अमेरिका ने फाइजर की कोरोना वैक्सीन को दी इस्तेमाल की पूर्ण मंजूरी
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी दुनिया की जंग के बीच बड़ी खबर आई है।
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने दुनिया को कोरोना वायरस के खिलाफ हाई फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन को पूर्ण इस्तेमाल की मंजूरी (फुल अप्रूवल) दे दी है।
इससे पहले तक इस वैक्सीन का इस्तेमाल आपात इस्तेमाल की मंजूरी के साथ किया जा रहा है। इसी के साथ फाइजर की वैक्सीन पूर्ण मंजूरी हासिल करने वाली पहली वैक्सीन बन गई है।
तकनीक
mRNA तकनीक से तैयार की गई है वैक्सीन
बता दें कि फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन एक नई तकनीक पर आधारित है। इस वैक्सीन को mRNA तकनीक के जरिए बनाया गया है।
इस तकनीक में वायरस के जिनोम का प्रयोग कर कृत्रिम RNA बनाया जाता है जो सेल्स में जाकर उन्हें कोरोना वायरस की स्पाइक प्रोटीन बनाने का निर्देश देता है।
इन स्पाइक प्रोटीन की पहचान कर सेल्स कोरोना की एंटीबॉडीज बनाने लग जाती हैं। मॉडर्ना की संभावित वैक्सीन भी इसी तकनीक पर बनी है।
प्रभावी
95 प्रतिशत प्रभावी मिली थी फाइजर की वैक्सीन
बता दें कि पिछले साल नवंबर में आए इंसानी ट्रायल के अंतिम चरण के नतीजों में फाइजर और उसकी सहयोगी जर्मन कंपनी बायोनटेक की इस वैक्सीन को 95 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था।
इसके साथ ही कंपनी ने यह भी दावा किया है कि वैक्सीन सुरक्षा मानकों पर खरी उतरी है।
इसी तरह द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार इस वैक्सीन की एक खुराक 65 वर्ष से अधिक उम्र वालो पर 60 प्रतिशत प्रभावी है।
मंजूरी
दिसंबर 2020 में मिली थी आपात इस्तेमाल की मंजूरी
बता दें फाइजर की वैक्सीन को सबसे पहले 2 दिसंबर, 2020 को ब्रिटेन ने आपात इस्तेमाल की मंजूरी दी थी। उसके बाद, बहरीन, कनाड़ा, सऊदी अरब, अमेरिका और मैक्सिकों सहित सहित दर्जनों देश इसे मंजूरी दे चुके हैं।
इसी तरह अमेरिका ने 10 मई, 2021 को इस वैक्सीन की 12-15 साल के बच्चों को दी जाने वाली खुराक को भी आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी। वर्तमान में अमेरिका में बच्चों पर इसका प्रभावी उपयोग किया जा रहा है।
जानकारी
अल्फा और बीटा वेरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी रही है वैक्सीन
मई में सामने आए दो अध्ययनों के अनुसार वैक्सीन यूनाइटेड किंगम में पहली बार मिले 'अल्फा' और दक्षिण अफ्रीका में मिले 'बीटा' वेरिएंट के खिलाफ गंभीर बीमार होने या मृत्यु के खतरे को 95 प्रतिशत कम करने वाली पाई गई थी।
बयान
वैक्सीन को पूर्ण मंजूरी मिलना है मील का पत्थर- वुडवॉक
इंडिया टुडे के अनुसार, FDA की कार्यवाहक आयुक्त जेनेट वुडकॉक ने कहा, "कोरोना महामारी से जारी लड़ाई के बीच वैक्सीन को पूर्ण मंजूरी मिलना एक मील का पत्थर है। यह और अन्य वैक्सीन इमरजेंसी यूज ऑथोराइजेसन के FDA के साइंटफिक स्टैंडर्ड को पूरा करते हैं। क्योंकि यह FDA से मंजूरी पाने वाली पहली वक्क्सीन है।"
उन्होंने कहा, "अब लोग बहुत आश्वस्त हो सकते हैं कि वैक्सीन सुरक्षा, सक्रियता और उत्पादन गुणवत्ता के सभी मानकों को पूरा करती है।"
बयान
मंजूरी से लोगों में पैदा होगा आत्मविश्वास- वुडवॉक
वुडवॉक ने कहा, "लाखों लोगों को पहले ही इस वैक्सीन की खुराक ले चुके हैं, लेकिन हम मानते हैं कि वैक्सीन को FDA से पूर्ण मंजूरी मिलने के बाद इसके प्रति संदेह रखने वाले कुछ लोगों में वैक्सीनेशन के लिए अतिरिक्त आत्मविश्वास पैदा होगा।"
भारत
वैक्सीन की पांच करोड़ खुराकों के लिए फाइजर से बात कर रहा है भारत
हाल ही में रिपोर्ट आई थी कि वैक्सीनेशन अभियान को तेज करने के लिए भारत विदेशी कंंपनियों से खुराक खरीद सकता है।
इसमें भारत सरकार के पिछले कुछ समय से फाइजर से संपर्क करने और पांच करोड़ खुराक लेने के प्रयास की बात कही गई थी।
हालांकि, सरकार के साथ बातचीत के बाद भी फाइजर ने भारत में मंजूरी के लिए आवेदन नहीं किया था। ऐसे में इस वैक्सीन को लेकर अभी भी चर्चाओं का दौर जारी है।