#NewsBytesExplainer: पुलवामा हमले को हुए 4 साल, अभी कहां हैं मुख्य गुनहगार?
पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने चार साल पहले आज ही के दिन पुलवामा हमले को अंजाम दिया था। 14 फरवरी, 2019 को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर हुए इस आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। हमले की साजिश रचने वाला मुख्य आरोपी मसूद अजहर आज भी पाकिस्तान में छिपा बैठा है, जबकि उसके कई साथी मारे गए हैं। आइये जानते हैं कौन से गुनहगार मारे गए हैं और कितने बाकी और कहां हैं।
मसूद अजहर
पुलवामा आतंकी हमले की योजना जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर ने ही बनाई थी और उसे इस हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया गया था। मसूद अजहर अभी पाकिस्तान में छिपा बैठा है। पाकिस्तान उसे पनाह देने की बात से साफ इनकार करता आया है, जबकि भारत की सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि उसे पाकिस्तानी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलीजेंस (ISI) ने संरक्षण दिया हुआ है। वह अन्य कई आतंकी हमलों में भी शामिल रहा है।
मुफ्ती अब्दुल रउफ असगर
मसूद अजहर का छोटा भाई मुफ्ती अब्दुल रउफ असगर भी पुलवामा आतंकी हमले का मुख्य आरोपी है और वह भी इस समय आजाद घूम रहा है। भारत के टॉप मोस्ट वांटेड आंतकियों की सूची में शामिल रउफ असगर पर कंधार विमान अपहरण, भारतीय संसद पर हुए आतंकी हमले और पठानकोट हमले में शामिल होने के भी आरोप हैं। रउफ असगर इन दिनों तालिबान के साथ मिलकर अफगानिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों को संचालन कर रहा है।
गाजी अब्दुल रशीद उर्फ कामरान
जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर गाजी अब्दुल रशीद उर्फ कामरान को मसूद अजहर के सबसे भरोसेमंद सलाहकारों में से एक माना जाता था। पुलवामा में आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाले आदिल अहमद डार को कामरान ने ही इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) की ट्रेनिंग दी थी और वह खुद अफगानिस्तान से इसकी ट्रेनिंग लेकर आया था। पुलवामा आतंकी हमले के चार दिन बाद ही 18 फरवरी, 2019 को सुरक्षाबलों ने उसे मुठभेड़ में मार गिराया था।
आदिल अहमद डार
14 फरवरी, 2019 को पुलवामा आतंकी हमले को आदिल अहमद डार ने ही अंजाम दिया था और 300 किलोग्राम विस्फोट से भरी कार को CRPF जवानों की गाड़ियों के काफिले से टकरा दिया था। इस हमले में आदिल खुद भी मारा गया था। 20 साल का आदिल पहले मूसा के गजावत-अल-हिंद आतंकी संगठन से जुड़ा था और फिर साल 2018 में वो जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ गया। आदिल को आतंकियों ने आत्मघाती बनने के लिए ही तैयार किया था।
मुदासिर खान उर्फ मोहम्मद भाई
पुलवामा जिले के त्राल का रहने वाला मुदासिर खान उर्फ मोहम्मद भाई साल 2017 में जैश-ए-मोहम्मद के साथ जुड़ा था और उसे इलेक्ट्रॉनिक्स और टेली कम्युनिकेशन की अच्छी जानकारी थी। पुलवामा हमले में इस्तेमाल गाड़ी और विस्फोटक का इंतजाम मुदासिर ने ही किया था। उसने हमले से पहले पूरे इलाके की रेकी भी की थी। 10 मार्च, 2019 को सुरक्षाबलों के साथ त्राल में हुई एक मुठभेड़ में मुदासिर और उसका एक साथी मारा गया था।
सज्जाद बट्ट
पुलवामा आतंकी हमले के मुख्य आरोपियों में दक्षिण कश्मीर का रहने वाले सज्जाद बट्ट भी शामिल था और उसकी कार से ही इस IED हमले को अंजाम दिया गया था। सज्जाद भी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ सक्रिय सदस्य था और कश्मीर घाटी में होने वाले कई आंतकी गतिविधियों में शामिल रहा था। 18 जून, 2019 को कश्मीर के अनंतनाग सेक्टर में सुरक्षाबलों से हुई मुठभेड़ में आतंकी सज्जाद अपने एक साथी तौसीफ के साथ मारा गया था।
मोहम्मद इस्माईल अल्वी उर्फ लंबू
मसूद अजहर का रिश्तेदार मोहम्मद इस्माईल अल्वी उर्फ लंबू भी पुलवामा आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं में से एक था। लंबू पर कई आतंकी हमलों को अंजाम देने के आरोप थे। उसने घाटी से कई युवाओं को जैश-ए-मोहम्मद में शामिल किया था। वह मुफ्ती अब्दुल राउफ असगर और मजूद अजहर का बॉडीगार्ड रह चुका था। जुलाई, 2021 में पुलवामा के नागबेरान तरसार गांव में लंबू और उसका साथी सुरक्षाबलों से हुई मुठभेड़ में मारा गया था।
भारत ने हमले के बाद क्या कार्रवाई की थी?
भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी, 2019 को पाकिस्तान के बालाकोट स्थित जैश के सबसे बड़े आतंकी ट्रेनिंग कैंप पर एयरस्ट्राइक की थी। इस कार्रवाई के समय लगभग 300 से ज्यादा आतंकी कैंप में मौजूद थे। बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बेहद बढ़ गया था और दोनों देशों के बीच युद्ध के हालात बन गए थे। स्ट्राइक के अगले दिन पाकिस्तानी वायुसेना ने भारतीय वायु क्षेत्र का उल्लंघन भी किया था, जिसका उसे मुहंतोड़ जवाब मिला।