रूस में होने वाले सैन्य अभ्यास में एक साथ भाग लेंगे भारतीय और चीनी सैनिक
क्या है खबर?
इस महीने के आखिर में रूस में शुरू होने वाले एक सैन्य अभ्यास में भारत और चीन के सैनिक एक साथ हिस्सा लेंगे।
रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच तनाव को देखते हुए पूरी दुनिया की नजर इस अभ्यास पर रहने वाली है।
30 अगस्त से 5 सितंबर तक चलने वाले इस अभ्यास में भारत और चीन के अलावा बेलारूस, मंगोलिया, ताजिकिस्तान और दूसरे देश देश भाग लेंगे।
जानकारी
चीन ने की सैनिक भेजने की पुष्टि
चीन ने बुधवार को बयान जारी कर इस अभ्यास में अपने सैनिक भेजने की पुष्टि कर दी है, जबकि भारत की तरफ से अभी तक इस पर आधिकारिक बयान नहीं आया है।
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों का कहना है कि रक्षा और सुरक्षा के मामले में सहयोग की बहुपक्षीय प्रतिबद्धताओं को देखते हुए दोनों देशों ने पहले भी ऐसे अभ्यासों में अपने सैनिकों को भेजा है।
इस बार के अभ्यास का नेतृत्व रूस करेगा।
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सेना की प्रतिक्रिया का भी इंतजार
भारतीय सेना के अधिकारियों ने भी इस पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि भारत और चीन पहले भी अभ्यासों में भाग लेते रहे हैं। पिछले साल रूस में हुए एक अभ्यास में दोनों देश शामिल हुए थे।
वोस्तोक-2022
13 सैन्य ठिकानों पर होगा अभ्यास
रूसी सरकार ने पिछले महीने बयान जारी कर बताया था कि 13 ठिकानों पर यह अभ्यास होगा और इसमें देश के पूर्वी सैन्य जिले के सैनिक हिस्सा लेंगे।
चीन ने इसमें भाग लेने की पुष्टि करते हुए बताया कि दोनों देशों और बहुपक्षीय समझौते के तहत पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) जल्द ही अपने सैनिकों को वोस्तोक-2022 सैन्य अभ्यास में हिस्सा लेने के लिए रूस भेजेगी।
चीन ने कहा कि इसका मौजूदा क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय हालातों से कोई लेना-देना नहीं है।
विशेषज्ञों की राय
जानकारों का इस पर क्या कहना है?
हिंदुस्तान टाइम्स से बात करते हुए पूर्व नॉर्दन कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डीएस हुड्डा (रिटायर्ड) ने कहा कि वो लद्दाख में जारी तनाव की पृष्ठभूमि में अगर भारत और चीन बहुपक्षीय सैन्य अभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं तो वो बहुत महत्व नहीं दे रहे हैं।
उन्होने कहा कि ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय हैंड-इन-हैंड अभ्यास दोबारा शुरू होना चाहिए, जो मौजूदा वक्त में होता नहीं दिख रहा है।
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2019 के बाद से बंद है हैंड-इन-हैंड अभ्यास
भारत और चीन के बीच केवल एक आतंकरोधी सैन्य अभ्यास हैंड-इन-हैंड ड्रिल होता है और यह पिछले तीन सालों से बंद है। इसका आठवां और आखिरी राउंड दिसंबर, 2019 में मेघालय में हुआ था।
सीमा विवाद
न्यूजबाइट्स प्लस (जानकारी)
बता दें कि 2020 की शुरुआत से ही भारत और चीन के बीच सीमा विवाद बढ़ने लगा था और फिर गलवान घाटी में दोनों देशों के बीच हिंसक झड़प हो गई।
इसके बाद तनाव चरम पर पहुंच गया और दोनों ही देशों की सेनाओं ने सैनिक तैनात कर दिए।
बताया जा रहा है कि मई, 2020 के बाद से टकराव वाले क्षेत्रों में एक किलोमीटर से भी कम दूरी पर दोनों देशों के करीब 50-50 सैनिक तैनात हैं।