मोरबी पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, घटनास्थल का दौरा कर अस्पताल में की हादसा पीड़ितों से मुलाकात
गुजरात के मोरबी में मच्छू नदी पर बने केबल सस्पेंशन पुल के गिरने की घटना के बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वहां पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री, नगर निगम अधिकारियों और मामले की जांच में जुटे अन्य अधिकारियों से घटना के संबंध में जानकारी ली। इसके बाद उन्होंने मोरबी अस्पताल पहुंचकर हादसे में जिंदा बचे घायलों से मुलाकात की और उन्हें बेहतर उपचार सहित आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने का भरोसा दिलाया।
मोरबी में कैसे हुआ था हादसा?
पुल पर रविवार को छठ पूजा कारण क्षमता से अधिक भीड़ होने के चलते एक तरफ की केबल टूट गई थी। इससे पुल पर मौजूद करीब 450 लोग नदी में गिर गए। इस हादसे में 141 लोगों की मौत हो गई। यह पुल मरम्मत कार्य के चलते सात महीनों से बंद था और 26 अक्टूबर को ही लोगों के लिए खोला गया था। हादसे के बाद पुलिस, NDRF, SDRF, भारतीय सेना, वायुसेना की टीमें बचाव कार्यों में जुटी हुई है।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री से ली हादसे की पूरी जानकारी
मोरबी पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी के साथ घटनास्थल का मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री से हादसा होने और बचाव कार्य के संबंध में पूरी जानकारी ली। इसके बाद पीएम मोदी ने राहत बचाव कार्य में लगे कर्मियों से भी मुलाकात की। इसके अलावा उन्होंने बचाव कार्य में प्रशासन का सहयोग करने वालों से मुलाकात कर उनका आभार जताया और उनके प्रयास को मानवीयता का संदेश बताया।
यहां देखें प्रधानमंत्री की बचावकर्मियों और अन्य लोगों से मुलाकात की फोटोज
प्रधानमंत्री मोदी ने अस्पताल में जाना घायलों का हालचाल
घटनास्थल का मुआयना करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी सीधे सिविल अस्पताल पहुंचे और हादसे के घायलों से मिलकर उनका हालचाल जाना। उन्होंने घायलों से घटना का आंखोदेखा हाल भी पूछा और उन्हें अस्पताल में बेहतर उपचार दिलाने सहित हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
यहां देखें प्रधानमंत्री की घायलों से मुलाकात की फोटोज
प्रधानमंत्री के दौरे को लेकर अस्पताल में रातभर चली तैयारी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर मोरबी अस्पताल में रातभर तैयारियां चलती रही। NDTV के अनुसार, रात में अस्पताल की दीवारों और छत के कुछ हिस्सों को फिर से रंंगा जा रहा था। इसी तरह मरीजों के लिए खराब वाटर कूलर की जगह नए लगाए जा रहे थे। इसके अलावा हादसे में घायल लोगों के बेड्स पर बिछी गंदी चद्दरों को बदला जा रहा था। साफ-सफाई दिखाने के लिए रात में कई लोग झाडू भी लगाते नजर आए।
कांग्रेस ने की तैयारियों की आलोचना
हादसे में सैकड़ों लोगों की मौत के गम के बीच अस्पताल में हुई तैयारियों को लेकर कांग्रेस ने आलोचना की है। कांग्रेस ने हादसे को 'त्रासदी' बताते हुए ट्वीट किया, 'कल प्रधानमंत्री मोदी मोरबी के सिविल अस्पताल जाएंगे। उससे पहले वहां रंगाई-पुताई का काम चल रहा है। चमचमाती टाइल्स लगाई जा रही हैं। प्रधानमंत्री की तस्वीर में कोई कमी न रहे, इसका प्रबंध हो रहा है। इन्हें शर्म नहीं आती! इतने लोग मर गए और ये ईवेंटबाजी में लगे हैं।'
AAP ने साधा था सरकार पर निशाना
कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी तैयारियों की आलोचना करते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा है। AAP ने ट्वीट किया, 'मोरबी सिविल अस्पताल का दृश्य... कल प्रधानमंत्री के फोटोशूट में में कोई कमी ना रह जाए इसलिए अस्पताल की मरम्मत की जा रही है। अगर भाजपा ने 27 वर्षों में काम किया होता तो आधी रात को अस्पताल को चमकाने की जरूरत न पड़ती।' इसके बाद अन्य नेताओं ने भी इसकी आलोचना की है।
RJD ने भी बोला हमला
इस मामले को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी सरकार पर हमला बोला है। पार्टी ने ट्वीट किया, 'आज उसी अस्पताल को सजाया-संवारा जा रहा है, जहां प्रधानमंत्री खानापूर्ती करने जा रहे हैं। अस्पताल के अंदर सैकड़ों लाशों का ढेर है। पूरा देश गुजरात हादसे से गमज़दा है, लेकिन एक विशेष शख्स ड्रेस बदलने व फोटो खिंचवाने में मस्त और व्यस्त है। जहां लाशें पड़ी हों, वहां कोई रंगाई-पुताई करवाता है क्या?'
मोरबी नगर निगम ने ओरेवा कंपनी को ठहराया जिम्मेदार
हादसे को लेकर मोरबी नगर निगम अध्यक्ष संदीप जाला का कहना है कि ओरेवा नामक एक प्राइवेट कंपनी को पुल की मरम्मत का ठेका दिया गया था। कंपनी ने मरम्मत के बाद बिना सूचना और बिना फिटनेस सर्टिफिकेट लिए ही पुल खोल दिया। इसको लेकर पुलिस ने कंपनी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या), 308 और 114 के तहत मामला दर्ज कर सोमवार को पूछताछ के बाद नौ लोगों को गिरफ्तार कर लिया।