भारत-चीन के रक्षा मंत्रियों की होगी बैठक, अगले हफ्ते लाओस में मिलेंगे दोनों नेता- रिपोर्ट
भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अपने चीनी समकक्ष डोंग जून के साथ बैठक करेंगे। यह बैठक अगले हफ्ते लाओस में होने वाले आसियान रक्षा मंत्रियों प्लस (MDMM-प्लस) शिखर सम्मेलन के दौरान होगी। इस सम्मेलन में भाग लेने के लिए रक्षा मंत्री सिंह 20 से 22 नवंबर तक लाओस दौरे पर रहेंगे। बता दें कि भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया के बाद ये पहली उच्च स्तरीय बैठक होगी।
लाओस में होगी बैठक
NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच लाओस में 20 नवंबर से शुरू होने वाले 2 दिवसीय आसियान शिखर सम्मेलन के इतर ये बैठक होगी। इससे पहले पिछले साल अप्रैल में राजनाथ सिंह ने चीन के तत्कालीन रक्षा मंत्री ली शांगफू के साथ बैठक की थी। शांगफू शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के लिए दिल्ली आए हुए थे। दिसंबर, 2023 में चीन ने डोंग को नया रक्षा मंत्री नियुक्त किया था।
रूस में मिले थे मोदी-जिनपिंग
पिछले महीने रूस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हुई थी। BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान हुई मुलाकात में दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग के महत्व पर जोर दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सीमा पर शांति बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। वहीं, जिनपिंग ने कहा था कि चीन और भारत के बीच सकारात्मक संबंध बनाए रखना दोनों देशों और उनके नागरिकों के मूल हितों के अनुरूप है।
दोनों देशों ने LAC से सैनिक हटाए
दोनों देशों ने कई महीने तक चली कई स्तर की वार्ता के बाद LAC पर से अपने सैनिक पीछे हटा लिए थे। समझौते के बाद दोनों के सैनिक अप्रैल, 2020 से पहले की स्थिति में लौट आए हैं। 31 अक्टूबर को दिवाली के अवसर पर चीन और भारत के सैनिकों ने एक-दूसरे को मिठाई भी खिलाई थी। एक नवंबर से लद्दाख के पूर्व में स्थित डेमचोक सेक्टर में भारतीय सैनिकों ने गश्त भी शुरू कर दी है।
गलवान घाटी हिंसा के बाद बिगड़े थे संबंध
भारत और चीन के बीच अप्रैल, 2020 से LAC पर तनाव बना हुआ था। तब चीन ने पूर्वी लद्दाख के कई इलाकों में घुसपैठ कर दी थी। उसकी इस हरकत के बाद गलवान घाटी, पैंगोंग त्सो और गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स इलाकों में दोनों सेनाएं आमने-सामने आ गई थीं और 15 जून, 2020 को गलवान में तनाव हिंसा में बदल गया। इस खूनी संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए तो कई चीनी सैनिकों भी मारे गए।