उसकी रिहाई की फाइल पर विचार नहीं किया। इस पर गत 11 मई को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने SRB को उस पर विचार करने को कहा था।

प्रकरण

शराब परोसने से मना करने पर की थी हत्या

बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा ने 30 अप्रैल, 1999 को एक एक पार्टी में ड्रिंक परोसने से मना करने के बाद मॉडल जेसिका लाल की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मामले में शर्मा को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। साल 2018 में जेसिका लाल की छोटी बहन सबरीना लाल ने भी उसे माफ कर दिया था और कहा था कि उसे रिहा कर दिया जाए तो कोई आपत्ति नहीं होगी।

बरी

साल 2006 में मनु को बरी करने पर हुआ था विरोध

मामले में एक स्थानीय अदालत ने फरवरी 2006 में मनु शर्मा को बरी कर दिया था। इसका जमकर विरोध हुआ था। उसके बाद मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में ले जाया गया था। हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले का यह कहते हुए बदल दिया था कि उसने मामले के कई सबूतों को नजरअंदाज किया है। इसके बाद दिसंबर 2006 में मनु को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और साल 2010 में सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे बरकरार रखा था।