भारत-चीन सीमा विवाद: पैंगोंग झील पर क्या स्थिति थी और अभी क्या समझौता हुआ?
क्या है खबर?
भारत और चीन के बीच पैंगोंग झील के उत्तरी और दक्षिणी किनारे पर सेनाओं को पीछे हटाने पर सहमति बन गई है और इस सहमति पर अमल भी शुरू हो गया है। दोनों पक्ष चरणबद्ध तरीके से सेनाओं को पीछे हटाएंगे और इसके बाद ही टकराव की अन्य जगहों पर सेनाएं पीछे हटाने पर बातचीत होगी।
आइए आपको विस्तार से समझाते हैं कि पैंगोंल झील पर क्या स्थिति थी और अभी दोनों देशों के बीच क्या समझौता हुआ है।
दावा
पैंगोंग झील के इलाके को लेकर किसका क्या दावा?
पूर्वी लद्दाख स्थित पैंगोंग झील को लेकर भारत और चीन अलग-अलग दावे करते हैं और इसे लेकर दशकों से विवाद है।
इसके उत्तरी किनारे पर फिंगर्स एरिया है जहां पहाड़ों और घाटियों की स्थिति हाथ की उंगलियों की तरह है। यहां चीन भारत की तरफ स्थित फिंगर दो तक अपना दावा करता है, वहीं भारत चीन की तरफ स्थित फिंगर आठ तक के इलाके को अपना बताता है।
इसी तरह दक्षिणी किनारे की पहाड़ियों को लेकर भी अलग-अलग दावे हैं।
टकराव
समझौते से पहले क्या स्थिति थी?
पिछले साल अप्रैल-मई में चीनी सैनिकों ने पैंगोंग झील के फिंगर्स एरिया में घुसपैठ कर दी और फिंगर आठ से फिंगर चार तक के इलाके पर कब्जा कर लिया।
जब कई दौर की बातचीत के बाद भी चीन ने यहां से अपने सैनिक पीछे नहीं हटाए तो भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए दक्षिणी किनारे पर स्थित कई चोटियों पर कब्जा कर लिया।
तभी से उत्तरी किनारे पर चीन और दक्षिणी किनारे पर भारत का दबदबा था।
समझौता
अभी क्या समझौता हुआ है?
अभी भारत और चीन के बीच पैंगोंग झील के दोनों किनारों, उत्तरी और दक्षिणी, पर सैनिक पीछे हटाने पर समझौता हुआ है।
इसके तहत दोनों देशों अग्रिम मोर्चे पर खड़े अपने सैनिकों को चरणबद्ध, कॉर्डिनेटेड और वेरिफाइड तरीके से पीछे हटाएंगे।
उत्तरी किनारे पर चीन अपने सैनिकों को फिंगर आठ तक पीछे हटाएगा, वहीं भारत अपने सैनिकों को फिंगर तीन पर स्थित अपनी धन सिंह थापा पोस्ट तक पीछे हटाएगा। दक्षिणी किनारे पर भी इसी तरह सैनिक पीछे हटाए जाएंगे।
अन्य सहमतियां
इन मुद्दों पर भी बनी सहमति
समझौते के तहत दोनों देशों में उत्तरी किनारे पर सभी तरह की सैन्य गतिविधियों को अस्थाई तौर पर स्थगित करने पर भी सहमति बनी है और इसमें पारंपरिक गश्त भी शामिल है। सैन्य और राजनयिक स्तर पर आगे बातचीत और समझौते के बाद ही गश्त को फिर से शुरू किया जाएगा।
इसके अलावा दोनों देशों में अप्रैल, 2020 के बाद विवादित इलाकों में जो निर्माण किए गए, उन्हें हटाने पर भी सहमति बनी है।
बातचीत
पैंगोंग झील पर सैनिक पीछे हटाने के 48 घंटे के अंदर होगी अगली बातचीत
संसद को समझौते की जानकारी देते हुए भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पैंगोंग झील पर सैनिकों के पूरी तरह से पीछे हटने के 48 घंटे के अंदर दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य कमांडरों की अगली दौर की बातचीत होगी और इसमें अन्य विवादित मुद्दों के समाधान की कोशिश की जाएगी।
उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल के तहत जल्द से जल्द सभी सैनिक पीछे हटा लिए जाएं।