रूस का दावा- अगले महीने मिलना शुरू हो जाएगी कोरोना वायरस की वैक्सीन
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में हाहाकार मचा रखा है। वर्तमान में दुनिभयार में संक्रमितों की संख्या 1.46 करोड़ के पार पहुंच गई है। ऐसे में वैक्सीन को इस महामारी को हराने के एकमात्र रास्ते के तौर पर देखा जा रहा है। वर्तमान में मॉडर्ना इंक, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड आदि की वैक्सीन इंसानी ट्रायल के विभिन्न चरणों में हैं। इस बीच रूस ने अपनी वैक्सीन अगले महीने उपलब्ध होने का दावा किया है।
क्लिनिकल ट्रायल के लिए चुने गए वॉलेंटियर्स को दी जा रही है छुट्टी
'टाइम्स ऑफ इंडिया' की रिपोर्ट के अनुसार, मॉस्को स्थित सेशेनोव स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी के मेडिसिन डिपार्टमेंट के डायरेक्टर वादिम तारासोव ने कहा कि उन्होंने कोरोना वायरस महामारी के लिए जिम्मेदार वायरस Sars-Cov-2 की वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल का पहला और दूसरा चरण सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया है। वॉलेंटियर्स के पहले ग्रुप को छुट्टी दे दी गई है तथा दूसरे ग्रुप को छुट्टी दी जा रही है। अब जल्द ही ह्यूमन ट्रायल का तीसरा चरण शुरू किया जाएगा।
बनेगी सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध होने वाली पहली वैक्सीन
इस वैक्सीन का निर्माण गमलेया इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी द्वारा किया गया है। शोधकर्ताओं को तीसरे चरण के ट्रायल सफल होने के बाद वैक्सीन के अगस्त तक सार्वजनिक उपयोग के लिए उपलब्ध होने की उम्मीद है। रूस के महामारी रोग विशेषज्ञों ने बताया कि वह वैक्सीन को बाजार में उतारने के साथ-साथ इसके तीसरे चरण का क्लनिकल ट्रायल भी करेंगे। वैक्सीन को बाजार में उतारने के लिए यह चरण सबसे महत्वपूर्ण है।
रूसी स्वास्थ्य मंत्री ने कही तीसरे चरण का ट्रायल साथ ही करने की बात
रूसी स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि यह आवश्यक होगा कि प्रस्तावित वैक्सीन के तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल एक साथ किया जाए। इससे वैक्सीन को समय पर सार्वजनिक उपभोग के लिए लॉन्च किया जा सकेगा। इससे लोगों को राहत मिलेगी।
18 जून को हुई थी ह्यूमन ट्रायल की शुरुआत
रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने गत 16 जून को वैक्सीन के ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी दी थी। सेशेनोव यूनिवर्सिटी ने 18 जून को चयनित 38 वॉलेंटियर्स पर इस वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया था और यह एक महीने में पूरा हो गया। किसी भी वॉलेंटियर्स पर वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स देखने को नहीं मिले हैं। वॉलेंटियर्स के पहले ग्रुप को 15 जुलाई तथा दूसरे को सोमवार को छुट्टी दी गई है। वॉलेंटियर्स को 28 दिन आइसोलेशन में रखा गया।
क्या उपयोग के लिए पूरी तरह से सुरक्षित होगी वैक्सीन?
रूस द्वारा तैयार वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के दो चरण पूरे होने के बाद अब इसकी प्रभाविकता पर बहस शुरू हो गई है। रूसी चिकित्सा अधिकारियों का दावा है कि वैक्सीन WHO के मानकों के अनुसार उपयोग के लिए सुरक्षित है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन पूरी तरह वर्तमान में बाजार में मौजूद अन्य वैक्सीनों की तरह सुरक्षित है। इसके उपयोग से किसी को कोई परेशानी नहीं होगी। अब इसका उत्पादन बढ़ाने की योजना बनाई जा रही है।
वैक्सीन निर्माण में आगे चल रही है ये कंपनियां
बता दें कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता और अमेरिकी बायोटेक कंपनी मॉडर्ना कोरोना वैक्सीन विकसित करने में फिलहाल सबसे आगे चल रही है। दोनों ही कंपनियों के शुरूआती ट्रायल में वैक्सीन सुरक्षित साबित हुई है और कोरोना वायरस के खिलाफ इम्युनिटी पैदा करने में भी सफल रही हैं। इसके अलावा एक चीनी कंपनी की वैक्सीन का भी अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है और इसके पहले चरण के नतीजे भी उत्साहजनक हैं।
दुनिया और रूस में यह है कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति
बता दें कि वर्तमान में दुनियाभर में संक्रमितों की संख्या 1.47 करोड़ के पार पहुंच गई है। इनमें से 6.09 लाख लोगों की मौत हो गई और लगभग 88 लाख उपचार के बाद ठीक हो गए हैं। इस समय रूस 7.77 लाख संक्रमितों के साथ चौथा सबसे प्रभावित देश बना हुआ है। यहां अब तक 12,427 लोगों की मौत हो चुकी है और 5.53 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं। वर्तमान में देश में 2,11,457 सक्रिय मामले हैं।