गहलोत रेस से बाहर, शैलजा और वेणुगोपाल लड़ सकते हैं कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव
राजस्थान में हुए सियासी ड्रामे के बाद अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस से बाहर बताए जा रहे हैं। अब जानकारी मिल रही है कि केसी वेणुगोपाल और कुमारी सैलजा अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं। कहा जा रहा है कि कुमारी शैलजा और वेणुगोपाल नामांकन दाखिल कर सकते हैं और राहुल गांधी चाहते हैं कि वेणुगोपाल कांग्रेस की कमान संभाले। हालांकि, अभी तक इन नेताओं ने चुनाव लड़ने की पुष्टि नहीं की है।
कांग्रेस अध्यक्ष नहीं बनना चाहता- कमलनाथ
एक दिन पहले मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने कहा कि वो पार्टी के अध्यक्ष नहीं बनना चाहता और मध्य प्रदेश में पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 17 अक्टूबर को चुनाव होगा और 19 अक्टूबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे। इसके लिए अधिसूचना जारी हो चुकी है और 30 सितम्बर तक नामांकन प्रक्रिया चलेगी।
कांग्रेस हाईकमान के करीबी हैं दोनों चेहरे
हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी शैलजा पार्टी का जाना-पहचाना चेहरा हैं। सिरसा और अंबाला से लोकसभा सांसद रहीं शैलजा केंद्रीय मंत्री भी रह चुकी हैं। सोनिया गांधी की करीबी माने जाने वाली शैलजा हरियाणा में पार्टी का दलित चेहरा हैं। दूसरी तरफ केसी वेणुगोपाल केरल से आते हैं और उन्हें कांग्रेस हाईकमान का नजदीकी माना जाता है। केसी वेणुगोपाल पार्टी के महासचिव हैं और हाल ही में उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी।
इन नामों पर भी चल रही अटकलें
कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए शशि थरूर, दिग्विजय सिंह, मल्लिकार्जुन खड़गे और मुकुल वासनिक का नाम भी चल रहा है। इनमें शशि थरूर का चुनाव लड़ना लगभग तय माना जा रहा है, वहीं अन्य नामों पर अभी अटकलें ही लगाई जा रही हैं। शैलजा और वेणुगोपाल का नाम सामने आने के बाद संभावित दावेदारों की संख्या छह हो गई है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि चुनाव में इससे कम ही उम्मीदवार अपनी दावेदारी पेश करेंगे।
गहलोत से हाई कमान खफा
राजस्थान में हुए सियासी ड्रामे से पहले अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद की रेस में सबसे आगे चल रहे थे, लेकिन इस घटना के बाद पार्टी हाईकमान उनसे नाराज है। सोनिया गांधी ने इस पूरे घटनाक्रम की लिखित रिपोर्ट मांगी है, जो आज दोपहर बाद उन्हें मिल जाएगी। हालांकि, गहलोत ने पार्टी से इसके लिए माफी मांगी है। बताया जा रहा है कि इस घटना ने गहलोत को पार्टी अध्यक्ष पद की रेस से बाहर कर दिया है।