पेगागस जासूसी कांड: सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT जांच की मांग, याचिका दायर
पेगासस जासूसी कांड अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। अधिवक्ता एमएल शर्मा ने याचिका दायर कर इस मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में विशेष जांच दल (SIT) से जांच कराने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि पेगासस कांड गहरी चिंता का विषय है। यह भारतीय लोकतंत्र, न्यायपालिका और देश की सुरक्षा पर गंभीर हमला है और 'व्यापक स्तर और बिना जवाबदेही के निगरानी करना नैतिक रूप से गलत है।'
क्या है जासूसी कांड?
रविवार को सामने आईं रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि इजरायली कंपनी NSO ग्रुप के स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल कर कई देशों के पत्रकारों, नेताओं, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और चर्चित हस्तियों की फोन के जरिये जासूसी की गई। भारत में मोदी सरकार के दो पदासीन मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, एक संवैधानिक अधिकारी, कई पत्रकारों और कारोबारियों समेत 1,000 से अधिक लोगों के फोन नंबर इस डाटाबेस में मिले हैं। इस मामले को लेकर भारत की राजनीति गर्माई हुई है।
याचिका में क्या कहा गया है?
याचिका में कहा गया है, "निजता आमतौर पर कुछ छिपाने की इच्छा नहीं होती। यह किसी व्यक्ति के लिए ऐसी जगह होती है, जहां उसके विचार और अस्तित्व किसी दूसरे के उद्देश्यों का हथियार नहीं होते। यह गरिमा के लिए जरूरी तत्व है। इसमें आगे कहा गया है कि पेगासस का इस्तेमाल केवल बातचीत सुनने के लिए नहीं होता बल्कि इसके जरिये व्यक्ति की पूरी डिजिटल जानकारी हासिल कर ली जाती थी। इससे फोन का मालिक असहाय हो जाता था।
आगामी दिनों में होगी सुनवाई
एमएल शर्मा की इस याचिका में कहा गया है कि जासूसी से जुड़े इस खुलासे का राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि सर्विलांस टेक्नोलॉजी विक्रेताओं की बढ़ती संख्या वैश्विक सुरक्षा और मानवाधिकार के लिए परेशानी है। याचिका में रिपोर्ट के हवाले से बताया गया है कि NSO ग्रुप कंपनी के ग्राहकों ने पिछले पांच सालों में लगभग 50,000 फोन नंबर को जासूसी के लिए निशाना बनााय था। इस पर आगामी दिनों में सुनवाई होने की उम्मीद है।
पेगासस एक साइबर हथियार- याचिका
याचिकाकर्ता का कहना है कि पेगासस केवल सर्विलांस टूल न होकर एक साइबर हथियार है, जिसे भारतीय सरकारी तंत्र के खिलाफ इस्तेमाल किया जा रहा है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है। याचिका में इस मामले की जांच और जासूसी करने और पेगासस खरीदने वाले मंत्रियों और सभी आरोपियों के खिलाफ जांच करने और अभियोग चलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में SIT का गठन करने की मांग की गई है।