जम्मू-कश्मीर: सुरक्षाबलों के हाथ लगी बड़ी कामयाबी, मार गिराया जैश का शीर्ष कमांडर
शनिवार को हुई एक मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के एक शीर्ष कमांडर मोहम्मद इस्माईल अल्वी उर्फ लंबू और एक अन्य आतंकी को ढेर कर दिया है। अल्वी 2018 से कश्मीर घाटी में सक्रिय था और कई आतंकी हमलों को अंजाम दे चुका था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस की संयुक्त टीम ने पुलवामा के नागबेरान तरसार गांव में दोनों आतंकियों को घेरकर मार गिराने में सफलता हासिल की है।
दूसरे आतंकी की पहचान की जा रही- पुलिस
पुलिस ने बताया कि जब सुरक्षाबलों ने घेराबंदी की तो आतंकियों ने फायरिंग शुरू कर दी। इसके जवाब में हुई गोलीबारी में लंबू समेत दो आतंकी मारे गए। सुरक्षाबलों को लंबे समय से इसकी तलाश थी। दूसरे आतंकी की पहचान की जा रही है।
लंबू के खिलाफ दर्ज थीं 14 FIR- IG
जम्मू-कश्मीर पुलिस के IG विजय कुमार ने कहा कि लंबू आतंकी मसूद अजहर के परिवार से था। वह पुलवामा हमले में योजना और साजिश में शामिल था और NIA की चार्जशीट में उसका नाम भी था। उन्होंने कहा कि लंबू के खिलाफ 14 FIR दर्ज थीं और ये पुलवामा हमले का एक मुख्य आरोपी था। पुलवामा हमले में कुल 19 आरोपी हैं, जिसमें से सात अब तक मारे जा चुके हैं और सात आतंकवादियों को गिरफ्तार किया गया है।
2018 में घुसपैठ कर कश्मीर आया था लंबू
खुफिया जानकारी के अनुसार, लंबू मई, 2018 में घुसपैठ कर कश्मीर में आया था और उसके बाद से उसने सुरक्षाबलों पर कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया। उसने घाटी से कई युवाओं को जैश-ए-मोहम्मद में शामिल किया था। वह मुफ्ती अब्दुल राउफ असगर और मजूद अजहर का बॉडीगार्ड रह चुका था। कश्मीर में घुसपैठ से पहले उसने पाकिस्तान के बालाकोट, मानशेरा और बहावलपुर स्थित जैश के आतंकी कैंपों का भी दौरा किया था।
वाहनों में IED लगाने में विशेषज्ञ
सुरक्षा अधिकारियों ने बताया कि लंबू वाहनों पर IED लगाने में विशेषज्ञ था। वह तालिबान के साथ भी ट्रेनिंग कर चुका है। कार में विस्फोटक लगाकर ही उसने पुलवामा हमले को अंजाम दिया था। वह पाकिस्तान के बहावलपुर का रहने वाला था और मसूर अजहर का भाई युसुफ अजहर उसका हैंडलर था। अजहर बालाकोट में चलने वाले जैश के आतंकी ट्रेनिंग कैंप का प्रमुख भी है। इसके अलावा वह जैश के कई बड़े आतंकियों के संपर्क में भी था।
लंबू ने दी थी डार को ट्रेनिंग
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, लंबू ने आतंकी आदिल अहमद डार को ट्रेनिंग दी थी, जिसने विस्फोटकों से भरी कार को CRPF के काफिले से टकराया था। इस हमले में 40 से अधिक जवानों की मौत हुई थी।