
19 जुलाई से शुरू हो सकता है संसद का मानसून सत्र, कोरोना प्रोटोकॉल का पालन जरूरी
क्या है खबर?
कोरोना वायरस महामारी के बीच संसद का मानसून सत्र आगामी 19 जुलाई से 13 अगस्त तक चलने की संभावना है। करीब एक महीने तक चलने वाले मानसून सत्र के दौरान 20 बैठकें होने की संभावना जताई गई है।
इसके अलावा कोरोना महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सख्त नियम भी लागू किए जा रहे हैं।
इसमें कोरोना प्रोटोकॉल के पालन के साथ सांसद के लिए वैक्सीन की कम से कम एक खुराक लगवाना आवश्यक होगा।
सिफारिश
CCPA ने की 13 जुलाई से मानसून सत्र चलाने की सिफारिश
इंडिया टुडे के अनुसार संसदीय मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCPA) ने मंगलवार को 19 जुलाई से 13 अगस्त तक संसद का मानसून सत्र आयोजित करने की सिफारिश की थी।
इससे उम्मीद लगाई जा रही है कि सत्र सिफारिश के अनुसार संचालित किया जाएगा।
इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि सरकार को उम्मीद है कि मानसून सत्र अपने सामान्य कार्यक्रम के अनुसार शुरू होगा।
जानकारी
आमतौर पर जुलाई के तीसरे सप्ताह में शुरू होता है मानसून सत्र
संसद का मानसून सत्र आमतौर पर प्रति वर्ष जुलाई के तीसरे सप्ताह में शुरू होता है और 15 अगस्त से पहले समाप्त होता है। इसको देखते हुए ही CCPA ने अपनी सिफारिश दी है। महामारी के बीच यह सत्र काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
तैयारी
संसद के मानसून सत्र को लेकर की जा रही है तैयारी
संसद के मानसून सत्र की सिफारिश के बाद अधिकारियों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। सत्र के दौरान संसद परिसर में कोरोना से जुड़े सभी प्रोटोकाल का पालन किया जाएगा।
इसके लिए सरकार ने सभी सांसदों को सत्र शुरू होने से पहले वैक्सीन की दोनों खुराकें लेने के लिए कहा गया है।
हालांकि, जानकारी यह भी है कि अधिकतर सांसद वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके हैं, लेकिन फिर भी सरकार कोताही नहीं बरतना चाहती है।
वैक्सीन
400 से अधिक सांसद लगवा चुके हैं वैक्सीन
संसद के एक अधिकारी ने बताया कि 19 जून तक 400 से अधिक सांसद कोरोना वैक्सीन लगवा चुके हैं। हालांकि, इनकी संख्या और भी अधिक हो सकती है।
इसका कारण है कि कई सांसदों ने अपने-अपने राज्यों में वैक्सीन लगवाई है। ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि मानसून सत्र से पहले सभी सांसदों को कम से कम एक खुराक लग चुकी होगी।
इसी तरह लोकसभा कवर करने वाले पत्रकारों को लोकसभा सचिवालय में वैक्सीन लगाई जा रही है।
संभावना
हंगामेदार हो सकता है संसद का मानसून सत्र
इस बार मानसून सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं। विपक्ष की ओर से उठाए जाने वाले संभावित मुद्दों का सही तरीके से काउंटर करने की रणनीति पर भाजपा काम कर रही है।
उत्तर प्रदेश सहित पांच राज्यों के अगले साल विधानसभा चुनाव को देखते हुए कुछ नए मुद्दे भी मानसून सत्र के दौरान उठ सकते हैं। ऐसा ही मुद्दा धर्मांतरण का है।
इसी तरह बंगाल हिंसा, कोरोना महामारी, किसान आंदोलन जैसे मुद्दे भी संसद में उठने के उम्मीद है।
बजट
बजट सत्र में कोरोना को लेकर किया था बड़ा बदलाव
इस साल की शुरुआत में बजट सत्र के दौरान भी कोरोना महामारी को लेकर कई बदलाव किए गए थे।
राज्यसभा सुबह 9 बजे से दोपहर 1 बजे तक चलती थी और कई बार दोपहर 2 बजे तक। इसी तरह लोकसभा की कार्यवाही शाम 4 बजे शुरू होती थी। उस दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पूरा ध्यान रखा गया था।
बता दें कि कोरोना महामारी की शुरुआत के बाद से संसद के तीनों सत्रों को छोटा किया गया था।