बिहार विधानसभा चुनाव: शनिवार को होगी अंतिम चरण की वोटिंग, 78 सीटों पर डाले जाएंगे वोट
बिहार में शनिवार को विधानसभा चुनाव के तीसरे और अंतिम चरण के लिए मतदान होगा। आखिरी दौर में 15 जिलों की 78 विधानसभा सीटों पर मतदाता 1,204 उम्मीदवारों की सियासी किस्मत का फैसला करेंगे। पहले दो चरणों में जहां मुख्य मुकाबला NDA और महागठबंधन के बीच था, वहीं इस बार चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी मुकाबले की त्रिकोणीय बना रही है। इनके अलावा जन अधिकार पार्टी, बसपा और AIMIM भी मुकाबले में दिलचस्पी बढ़ा रही हैं।
इन सीटों पर होगा कड़ा मुकाबला
विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में 78 में से कम से कम 10 सीटें ऐसी हैं, जिन पर जोरदार टक्कर देखने को मिलेगी। ये सीट बनमानखी, कास्बा, सिकता, रक्सौल, गायघाट, हरलाखी, परिहार, चैरेया, जाले, और बेनिपट्टी हैं। पिछले चुनावों के दौरान इन पर कड़ा मुकाबला देखने को मिला था और हार-जीत का अंतर 5,000 से कम था। इस बार अगर मतदान के पैटर्न में थोड़ा भी बदलाव होता है तो नतीजे पिछले चुनावों से अलग हो सकते हैं।
पिछले चुनाव में NDA के पास गई थी 10 में से छह सीटें
2015 के विधानसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले NDA ने इन 10 में से छह सीटें अपने नाम की थी। वहीं राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल (यूनाइटेड) और कांग्रेस वाले महागठबंधन के हिस्से चार सीटें आई थीं। इनमें से दो कांग्रेस और एक-एक राजद और जदयू ने जीती थी। याद दिला दें कि पिछले चुनावों के दौरान नीतीश कुमार राजद के साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ चुनावी मैदान मेंं उतरे थे। इस बार वो भाजपा के साथ हैं।
दागी उम्मीदवारों की संख्या कितनी?
बिहार इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (ADR) ने तीसरे चरण में उतरे 1,204 में 1,195 उम्मीदवारों के शपथ-पत्रों का विश्लेषण किया है। इसमें पता चला है कि 31 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ आपराधिक और 24 प्रतिशत ने गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी सामने आई है। 78 में 72 सीटों को रेड अलर्ट विधानसभा घोषित किया गया है क्योंकि यहां चुनाव लड़ रहे तीन या तीन से ज्यादा उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
किस पार्टी ने उतारे कितने दागी उम्मीदवार?
भाजपा और कांग्रेस के इस चरण के लिए उतारे गए उम्मीदवारों में से 76-76 प्रतिशत दागी हैं। इसी तरह राजद के 73 प्रतिशत, जदयू के 57 प्रतिशत और लोजपा के 43 प्रतिशत उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
पिछले चुनावों में इन सीटों पर किसे जीत मिली थी?
पिछले चुनावों में महागठबंधन को इन 78 में से 54 सीटें मिली थीं। इनमें जदयू को सर्वाधिक 24, राजद को 20 और कांग्रेस को 10 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। वहीं भाजपा ने लोजपा, राष्ट्रीय लोक समता पार्टी और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के साथ मिलकर 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पांच सीटों पर अन्य क्षेत्रीय पार्टियों का कब्जा रहा था। हालांकि, इस बार कई समीकरण बदल गए हैं, जिनका असर नतीजों पर भी दिख सकता है।
10 नवंबर को घोषित होंगे चुनाव परिणाम
अंतिम चरण के चुनावों के लिए 78 सीटों पर जदयू ने 24, भाजपा ने 19, राजद ने 20 और कांग्रेस ने 10 उम्मीदवार उतारे हैं। अन्य छोटे क्षेत्रीय दलों के हिस्से में पांच सीटें आई हैं। जानकारी के लिए बता दें कि बिहार में दो चरणों की वोटिंग हो चुकी है और तीसरे और अंतिम चरण की वोटिंग 7 नवंबर को होगी। नतीजे 10 नवंबर को आएंगे। इससे पहले सभी पार्टियां अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं।