
वर्कडे कंपनी पर हुए साइबर हमले में क्या डाटा हुआ चोरी?
क्या है खबर?
मानव संसाधन तकनीक क्षेत्र की बड़ी कंपनी वर्कडे ने अपने सिस्टम पर हुए साइबर हमले में डाटा चोरी की पुष्टि की है। कंपनी ने कहा कि हैकर्स ने उसके थर्ड-पार्टी ग्राहक डाटाबेस से व्यक्तिगत जानकारी चुराई है। इस डाटाबेस का उपयोग मुख्य रूप से संपर्क से जुडी जानकारियों को रखने के लिए किया जाता था। वर्कडे दुनिया की 11,000 से अधिक कंपनियों को सेवाएं देती है, जिनमें इंफोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) जैसी बड़ी IT कंपनियां भी शामिल हैं।
हमला
जालसाजों ने ऐसे किया हमला
ब्लीपिंग कंप्यूटर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस साइबर हमले का पता 6 अगस्त को चला था। हालांकि, वर्कडे ने उस थर्ड-पार्टी डाटाबेस प्लेटफॉर्म का नाम नहीं बताया, लेकिन हाल ही में सेल्सफोर्स-होस्टेड डाटाबेस को बड़े पैमाने पर हैक किया गया है। गूगल, सिस्को, क्वांटास एयरलाइंस और पेंडोरा जैसी कंपनियां पहले ही ऐसे हमलों का शिकार हो चुकी हैं। गूगल ने कहा है कि इन घटनाओं के पीछे शाइनीहंटर्स नामक हैकर समूह का हाथ है।
चोरी
चोरी हुई जानकारी और खतरे
वर्कडे ने बताया कि चुराई गई जानकारी मुख्य रूप से संपर्क विवरण सीमित है, जिसमें नाम, ईमेल एड्रेस और फोन नंबर शामिल हैं। हालांकि, कंपनी ने यह स्पष्ट नहीं किया कि कितने लोगों का डाटा चोरी हुआ और क्या इसमें वर्कडे के कर्मचारी या ग्राहक भी प्रभावित हुए हैं। कंपनी ने चेतावनी दी कि चोरी हुए डाटा का इस्तेमाल सोशल इंजीनियरिंग घोटालों में हो सकता है, जहां हैकर्स लोगों को धोखा देकर संवेदनशील जानकारी हासिल करने की कोशिश करते हैं।
अन्य
वर्कडे की प्रतिक्रिया पर सवाल
वर्कडे के प्रवक्ता ने इस घटना पर अपने ब्लॉग पोस्ट के अलावा कोई बयान नहीं दिया और अन्य सवालों के जवाब देने से इनकार कर दिया। दिलचस्प बात यह है कि ब्लॉग पोस्ट में 'नोइंडेक्स' टैग लगाया गया था, जिससे यह सूचना सर्च इंजनों पर आसानी से दिखाई नहीं देती। यह स्पष्ट नहीं है कि कंपनी ने ऐसा क्यों किया। इस घटना के बाद वर्कडे की पारदर्शिता और ग्राहकों के डाटा की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं।