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जम्मू-कश्मीर में 30 सालों में आतंकवादियों के हमलों में शहीद हुए 5,886 सुरक्षाकर्मी- सरकार
जम्मू-कश्मीर में 1989 से 2019 तक आतंकी हमलों में शहीद हुए हैं कुल 5,886 सुरक्षाकर्मी।

जम्मू-कश्मीर में 30 सालों में आतंकवादियों के हमलों में शहीद हुए 5,886 सुरक्षाकर्मी- सरकार

Aug 10, 2021
07:22 pm

क्या है खबर?

जम्मू-कश्मीर शुरू से ही आतंकवादियों के निशाने पर रहा है। वहां आए दिन कोई न कोई आतंकवादी घटनाएं होती रहती है। हालांकि, अब सुरक्षाबलों ने आतंकियों का सफाई अभियान चला रखा है और कई आतंकी संगठनों के शीर्ष कमांडरों को मार गिराया है। इसी बीच सामने आया है कि साल 1989 से अगस्त 2019 तक जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमलों में कुल 5,886 सुरक्षाकर्मी भी शहीद हुए हैं। खुद सरकार ने लोकसभा में यह जानकारी दी है।

सवाल

विपक्ष ने लोकसभा में पूछा था सवाल

NDTV के अनुसार, विपक्ष ने मंगलवार को लोकसभा में सरकार से जानकारी मांगी थी कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने यानी 5 अगस्त 2019 तक आतंकी हमलों में कितने सुरक्षाकर्मियों की मौत हुई थी। इसी तरह अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में कितने लोगों के जमीन खरीदी और सरकार द्वारा हाल में कितने आतंकी संगठनों को प्रतिबंधित किया है और गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत कितनी कार्रवाई हुई है।

जवाब

सरकार ने दी 5,886 सुरक्षाकर्मियों के शहीद होने की जानकारी

विपक्ष के इस सवाल का लिखित जवाब देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 1989 से 5 अगस्त, 2019 तक आतंकी हमलों में कुल 5,886 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर आतंकवादी हिंसा से प्रभावित रहा है और वहां पर ये आतंकवादी गतिविधियां सीमा पार से प्रायोजित और समर्थित हैं। इस हिसाब से देश में 30 सालों में हर साल आतंकी हमलों में औसतन 196 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं।

राहत

शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों के नियमानुसार दी गई है सहायता- राय

गृह राज्य मंत्री राय ने कहा कि इस अवधि में शहीद हुए सुरक्षाकर्मियों के परिजनों ने वर्तमान नियमों के अनुसार मुआवजा और अन्य सहायता दी जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से अब तक बाहरी राज्यों के महज दो लोगों ने वहां पर जमीन खरीदी है। वहां अब किसी भी बाहरी व्यक्ति या सरकार को जमीन खरीदने में कठिन प्रक्रियाओं का सामना नहीं करना पड़ रहा है और प्रक्रिया आसान है।

इजाफा

UAPA के तहत दर्ज मामलों में हुआ है इजाफा

गृह राज्य मंत्री राय ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के अनुसार, UAPA के तहत दर्ज मामलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। साल 2017 में इसके तहत 901 मामले दर्ज किए गए थे और 1,554 लोगों को गिरफ्तार किया था। इसी तरह 2019 में इसके तहत 1,226 मामले दर्ज किए गए और कुल 1,948 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने NRC पर अभी कोई निर्णय नहीं किया है।

जानकारी

ISIS और ISIL आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबंधित

गृह राज्य मंत्री राय ने कहा कि सरकार ने इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड लेवेंट (ISIL) और इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (ISIS) को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत एक आतंकवादी संगठन के रूप में प्रतिबंधित किया है।