
स्वास्थ्य का अधिकार देने वाला पहला राज्य बना राजस्थान, सहमति के बाद डॉक्टरों की हड़ताल खत्म
क्या है खबर?
राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार (RTH) अधिनियम लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि राज्य सरकार और प्रदर्शनकारी डॉक्टरों के बीच सहमति बन गई है। इसी के साथ निजी डॉक्टरों की हड़ताल भी खत्म हो गई है।
पिछले महीने राजस्थान विधानसभा में स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक पारित होने के बाद इसके विरोध में डॉक्टर कई जिलों में लगातार प्रदर्शन कर रहे थे।
ट्वीट
मुख्यमंत्री गहलोत ने ट्वीट कर की घोषणा
गहलोत ने स्वास्थ्य का अधिकार अधिनियम लागू करने की घोषणा करते हुए ट्वीट किया, 'मुझे प्रसन्नता है कि राइट टू हेल्थ (स्वास्थ्य का अधिकार) पर सरकार और डॉक्टर्स के बीच अंततः सहमति बनी और राजस्थान राइट टू हेल्थ लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है। मुझे आशा है कि आगे भी डॉक्टर-पेशेंट रिलेशनशिप यथावत रहेगी।'
राजस्थान सरकार में स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने पहले कहा था कि सरकार विधेयक को किसी भी कीमत पर वापस नहीं लेगी।
विधेयक
क्या है स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक?
राजस्थान में सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई सुविधाएं प्रदान करने के लिए स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक लेकर आई है।
इसमें निजी अस्पतालों को आपातकालीन स्थिति में बिना किसी भुगतान के भी मरीज का इलाज के लिए बाध्य किया गया है। विधेयक के खिलाफ ऑल राजस्थान इन सर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन (ARISDA) से जुड़े डॉक्टर पिछले कई दिनों से कार्य बहिष्कार कर रहे थे।
राजस्थान देश का पहला राज्य है, जहां इस तरह का विधेयक लाया गया है।
सहमति
8 सूत्री समझौते पर बनी सहमति
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम सोसाइटी (PHNHS) और यूनाइटेड प्राइवेट क्लीनिक एंड हॉस्पिटल्स ऑफ राजस्थान (UPCHAR) के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें आठ सूत्री समझौते पर सहमति बनी।
द इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, राजस्थान IMA के अध्यक्ष सुनील चुघ ने बताया कि अब 98 प्रतिशत निजी अस्पताल RTH के दायरे से बाहर आ गए हैं, इसलिए हड़ताल खत्म की जा रही है।
समझौता
किन-किन मुद्दों पर हुआ समझौता?
राजस्थान सरकार और डॉक्टरों के बीच हुए समझौते के अनुसार, 50 बेड से कम वाले निजी मल्टी-स्पेशलिटी अस्पतालों को RTH के दायरे से बाहर कर दिया गया है।
इसके अलावा रियायती दर पर भूमि या भवन जैसी सरकार से कोई सुविधा लिए बिना स्थापित सभी निजी अस्पताल भी RTH अधिनियम के अधीन नहीं आएंगे।
प्रदर्शन के दौरान पुलिस द्वारा डॉक्टरों के खिलाफ दर्ज किए गए सभी मामलों को भी वापस लिया जाएगा।
दायरा
RTH के तहत कौन से अस्पताल होंगे शामिल?
RTH के तहत चार श्रेणी के अस्पताल शामिल होंगे।
इनमें सभी सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर स्थापित अस्पताल, सरकार से मुफ्त या रियायती दरों पर जमीन लेकर स्थापित अस्पताल और किसी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित या सरकार द्वारा वित्त पोषित अस्पताल शामिल होंगे।
सभी अस्पतालों के लाइसेंस और अन्य स्वीकृतियों के लिए एकल खिड़की प्रणाली की व्यवस्था भी की जाएगी।