सचिन पायलट के दावे पर गहलोत बोले- मेरे काम के कारण हुई थी 2018 में जीत
क्या है खबर?
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच एक बार फिर बयानबाजी तेज हो गई है।
गुरुवार को गहलोत ने कहा कि राज्य में कांग्रेस की 2018 में सत्ता में वापसी उनके पिछले कार्यकाल में किए गए कामों के कारण हुई और उनका लक्ष्य अब 156 सीटें जीतना है।
इससे पहले पायलट ने बयान दिया था कि उनके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए किए कामों के कारण राजस्थान में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई।
बयान
सचिन पायलट ने क्या कहा था?
पायलट ने पिछले दिनों बयान दिया था कि 2013 से 2018 तक उनके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने कड़ी मेहनत की थी और इसी का नतीजा रहा कि राजस्थान में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई।
इससे पहले भी पायलट कई बार 2018 विधानसभा चुनाव में मिली जीत का श्रेय खुद को दे चुके हैं। पायलट का मानना है कि अब युवाओं को बागडोर संभालने का मौका मिलना चाहिए।
बयान
गहलोत ने क्या जवाब दिया?
गहलोत ने पायलट का नाम लिए बिना कहा कि 2013 की हार काफी हद तक 'मोदी लहर' के कारण हुई थी।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, "वो जो माहौल बनता है, वो भी एक बड़ा कारण होता है सरकार वापस आने का। बाकी कारण तो होते ही हैं हमारे कार्यकर्ता, हमारी पार्टी संघर्ष करती है, सड़कों पर उतरती है। हालांकि, (जनता के) दिमाग में था कि पिछली बार हमने 2013 में सरकार बदलकर गलती कर दी।"
बयान
जनता के बीच नहीं है कोई सत्ता विरोध भावना- गहलोत
गहलोत ने दावा किया कि भाजपा के पास उनकी सरकार के खिलाफ बोलने के लिए अब कोई मुद्दा नहीं है और उन्हें लगता है कि कांग्रेस की सत्ता में जरूर वापसी होगी क्योंकि जनता के बीच कोई सत्ता विरोधी भावना नहीं है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये कामों की पूरे देश में सराहना हुई और कर्मचारियों में पुरानी पेंशन बहाली की मांग पूरी होने से खुशी है।
बयान
गहलोत ने कहा- आखिरी सांस तक करूंगा संघर्ष
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपनी सरकार बचाने और लोगों की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है और अपनी आखिरी सांस तक वो ऐसा करते रहेंगे और उनकी राजनीति सेवा की राजनीति है।
उन्होंने दावा किया, "मेरा मानना है कि इस बार चार साल बाद जनता में सरकार विरोधी लहर नहीं है। मुख्यमंत्री (गहलोत) को बहुत अच्छा आदमी कहा जाता है, यह मैं नहीं कह रहा, लोग कह रहे हैं।"
विधानसभा चुनाव
156 सीटें जीतने का है हमारा लक्ष्य- गहलोत
गहलोत ने कहा, "हमारा रास्ता बिलकुल साफ है। जब हमने 1998 में सरकार बनाई थी, तब 156 सीटें आई थीं। उस समय मैं प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष था तो मैं चाहूंगा कि हम लोग मिशन 156 लेकर चलें। इसके लिए हमने काम शुरू कर दिया है।"
गहलोत ने कहा कि 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान उनके विधायकों ने उनका साथ नहीं छोड़ा और पार्टी में हुई बगावत के दौरान उनकी सरकार बचाने में पूरा सहयोग किया।
विवाद
गहलोत और पायलट के बीच क्यों है विवाद?
गहलोत और पायलट के बीच विवाद 2018 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने से बना हुआ है।
उस दौरान शीर्ष नेतृत्व ने गहलोत को पायलट पर तरजीह देते हुए मुख्यमंत्री बना दिया था। इसके बाद पायलट ने किनारे करने का आरोप लगाते हुए जुलाई, 2020 में बगावत कर दी थी।
हालांकि, धीरे-धीरे उनके समर्थन विधायकों की संख्या घटती गई और वह अकेले पड़ गए। बाद में उन्होंने राहुल और प्रियंका गांधी के आश्वासन पर बगावत खत्म कर दी थी।