2024 के अंत से पहले सभी के लिए उपलब्ध नहीं होगी कोरोना वैक्सीन- सीरम इंस्टीट्यूट CEO
दुनिया में कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप थमता नजर नहीं आ रहा है। ऐसे में हर किसी की नजर जल्द से जल्द इसकी वैक्सीन आने पर पर टिकी हुई है। इस बीच दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के CEO ने लोगों की जल्द वैक्सीन आने की उम्मीदों को बड़ा झटका दे दिया है। उन्होंने कहा है कि साल 2024 के अंत से पहले सभी के लिए कोरोना वायरस की पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध नहीं होगी।
दवा कंपनियों ने उत्पादन में तेजी से नहीं की बढ़ोतरी- पूनावाला
न्यूज 18 के अनुसार सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) आदर पुनावाला ने कहा कि 2024 के अंत से पहले सभी को कोरोना वैक्सीन मिलना संभव नहीं है। इसका प्रमुख कारण है कि दवा कंपनियों ने उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी नहीं की है। ऐसे में दुनिया की पूरी आबादी को कम समय में वैक्सीन नहीं पहुंचाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि इस धरती पर सभी को वैक्सीन मिलने में चार-पांच साल का समय लगेगा।
पूनावाला ने बताई थी 15 अरब खुराक की जरूरत
बता दें कि इससे पहले पूनावाला ने कहा था कि अगर कोरोना वायरस वैक्सीन की हर इंसान को खसरा और रोटावायरस की तरह दो खुराक दी जाती है तो दुनिया के सभी लोगों तक पर्याप्त खुराक पहुंचाने के लिए 15 अरब खुराक की जरूरत होगी।
तैयार होने वाली कोरोना वैक्सीन में से 50 प्रतिशत भारत के लिए होंगी
पुणे में संचालित एक परिवार के प्रभुत्व वाली सीरम इंस्टीट्यूट ने दुनिया की पांच अंतरराष्ट्रीय दवा कंपनियों के साथ करार किया है। इनमें एस्ट्राजेनेका और नोवावैक्स भी शामिल हैं। सीरम इंस्टीट्यूट वैक्सीन तैयार करने में जुटा है और उसकी एक अरब खुराक तैयार की जानी हैं। पूनावाला ने दावा किया कि तैयार खुराकों में से 50% भारत के लिए होंगी। वह रूस के गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ 'स्पूतनिक वी' का उत्पादन करने के लिए भी करार कर सकते हैं।
पूनावाला के बयान ने खड़ा किया नेताओं के दावों पर संदेह
कोरोना वैक्सीन के निर्माण में सीरम इंस्टीट्यूट के CEO का बयान बड़ा महत्वपूर्ण है। वर्तमान में यह कंपनी दुनिया के कई देशों के लिए वैक्सीन बनाने और वितरण में लगी है। ऐसे में उनके बयान ने कई राजनेताओं के अगले महीने तक वैक्सीन लाने के दावों पर भी संदेह खड़ा कर दिया है। इस बीच चिंता यह भी है कि यूरोप और अमेरिका द्वारा पहले ही बड़े ऑर्डर दिए जाने के कारण विकाशसील देशों को सबसे आखिरी में वैक्सीन मिलेगी।
कोरोना महामारी के बीच आशावादी बनी रहना चाहती है दुनिया- पूनावाला
पूनावाला ने कहा कि प्रतिबद्धता ने अन्य वैक्सीन निर्माताओं की क्षमताओं को मात दे दी है। उन्हें पता है कि दुनिया इस पर आशावादी रहना चाहती है, लेकिन उन्हें किसी के अभी तक इस स्तर के करीब आने की जानकारी नहीं मिली है। बता दें कि एस्ट्राजेनेका से डील के तहत सीरम इंस्टीट्यूट 68 देशों के लिए और नोवावैक्स के साथ हुई डील के तहत वह 92 देशों के लिए वैक्सीन के उत्पादान और वितरण का कार्य कर रही है।
शुरू हो चुका है एस्ट्राजेनेका का ट्रायल
पूनावाल साइरस पूनावाला के बेटे हैं जो भारत के सातवें सबसे बड़े अमीर हैं। उन्होंने ने कहा कि पिछले हफ्ते ट्रायल के दौरान एक कैंडिडेट के बीमार होने के बाद एस्ट्राजेनेका ने ट्रायल रोक दिया था, लेकिन अब यह ट्रायल दोबारा शुरू हो गया है।
भारत में वैक्सीन वितरण में होगी बड़ी परेशानी
पूनावाला ने अप्रैल में कोरोना वैक्सीन के बड़े पैमाने पर उत्पादन के लिए 60 करोड़ ग्लास शीशियों और अन्य विवरणों को तैयार करने का ऑर्डर दिया था। हालांकि, उन्होंने भारत में वैक्सीन के वितरण पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि भारत में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में वैक्सीन को सुरक्षित तरीके से 140 करोड़ लोगों तक पहुंचाने में कोल्ड चेन की आवश्यकता होगी। यह एक बड़ा ही मुश्किल काम है।
दुनिया और भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक 2.89 करोड़ लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं और 9.22 लाख लोगों की मौत हुई है। सबसे अधिक प्रभावित अमेरिका में लगभग 65.19 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और 1.94 लाख लोगों की मौत हुई है। भारत में संक्रमितों की संख्या 48,46,427 है और 79,722 की मौत हो चुकी है। तीसरे नंबर पर काबिज ब्राजील में 43.30 लाख संक्रमितों में से लगभग 1.32 लाख मरीजों की मौत हुई है।