भारत के साथ आए अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस, दिया मसूद अजहर को ब्लैकलिस्ट करने का प्रस्ताव
पुलवामा आतंकी हमले के बाद दुनिया के कई देशों ने आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ देने की बात कही थी। अब भारत को इस लड़ाई में अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन का साथ मिला है। इन तीनों देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को ब्लैकलिस्ट करने का प्रस्ताव दिया है। बता दें, जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा हमले की जिम्मेदारी ली थी।
मसूद अजहर पर प्रतिबंध की तैयारी
क्या है इन देशों का प्रस्ताव?
अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अपने प्रस्ताव में मसूद अजहर को ब्लैकलिस्ट करने, उसकी संपत्ति जब्त करने और उसकी विदेश यात्राओं पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। इस प्रस्ताव पर आपत्ति दर्ज कराने के लिए 13 मार्च तक का समय दिया गया है।
लगातार जारी है भारत की कोशिशें
भारत पिछले काफी समय से मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषिक कराने की कोशिश में है। भारत सबसे पहले 2009 में संयुक्त राष्ट्र में मसूद के खिलाफ कार्रवाई के लिए प्रस्ताव लेकर आया था। इसके बाद साल 2016 और 2017 में भारत ने मसूद को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव दिया। हालांकि, तब चीन ने भारत के इस प्रस्ताव पर वीटो का इस्तेमाल कर गिरा दिया। भारत को इस मामले में कई देशों का समर्थन हासिल है।
चीन फिर अड़ा सकता है टांग
मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई का चीन हमेशा से विरोध करता आया है। चीन ने अपने वीटो का इस्तेमाल करते हुए सुरक्षा परिषद की इस्लामिक स्टेट और अलकायदा प्रतिबंध समिति को 2016 और 2017 में मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने से रोक दिया था। ऐसे में एक बार फिर इस बात की आशंका है कि चीन इस प्रस्ताव के विरोध में भी वीटो का इस्तेमाल कर सकता है। फिलहाल चीन का इस बारे में कोई बयान नहीं आया है।
संयुक्त राष्ट्र की प्रमुख संस्थाओं में से एक है UNSC
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC), संयुक्त राष्ट्र की छह प्रमुख संस्थाओं में से एक है। इस परिषद का उत्तरदायित्व अतंरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखना है। परिषद में कुल 15 स्दस्य होते हैं, जिनमें से पांच स्थायी सदस्य हैं और दस अल्पकालिक स्दस्य। परिषद के स्थायी देश हैं- अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, चीन और फ्रांस। स्थायी देश किसी भी प्रस्ताव पर वीटो पावर का इस्तेमाल कर सकते हैं। भारत लंबे समय में इसकी स्थायी सदस्यता पाने की कोशिश में है।
UNSC ने की थी पुलवामा हमले की निंदा
UNSC ने पुलवामा में CRPF काफिले पर हुए हमले की निंदा की थी। भारत द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर UNSC के पांच स्थायी (P5) देशों और 10 अस्थायी देशों ने इस हमले को घृणित और कायराना हरकत बताया था। UNSC ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का नाम लेते हुए कहा कि हमलों के लिए दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। UNSC ने कहा कि हर तरह का आतंकवाद वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए खतरा है।