तेल और फर्टिलाइजर के बढ़े आयात से नई ऊंचाई पर पहुंचा भारत-रूस के बीच द्विपक्षीय व्यापार
क्या है खबर?
तेल और फर्टिलाइजर के बढ़े आयात के चलते भारत और रूस के बीच व्यापार अब तक के अपने सबसे ऊपरी स्तर पर पहुंच गया है। इस वित्त वर्ष (2022-23) के पहले पांच महीनों (अप्रैल-अगस्त) में ही दोनों देशों के बीच 18,229 मिलियन डॉलर का व्यापार हो चुका था।
वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ो से यह जानकारी मिली है। इससे पहले तक दोनों देशों के बीच पूरे साल के दौरान भी इतना व्यापार नहीं होता था।
जानकारी
किस साल कितना व्यापार हुआ?
आंकड़े बताते हैं कि 2021-22 के दौरान भारत और रूस के बीच लगभग 13,124 मिलियन डॉलर, 2020-21 के दौरान 8,141 मिलियन डॉलर, 2019-20 में 10,110 मिलियन डॉलर, 2018-19 में 8,229 मिलियन डॉलर और 2017-18 में 10,686 मिलियन डॉलर का व्यापार हुआ था।
व्यापारिक साझेदारी
सातवां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रूस
व्यापार में इस बढ़ोतरी के साथ ही रूस भारत का 7वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है, जबकि पिछले साल वह 25वें स्थान पर था।
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और उसके साथ वित्त वर्ष के पहले पांच महीनों में लगभग 57,632 मिलियन डॉलर का कारोबार हुआ। वहीं दूसरे बड़े साझेदार चीन के साथ 50,792 मिलियन डॉलर का व्यापार किया गया।
इनके बाद संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब, इराक और इंडोनेशिया का नंबर आता है।
व्यापारिक घाटा
निर्यात से ज्यादा हो रहा रूस से आयात
इस वित्त वर्ष के पांच महीनों में भारत और रूस के बीच हुए लगभग 18,229 मिलियन डॉलर के व्यापार में से लगभग 17,236 मिलियन डॉलर का भारत ने आयात किया है, जबकि महज 992 मिलियन डॉलर का निर्यात किया गया है।
आंकड़ों के अनुसार, भारत के कुल व्यापार में से रूस का हिस्सा पिछले साल के 1.27 प्रतिशत से बढ़कर 3.54 प्रतिशत हो गया है। वहीं रूस के व्यापार में भारत का हिस्सा 2 प्रतिशत के आसपास रह रहा है।
आयात
रूस से क्या खरीद रहा भारत?
रूस से भारत मुख्यत: पेट्रोलियम, दूसरे ईंधन उत्पाद और फर्टिलाइजर खरीद रहा है। अप्रैल से अगस्त के बीच भारत ने रूस से जो सामान खरीदा है, उसमें से 91 प्रतिशत यही उत्पाद थे।
इनके बाद सबसे ज्यादा फर्टिलाइजर की खरीद हुई है। पिछले साल के शुरुआती पांच महीनों में भारत लगभग 161 मिलियन डॉलर के फर्टिलाइजर खरीदे थे, जो इस साल उसी अवधि में करीब 666 प्रतिशत बढ़कर 1,236 मिलियन डॉलर के हो गए।
निर्यात
रूस को क्या सामान बेचा जा रहा है?
भारत से मुख्य तौर पर लगभग 176 मिलियन डॉलर के दवा उत्पाद और 117.29 मिलियन डॉलर के ऑर्गेनिक केमिकल्स रूस भेजे गए हैं।
बता दें कि अभी अभी भारत निर्यात के मुकाबले रूस से आयात ज्यादा कर रहा है, लेकिन हमेशा ऐसा नहीं था। 1997-98 से लेकर 2002-02 तक भारत का रूस को निर्यात ज्यादा और आयात कम रहता था।
हालांकि, उसके बाद से स्थिति बदली और अब भारत व्यापारिक घाटा उठा रहा है।
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
कैसे रहे हैं दोनों देशों के व्यापारिक संबंध?
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, 1997-98 में रूस भारत का 16वां सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था। इसके बाद से उसकी स्थिति में गिरावट आती गई और 2013-14 में व्यापारिक साझेदारी के मामले में रूस 34वें स्थान पर पहुंच गया था।
फिर उसने अपनी स्थिति में सुधार किया और 2017-18 में वह 23वां सबसे बड़ा साझेदार बना। इस साल सातवें स्थान पर पहुंचने से पहले वह 25वें से 30वें स्थान के बीच रहा था।