एक साल पहले शहीद हुए थे मेजर विभूति, अब पत्नी होंगी सेना में शामिल
एक साल पहले उन्होंने अपने पति के ताबूत पर झुककर उनके कानों में 'आई लव यू' कहा था। अब एक साल बाद वो वही वर्दी पहनने जा रही हैं, जिसके लिए उनके पति ने अपने प्राण कुर्बान कर दिये थे। हम बात कर रहे हैं निकिता कौल दौंढियाल की। शहीद मेजर विभूति दौंढियाल की विधवा पत्नी निकिता ने शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) की परीक्षा और इंटरव्यू पास कर लिया है और अब वो मेरिट लिस्ट का इंतजार कर रही हैं।
पुलवामा हमले के बाद एनकाउंटर में शहीद हुए थे मेजर विभूति
पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने पिंगलिना इलाके में आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया था। इसमें सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को ढ़ेर कर दिया था। इनमें से दो आतंकी पुलवामा हमले में शामिल थे। कई घंटों तक चले इस एनकाउंटर में 55 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात मेजर विभूति समेत चार जवान शहीद हुए थे। एनकाउंटर से एक महीने पहले ही विभूति अपनी छुट्टियां खत्म कर ड्यूटी पर लौटे थे।
...जब ताबूत से लिपटकर निकिता ने कहा था- I LOVE YOU विभू
मेजर विभूति का शव जब तिरंगे में लिपटकर उनके घर पहुंचा तो निकिता ने ताबूत से लिपटकर कहा, ''I lOVE U विभू...हम सबको आपसे प्यार है, लेकिन आपने जिस तरह हर किसी को प्यार किया वो अलग है क्योंकि आपने अपने लोगों के लिए अपनी जिंदगी बलिदान कर दी। आप बेहद बहादुर इंसान थे और आपको अपने पति के रूप में पाकर मुझे गर्व महसूस हो रहा है। अपनी जिंदगी की आखिरी सांस तक मैं हमेशा आपको प्यार करती रहूंगी।"
मेजर विभूति की शहादत के छह महीने बाद निकिता ने भरा था फॉर्म
SSC की परीक्षा और इंटरव्यू को पास करने के सफर के बारे में बताते हुए निकिता ने न्यूज18 से कहा, "मैंने विभू की शहादत के छह महीने बाद SSC का फॉर्म भरा था। यह मेरा इससे बाहर आने का तरीका था। जब मैंने परीक्षा और इंटरव्यू दिया तो मैं भी वैसा ही महसूस कर रही थी, जो विभू ने इस दौरान किया होगा। मैं उससे लगाव महसूस कर रही थी। इससे ही मुझे किसी तरह हिम्मत मिली।"
"विभू चाहते थे मैं उनसे अच्छा करूं"
उन्होंने बताया, "मुझे थोड़ा समय लगा। मैंने पहले यह स्वीकार किया कि क्या हुआ है। विभू बहुत प्रोग्रेसिव थे। वो चाहते थे कि मैं उनसे अच्छा करूं। इसलिए जब भी मुझे सेना से जुड़ने के फैसले को लेकर कोई भी चिंता या संदेह हुआ तो मैंने आंखें बंद कर सोचा कि विभू होते तो इस मौके पर क्या करते। मेरे सेना से जुड़ने के पीछे उनका बहुत बड़ा योगदान है।" निकिता अपनी पढ़ाई के दौरान मेजर विभूति से मिली थीं।
चेन्नई स्थित OTA में ट्रेनिंग लेंगी निकिता
सेना में शहीदों की विधवाओं के लिए आयु सीमा में थोड़ी छूट है, लेकिन चयन प्रक्रिया पहले की तरह ही मुश्किल है। उन्होंने बताया, "मैंने परीक्षा पास करने के लिए बहुत मेहनत की है। अब मैं एक साल की ट्रेनिंग में अच्छा करना चाहती हूं। मैं ऐसी ऑफिसर बनना चाहती हूं, जिस पर सभी को गर्व हो, विभू को गर्व हो।" मेरिट लिस्ट आने के बाद वो नौकरी छोड़कर चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA) ज्वाइन करेंगी।