FATF में पाकिस्तान ने कहा "लापता" है मसूद अजहर, दावे की पोल खोलने को तैयार भारत

भारत फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के "लापता" होने के पाकिस्तान के दावे की पोल खोलेगा। इस हफ्ते शुक्रवार को FATF की बैठक होनी है जिसमें तय किया जाएगा कि आतंकवाद को समर्थन के लिए पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट में डाला जाए या नहीं। FATF की इस कार्रवाई से बचने के लिए पाकिस्तान लगातार उसकी बैठकों में अजहर के लापता होने की बात कह रहा है।
FATF एक अंतर-सरकारी संस्था है जिसका कार्य मनी लॉन्ड्रिंग, आतंकी फंडिंग समेत अंतरराष्ट्रीय वित्तीय व्यवस्था के लिए दूसरे खतरों को रोकने के लिए कानूनी और दूसरे कदम उठाना है। आतंकी फंडिंग के कारण पाकिस्तान जून, 2018 से FATF की ग्रे लिस्ट में है और उस पर ब्लैकलिस्ट होने की तलवार लटक रही है। इसी कार्रवाई से बचने के लिए पाकिस्तान ने हाफिज सईद जैसे कई आतंकियों को गिरफ्तार कर सजा दी है और आतंकी संगठनों पर भी कार्रवाई की है।
लेकिन मसूद अजहर को लेकर पाकिस्तान ने रहस्य बनाया हुआ है। FATF की बैठकों में पाकिस्तान लगातार ये कहा रहा कि वो अजहर के खिलाफ कोई FIR इसलिए नहीं कर पाया है क्योंकि वो लापता है। उसने अभी तक अपने निर्वाह भत्ते के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में आवेदन भी नहीं दिया है, जो उसके लिए 2019 में तय किया गया था। पाकिस्तान की इन दलीलों से लगता है कि वोे अजहर को बचाने की कोशिश में है।
बता दें कि मसूद अजहर के 2016 से पाकिस्तानी सरकार की कस्टडी में होने की बात कही जाती है। हालांकि अधिकारियों ने ऐसी किसी भी रिपोर्ट की पुष्टि नहीं की है। पहले वो बीच-बीच में अपने वीडियो और ऑडियो संदेश जारी करता रहता था, लेकिन पुलवामा आतंकी हमले के बाद उसने ऐसा करना भी बंद कर दिया। सरकार ने भी पुलवामा हमले के बाद उसके बारे में जानकारी देने से बचती रही है।
हालांकि पुलवामा हमले के कुछ हफ्ते बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मसूद अजहर के पाकिस्तान में होने की पुष्टि की थी। उन्होंने कहा था कि उनकी जानकारी के अनुसार अजहर पाकिस्तान में है और इतना बीमार है कि अपने घर से बाहर तक नहीं निकल सकता। तब कुरैशी के इस बयान को अजहर को बचाने और पुलवामा हमले से उसका संबंध खारिज करने की कोशिश के तौर पर देखा गया था।
अपने खुद के विदेश मंत्री के इस कबूलनामे के बाद अब पाकिस्तान FATF में उसके लापता होने का दावा कर रहा है। माना जा रहा है FATF में ब्लैकलिस्ट होने के खतरे को टालने के लिए पाकिस्तान ऐसा कर रहा है।
शुक्रवार को होने वाली बैठक में पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट से बाहर होने की संभावना जताई जा रही है। उसने इसके लिए 12 देशों का समर्थन जुटा लिया है जिनमें चीन जैसा अहम देश भी शामिल है। जनवरी में हुई पिछली बैठक में 27 में से 14 बिंदुओं पर पाकिस्तान की कार्रवाई को संतोषजनक पाया गया था। वहीं ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए बाकी 13 बिंदुओं पर और अधिक कार्रवाई की जरूरत बताई गई थी।