सुप्रीम कोर्ट ने की कोरोना संक्रमण से मौत पर मुआवजा देने के फैसले की सराहना
कोरोना वायरस संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा और मृत्यु प्रमाण पत्र की नई प्रक्रिया तैयार करने के मामले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने मृतकों के परिजनों को 50,000 रुपये का मुआवजा और मृत्यु प्रमाण पत्र देने के केंद्र सरकार के फैसले के सराहना की और कहा कि भारत ने वह कदम उठाया है, जो किसी अन्य देश नहीं उठाया। इससे महामारी के पीड़ित लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिलेगी।
मुआवजे के लिए दाखिल की गई थी याचिका
बता दें कि कोरोना महामारी से हुई मौतों के बाद कुछ मृतकों के परिजनों ने सरकार से मुआवजे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। इसमें याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि जिनकी कोरोना संक्रमण से मौत हुई है, उनके परिजनों को आपदा अधिनियम के तहत चार लाख रुपये का मुआवजा मिलना चाहिए। याचिकाकर्ताओं ने कोरोना मृत्यु प्रमाण पत्र को लेकर भी कई तरह के सवाल खड़े करते हुए उसके समाधान की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे मुआवजा देने के आदेश
मामले में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को फैसला सुनाते हुए कहा था कि कोरोना महामारी से जान गंवाने वालों को सरकार को आपदा अधिनियम के तहत मुआवजा देना होगा। हालांकि, कोर्ट ने मुआवजा राशि का निर्धारित करने की स्वतंत्रता सरकार को दी थी। कोर्ट ने कहा था कि सभी मौतों पर चार लाख रुपये का मुआवजा नहीं दिया जा सकता है, लेकिन मृतकों के परिजनों को कम से कम मुआवजा तो मिलना ही चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा नीति नहीं बनाने पर केंद्र को लगाई थी फटकार
मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को जल्द मुआवजा नीति तैयार करने तथा मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रक्रिया बनाते हुए उसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था। इसके बाद भी सरकार ने मुआवजा नीति तैयार नहीं की थी। इसको लेकर 3 सितंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। इसके अलावा शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को मामले में 11 सितंबर तक कोर्ट में हलफनामा दाखिल करने के आदेश दिए थे।
केंद्र सरकार ने बुधवार को दी थी मुआवजा देने के फैसले की जानकारी
केंद्र सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर बताया कि देश में कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों के परिजनों को 50,000 रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। मुआवजे की यह राशि सभी राज्य अपने आपदा राहत कोष से मृतकों के परिजनों को देंगे। सरकार ने बताया कि अगली अधिसूचना तक यह मुआवजा राशि दी जाती रहेगी। इसमें उन मृतकों के परिवारों को भी मुआवजा दिया जाएगा जो कोरोना राहत कार्यों में शामिल थे।
क्या रहेगी मुआवजा हासिल करने की प्रक्रिया?
सरकार ने बताया कि मुआवजा राशि प्राप्त करने के लिए मृतकों के परिजनों को जिला स्तरीय आपदा प्रबंधक कार्यालय में आवेदन करना होगा। इसके साथ करोना से हुई मौत का सुबूत यानी मेडिकल प्रमाण पत्र देना होगा। इसके बाद कार्यालय द्वारा यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दावे, सत्यापन, मंजूरी और अनुग्रह राशि के अंतिम भुगतान की प्रक्रिया मजबूत लेकिन सरल और लोगों के अनुकूल प्रक्रिया के माध्यम से हो। सभी दावों का 30 दिन में निपटारा कर दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने की केंद्र सरकार के फैसले की तारीफ
जस्टिस एमआर शाह और एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा, "आज हम बहुत खुश हैं। पीड़ित लोगों को कुछ सांत्वना मिलेगी। हमें खुशी है कि पीड़ित व्यक्ति के आंसू पोंछने के लिए कुछ किया जा रहा है। हमें इस तथ्य का न्यायिक संज्ञान लेना होगा कि भारत ने जो किया है, वह कोई अन्य देश नहीं कर सका।" पीठ ने कहा, "इतनी बड़ी आबादी होने के बावजूद, हमने एक देश के रूप में असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन किया है।"
मृत्यु प्रमाण पत्र को किया जाएगा सही
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यदि किसी के मृत्यु प्रमाण पत्र पर मौत का कारण हार्ट अटैक लिखा है तो भी परिजन संबंधित ऑथरिटी के पास जाकर कोरोना की RT-PCR रिपोर्ट दिखा कर उसे सही करा सकते हैं। इसी तरह यदि किसी व्यक्ति ने कोरोना वायरस संक्रमण के कारण 30 दिन के भीतर आत्महत्या की है तो उसे भी कोरोना से मौत मानते हुए मुआवजा दिया जाएगा। इससे उनके परिजनों को भी राहत मिलेगी।
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