भारत में ओमिक्रॉन वेरिएंट के कम्युनिटी ट्रांसमिशन चरण में पहुंचने के क्या हैं मायने?
क्या है खबर?
कोरोना वायरस के बेहद संक्रमण ओमिक्रॉन वेरिएंट के सामने आने के बाद से देश में महामारी की तीसरी लहर चल रही है।
प्रतिदिन लाखों की संख्या में नए मामले सामने आ रहे हैं। तमाम पाबंदियों के बाद भी संक्रमण का प्रसार नहीं थम रहा है।
इसी बीच रविवार को भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) ने कहा कि ओमिक्रॉन वेरिएंट देश में कम्युनिटी ट्रांसमिशन के चरण में पहुंच गया है।
आइए जानते हैं कि इसके क्या मायने हैं।
पृष्ठभूमि
INSACOG ने की है कम्युनिटी ट्रांसमिशन की पुष्टि
INSACOG की ओर से कहा गया है कि ओमिक्रॉन अब भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन के चरण में है और कई मेट्रो शहरों में सबसे हावी वेरिएंट बन चुका है, जहां नए मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
इसी तरह भारत में अच्छे-खासे अनुपात में ओमिक्रॉन का सब-वेरिएंट BA.2 मौजूद है और इसलिए S जीन के ड्रॉपआउट पर आधारित स्क्रीनिंग (जीनोम सीक्वेंसिंग) से बड़ी संख्या में (टेस्ट्स के) गलत नेगेटिव आ सकते हैं। ऐसे में यह बड़ी चिंता का विषय है।
जानकारी
नया B.1.640.2 वेरिएंट नहीं है चिंता का कारण- INSACOG
कोरोना के नए B.1.640.2 वेरिएंट पर INSACOG ने कहा कि इस पर निगरानी जारी है और अभी इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ये तेजी से फैल रहा है। ये इम्युनिटी को चकमा दे सकता है, लेकिन ये 'वेरिएंट ऑफ कंसर्न' नहीं है।
सवाल
आखिर क्या होता है कम्युनिटी ट्रांसमिशन?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब शुरू होता है, जब कोई व्यक्ति संक्रमित पाया जाए, लेकिन यह पता न चले कि वह व्यक्ति संक्रमित कैसे हुआ। यानी उसके संक्रमण के स्त्रोत का पता नहीं चलने पर कम्युनिटी ट्रांसमिशन माना जाएगा।
अगर कोई ऐसा व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है जो न तो कोरोना से प्रभावित देशों से लौटा है और न ही किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया है तो इसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन का मामला माना जाएगा।
चिंता
क्या चिंता का कारण है कम्युनिटी ट्रांसमिशन?
न्यूज 18 के अनुसार, वारयस का कम्युनिटी ट्रांसमिशन चरण में पहुंचना चिकित्सा विशेषज्ञों के लिए बड़ी चिंता का कारण है।
इसमें वायरस समुदाय के बीच मौजूद तो रहता है, लेकिन यह कोई नहीं जान सकता कि वह कहां से आया या फिर उसकी उत्पत्ति कैसे हुई। उससे यह बिना रुकवाट के पूरी आबादी में फैल जाता है और चिकित्सा विशेषज्ञ या शोधकर्ता भी अपने प्रयासों के बाद भी इसके प्रसार को रोक नहीं पाते हैं।
बयान
सरकार ने पहले क्या दिया था बयान?
इससे पहले सरकार ने कहा था कि महामारी मामलों के एक विशेष समूह के साथ चरम स्तर पर है। इनकी पहचान कर ली गई है और ये बाहर से मामलों से जुड़े नहीं है। इसे कम्युनिटी ट्रांसमिशन से कम जोखिम वाली स्थिति माना जाता है।
सरकार ने संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की पहचान कर उनका परीक्षण कराया और उन्हें आइसोलेट कर दिया, लेकिन तमाम प्रयासों के बाद भी अब यह वायरस कम्युनिटी ट्रांसमिशन चरण में पहुंच गया है।
मदद
कम्युनिटी ट्रांसमिशन की घोषणा से क्या कोई मदद मिलेगी?
दिल्ली के कैंसर विशेषज्ञ डॉ अंशुमान कुमार ने कहा, "किसी भी वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन के चरण में पहुंचने की घोषणा से संक्रमण को रोकने के लिए रणनीति बनाने में मदद मिलती है। इसे इंडेक्स वायरस के संक्रमण के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो प्रमुख रूप से उन व्यक्तियों में पाया जाता है जिनका कोई यात्रा इतिहास या संक्रमित व्यक्तियों के साथ कोई संपर्क नहीं है।"
ऐसे में सरकार अब इसके हिसाब से रणनीति तैयार करेगी।
सवाल
कम्युनिटी ट्रांसमिशन की घोषणा के बाद क्या है आगे का रास्ता?
दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के मेडिसिन विभाग के अतिरिक्त प्रोफेशर डॉ नीरज निश्चल ने कहा, "ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा की तुलना में अधिक संक्रामक तो है, लेकिन यह लोगों को गंभीर रूप से बीमार नहीं कर रहा है। ऐसे में यह वेरिएंट भी समय के साथ बदल जाएगा।"
उन्होंने कहा, "इसके कम्युनिटी ट्रांसमिशन चरण में पहुंचने से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि उपचार की प्रक्रिया पहले जैसी ही रहेगी।"
प्रसार
घरेलू संक्रमण के जरिए होगा ओमिक्रॉन का प्रसार- INSACOG
इससे पहले INSACOG ने कहा था कि अब भारत में ओमिक्रॉन का प्रसार विदेशी यात्रियों से न होकर आंतरिक प्रसार के जरिए होगा। बदलती परिस्थितियों के बीच जीनोम सर्विलांस के लक्ष्यों को पूर्ण करने के लिए सैंपलिंग और सीक्वेंसिंग की नई रणनीति भी बनाई जाएगी।
कंसोर्टियम ने यह भी कहा कि कोरोना वायरस के सभी तरह के वेरिएंट्स से सुरक्षा प्रदान करने में वैक्सीनेशन और कोविड उपयुक्त व्यवहार प्रमुख हथियार बना रहेगा।
संक्रमण
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 2,55,874 नए मामले सामने आए और 614 मरीजों की मौत दर्ज हुई।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,97,99,202 हो गई है। इनमें से 4,90,462 लोगों की मौत हुई है। सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 22,36,842 हो गई है।
ओमिक्रॉन वेरिएंट के कारण मामलों में यह उछाल देखने को मिल रहा है। देश में आधिकारिक तौर पर ओमिक्रॉन के 10,000 से अधिक मामले आ चुके हैं।