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उत्तर प्रदेश: 1.09 करोड़ उपभोक्ताओं ने कभी नहीं भरा बिजली बिल, लगभग 68,000 करोड़ रुपये बकाया

उत्तर प्रदेश: 1.09 करोड़ उपभोक्ताओं ने कभी नहीं भरा बिजली बिल, लगभग 68,000 करोड़ रुपये बकाया

Oct 23, 2020
01:55 pm

क्या है खबर?

उत्तर प्रदेश में एक करोड़ से अधिक ऐसे उपभोक्ता हैं जिन्होंने आज तक बिजली का बिल ही नहीं दिया है। उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) के चेयरमैन और अपर मुख्य ऊर्जा सचिव अरविंद कुमार ने गुरूवार को ट्वीट करते हुए ये जानकारी दी। उन्होंने कहा कि ये उपभोक्ता राज्य के कुल बिजली उपभोक्ताओं के 38 प्रतिशत से अधिक हैं और कभी बिल न भरने वाले उपभोक्ताओं में से लगभग 96 प्रतिशत ग्रामीण इलाकों से हैं।

जानकारी

2.83 करोड़ उपभोक्ताओं में से 1.09 करोड़ ने आज तक नहीं भरा बिल

अरविंद कुमार ने अपने ट्वीट्स में बताया कि उत्तर प्रदेश में कुल 2.83 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं जिनमें से 38 प्रतिशत यानि 1.09 करोड़ ने कनेक्शन कराने के बाद आज तक कभी बिल नहीं भरा है। UPPCL के सूत्रों ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि इन उपभोक्ताओं पर बिजली विभाग के लगभग 68,000 करोड़ रुपये बकाया हैं। बिल न देने वाले उपभोक्ताओं में सबसे अधिक पूर्वांचल से हैं, वहीं इसके बाद मध्यांचल, दक्षिणांचल और पश्चिमांचल का नंबर आता है।

आंकड़े

पूर्वांचल में 43 लाख तो मध्यांचल में 33.45 लाख ने नहीं भरा बिल

UPPCL के अनुसार, पूर्वांचल डिस्कॉम के 83 लाख बिजली उपभोक्ताओं में से 43 लाख ने आज तक कोई बिल नहीं भरा है। इनमें से 3.78 लाख उपभोक्ता ऐसे हैं जिन पर एक लाख रुपये से अधिक बकाया है। दूसरे नंबर पर काबिज मध्यांचल जिसमें राजधानी लखनऊ जैसे इलाके आते हैं, वहां 79 लाख में से 33.45 लाख उपभोक्ताओं ने बिजली कनेक्शन कराने के बाद बिल नहीं भरा है। इनमें से 1.7 लाख पर एक लाख रुपये से अधिक बकाया है।

डाटा

अन्य इलाकों का कुछ ऐसा हाल

दक्षिणांचल डिस्कॉम में 55 लाख बिजली उपभोक्ताओं में से 22 लाख से अधिक ने आज तक बिजली का बिल नहीं भरा है। वहीं पश्चिमांचल में 65 लाख में से 10 लाख ने कोई बिल नहीं भरा है और उसका प्रदर्शन सबसे बेहतर है।

बयान

चेयरमैन ने जताई बिल न देने वाले उपभोक्ताओं में फर्जी नाम होने की आशंका

चेयरमैन अरविंद कुमार ने अपने ट्वीट में कभी बिल न देने वाले उपभोक्ताओं में से बड़ी संख्या के फर्जी होने की आशंका जताते हुए कहा कि इन उपभोक्ताओं को ढूढ़ना और ये पता करना कि कितनी वसूली हो सकती है, बिजली अधिकारियों के लिए एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा, "आपूर्ति करने के लिए UPPCL के लिए बिजली खऱीदना जरूरी है। अगर लोग बिल नहीं भरते तो हमारे पास बिजली खऱीदने के लिए पर्याप्त राशि नहीं है।"

उदाहरण

मध्यांचल में 2.5 लाख उपभोक्ताओं को दो बार भेजा गया बिल

अरविंद कुमार के इस बयान को मध्यांचल डिस्कॉम के उदाहरण से समझा जा सकता है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड लखनऊ (MVVNL) के मैनेजिंग डायरेक्टर सूर्यपाल गंगवार के अनुसार, यहां बिल न देने वाले कुल 33.45 लाख उपभोक्ताओं में से वे अब तक 2.5 लाख ऐसे उपभोक्ताओं को ढूढ़ चुके हैं, जिन्हें तकनीकी खामी के कारण दो बार बिल भेजा गया है। अधिकारियों ने कहा कि इन कमियों के बावजूद बिल न देने वाले उपभोक्ताओं की संख्या बेहद अधिक है।

बयान

अधिकरी बोले- इसी कारण पूर्वांचल वितरण कंपनी का निजीकरण कर रही है सरकार

UPPCL के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ये स्थिति राज्य सरकार के आसान किश्त योजना और वन टाइम सैटलमेंट योजना जैसी योजनाएं चलाने के बावजूद है, जिनमें उपभोक्ताओं के बिल पर लगने वाली ब्याज और सरचार्ज को माफ कर दिया जाता है। अधिकारियों के अनुसार, ये आंकड़े पूर्वांचल वितरण कंपनी का निजीकरण करने के उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले का एक बड़ा कारण हैं। इस इलाके में आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, बस्ती और प्रयागराज आदि इलाके आते हैं।

जानकारी

बिजली लाइन के घाटे को 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य लेकर चल रही है सरकार

गौरतलब है कि ये आंकड़े ऐसे समय पर आए हैं जब राज्य सरकार बिजली लाइन के घाटे को 15 प्रतिशत तक सीमित करने का प्रयास कर रही है, ताकि चौबीसों घंटे बिजली प्रदान की जा सके। अभी घाटा 30 प्रतिशत से अधिक है।