भारत में 100 लोगों पर होगा स्पूतनिक वैक्सीन का दूसरे चरण का ट्रायल, मिली मंजूरी
रूस की कोरोना वायरस वैक्सीन 'स्पूतनिक-V' का भारत में सीधा तीसरे चरण का ट्रायल नहीं होगा और पहले दूसरे चरण में 100 लोगों पर इसका परीक्षण किया जाएगा। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने गुरूवार को डॉ रेड्डीज लैबोरेटरीज को गुरूवार को ये निर्देश देते हुए दूसरे के ट्रायल की मंजूरी दे दी। ये ट्रायल कब और किस तारीख को किया जाएगा, ये इसका फैसला करने का जिम्मा कंपनी पर छोड़ा गया है।
पहले सीधे तीसरे चरण का ट्रायल करना चाहती थी डॉ रेड्डी लैबोरेटरीज
भारत में स्पूतनिक वैक्सीन का निर्माण और वितरण करने के लिए रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड (RDIF) के साथ समझौता करने वाली डॉ रेड्डी लैबोरेटरीज पहले देश में सीधे तीसरे चरण का ट्रायल करना चाहती थी। हालांकि DCGI ने ये कहते हुए इसकी मंजूरी देने से इनकार कर दिया कि रूस में इस वैक्सीन को शुरूआती ट्रायल के बाद ही लॉन्च कर दिया गया है, ऐसे में भारत में एक बड़ी आबादी पर इसका ट्रायल नहीं किया जा सकता।
प्रस्ताव में बदलाव कर डॉ रेड्डी लैब ने फिर किया आवेदन
DCGI की इस आपत्ति के बाद डॉ रेड्डी लैबोरेटरीज ने अपने प्रस्ताव में बदलाव करके फिर से आवेदन किया और पिछले हफ्ते ही DCGI की विशेषज्ञ समिति ने कंपनी को दूसरे चरण के ट्रायल की मंजूरी देने की सिफारिश की थी। प्रस्ताव के अनुसार, कंपनी दूसरे चरण में 100 और तीसरे चरण में 1,400 लोगों पर अपनी वैक्सीन का ट्रायल करेगी। दूसरे चरण के नतीजों के विश्लेषण के बाद ही कंपनी तीसरे चरण का ट्रायल शुरू कर सकेगी।
अगस्त में लॉन्च हुई थी स्पूतनिक वैक्सीन
बता दें कि स्पूतनिक वैक्सीन को रूसी सेना ने मॉस्को के गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडिमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के साथ साझेदारी में विकसित किया है और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अगस्त में इसे लॉन्च किया था। पुतिन की बेटी और देश के स्वास्थ्य मंत्री समेत तमाम बड़ी हस्तियों को इस वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है और इसके आने वाले कुछ हफ्तों में बड़े पैमाने पर जनता के लिए उपलब्ध होने की उम्मीद है।
शुरूआती ट्रायल के बाद ही लॉन्च कर दी गई है वैक्सीन
कॉमन कोल्ड फैलाने वाले एडिनोवायरस के DNA से बनाई गई रूस की इस वैक्सीन का अभी केवल पहले और दूसरे चरण का ट्रायल पूरा हुआ है। दोनों चरणों में 38-38 लोगों को ये वैक्सीन लगाई गई और इन सभी लोगों में कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी देखने को मिली। वैक्सीन के प्रयोग पर गंभीर साइड इफेक्ट भी नहीं देखने को मिले। वैक्सीन का तीसरे चरण का ट्रायल इसके प्रयोग के साथ-साथ ही चलता रहेगा।
कई देशों में तीसरे चरण का ट्रायल कर रहा है रूस
रूस सऊदी अरब, संयुक्त अरब आमीरात (UAE), ब्राजील और फिलीपींस समेत कई देशों में वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल कर रहा है। इन ट्रायल्स में अलग-अलग आयु वर्ग और जोखिम वाले समूहों के 40,000 लोग शामिल होंगे।
बिना ट्रायल पूरे किए वैक्सीन लॉन्च करने पर सवाल उठा रहे हैं विशेषज्ञ
आमतौर पर किसी भी वैक्सीन को तीसरे चरण का ट्रायल पूरा होने के बाद ही लॉन्च किया जाता है, जिसमें हजारों लोगों को इसकी डोज देकर देखा जाता है कि ये कितनी प्रभावी और सुरक्षित है। वैक्सीन के सुरक्षित न होने पर ये लोगों के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। इसी कारण अमेरिका के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एंथनी फाउची समेत कई विशेषज्ञ बिना ट्रायल पूरे किए वैक्सीन लॉन्च करने के रूस के फैसले पर सवाल उठा चुके हैं।