वैक्सीनेशन अभियान: फिर बढ़ सकता है कोविशील्ड की दोनों खुराकों के बीच अंतराल
एक शीर्ष सरकारी समिति फिर से कोविशील्ड वैक्सीन की दोनों खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने पर विचार कर रही है। बताया जा रहा है कि यह समिति अंतरराष्ट्रीय अध्ययनों के उन सबूतों की समीक्षा कर रही है, जिनसे संकेत मिलता है कि इस वैक्सीन की दोनों खुराकों के बीच का अंतराल बढ़ा दिया जाए यह ज्यादा प्रभावी साबित होती है। अगले सप्ताह तक इस बारे में अंतिम फैसला लिया जा सकता है। आइये, पूरी खबर जानते हैं।
पहले कितना अंतराल बढ़ाया गया था?
एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित और पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) द्वारा बनाई जा रही कोविशील्ड की खुराकों के बीच अंतराल एक बार पहले भी बढ़ाया जा चुका है। वैक्सीनेशन अभियान की शुरुआत में 28 दिनों के अंतराल पर इसकी खुराक दी जा रही थी। बाद में इसे बढ़ाकर छह से आठ सप्ताह कर दिया गया था। अभी कोविशील्ड की दोनों खुराकों के बीच छह से आठ सप्ताह का ही अंतराल रखा जा रहा है।
क्यों बढ़ाया जा रहा अंतराल?
न्यूज18 ने लिखा है कि विशेषज्ञों को ऐसा लगता है कि खुराकों के बीच अंतराल बढ़ाने से एक तरफ वैक्सीन की प्रभावकारिता बढ़ेगी, वहीं दूसरी तरफ वैक्सीन की आपूर्ति को लेकर भी दबाव कम होगा। यह सब जानते हैं कि इन दिनों देश वैक्सीन की कमी का सामना कर रहे हैं और सरकार ने वैक्सीनेशन अभियान का दायरा भी बढ़ा दिया है। इसके चलते देश में चल रहा दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीनेशन अभियान रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है।
अंतराल से प्रभावकारिता पर कितना असर पड़ता है?
मार्च में द लान्सेट जर्नल में प्रकाशित हुए अध्ययन में बताया गया था कि अगर कोविशील्ड की दोनों खुराकों के बीच 12 सप्ताह का अंतराल रखा जाए तो इसकी प्रभावकारिता 81.3 प्रतिशत होती है। वहीं अगर दोनों खुराकों के बीच छह सप्ताह से कम का समय होता है तो प्रभावकारिता कम होकर 55.1 प्रतिशत पर पहुंच जाती है। जानकारों का कहना है कि खुराकों के बीच अंतराल ज्यादा होने से इम्युनिटी मजबूत होती है।
कनाडा में 16 सप्ताह के अंतराल पर लगाई जाती है दूसरी खुराक
हालिया दिनों में ब्राजील और ब्रिटेन में हुए अध्ययनों से पता चला है कि अगर एक खुराक के एक महीने बाद आधी खुराक दी जाए तो यह 90 प्रतिशत तक प्रभावी होती है। हालांकि, अभी तक इस संबंध पर्याप्त आंकड़े उपलब्ध नहीं हुए हैं। बता दें, ब्रिटेन में इस वैक्सीन की दोनों खुराकें के बीच 12 और कनाडा में 16 हफ्तों का अंतराल रखा जाता है। भारत में इसे बढ़ाकर आठ सप्ताह से अधिक करने पर विचार चल रहा है।
एक खुराक से भी मिलती है सुरक्षा
इस अध्ययन में यह बात भी सामने आई थी कि अगर कोविशील्ड की दोनों खुराकों के बीच 12 सप्ताह का अंतर रखा जाता है तो इस बीच पहली खुराक भी कोरोना के संक्रमण से 76 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान करती है।
देश में रोजाना सामने आ रहे रिकॉर्ड मामले
भारत इन दिनों कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के चलते अभूतपूर्व स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है। देश में बीते दिन 4,14,188 लोग संक्रमित पाए गए और 3,915 मरीजों की मौत हुई। महामारी की शुरुआत के बाद ये एक दिन में सामने आए सबसे ज्यादा नए मामले हैं। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 2,14,91,598 हो गई है। इनमें से 2,34,083 लोगों को इस खतरनाक वायरस के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।