बेशर्म सत्ता: चारों तरफ बेबसी और चीखें, लेकिन नई संसद का निर्माण कार्य फिर भी जारी
क्या है खबर?
सत्ता कितनी बेशर्म हो सकती है, इसका एक शानदार नमूना साामने आया है। ऐसे समय पर जब देश और दिल्ली में कोरोना वायरस महामारी कहर बरपा रही है और रोजाना हजारों लोग ऑक्सीजन और बेड की कमी से अपनी जान गंवा रहे हैं, 20,000 करोड़ रुपये में बन रही देश की नई संसद का निर्माण कार्य जारी है।
लॉकडाउन से बचाने के लिए इसे "आवश्यक सेवा" का दर्जा दिया गया है और मजदूरों को बसों से लाया जा रहा है।
रिपोर्ट
लॉकडाउन से प्रभावित न हो निर्माण कार्य, इसलिए प्रोजेक्ट को बनाया गया "आवश्यक सेवा"
स्क्रॉल की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के लॉकडाउन में केवल उन निर्माण कार्यों की इजाजत दी गई है जिनमें मजदूरों के रहने की व्यवस्था निर्माण स्थल पर ही है। हालांकि नई संसद के निर्माण के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट को इस पाबंदी से छूट दी गई है और इसके लिए इसे "आवश्यक सेवा" घोषित किया गया है।
इसके बाद निर्माण का कार्य देख रही कंपनी बसों के जरिए मजदूरों को रोजाना ढो रही है।
अनुमति
CPWD ने दिल्ली पुलिस से मांगी थी मजदूरों को लाने-जाने की अनुमति
रिपोर्ट के अनुसार, 16 अप्रैल को सेंट्रल विस्टा का कार्य संभाल रहे केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने दिल्ली पुलिस को पत्र लिखकर कहा कि प्रोजेक्ट समयबद्ध प्रकृति का है और इसे 30 नवंबर, 2021 से पहले पूरा करना है, इसलिए कंपनी को तीनों शिफ्ट में काम करने को कहा गया है।
पत्र में CPWD ने पुलिस से कर्फ्यू के दौरान कंपनी को मजदूरों को सराय काले खान से लाने-जाने की अनुमति मांगी।
जानकारी
180 वाहनों को दी गई मजदूरों को ढोने की अनुमति
19 अप्रैल को जब दिल्ली में एक हफ्ते के लॉकडाउन की शुरूआत हुई, उसी दिन नई दिल्ली जिले के डिप्टी पुलिस कमिश्नर ने "आवश्यक सेवाओं" की सूची में प्रोजेक्ट में शामिल 180 वाहनों को मजदूरों को लाने-जाने की अनुमति दे दी।
कोरोना का कहर
महामारी के कारण दिल्ली और देश के हालात खराब
दिल्ली पुलिस की तरफ से ये मंजूरी ऐसे समय पर दी गई है जब दिल्ली और देश में महामारी के कारण हालात खराब हैं।
दिल्ली में बीते दिन 24,235 नए मामले सामने आए और एक दिन में सबसे अधिक 395 मरीजों की मौत हुई। शहर में सक्रिय मामलों की संख्या 97,977 हो गई है।
वहीं देश में बीते दिन रिकॉर्ड 3,86,452 नए मामले और 3,498 मौतें सामने आईं। देश में 31,70,228 सक्रिय मामले हैं।
पृष्ठभूमि
क्या है सेंट्रल विस्टा परियोजना?
सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत राष्ट्रपति भवन से लेकर इंडिया गेट तक के चार किलोमीटर लंबे राजपथ को विकसित और संवारा जाएगा और यहां नए संसद भवन और कॉमन केंद्रीय सचिवालय समेत कई नई इमारतों का निर्माण किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में नए संसद भवन की नींव रख चुके हैं और अभी इसका निर्माण कार्य चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट भी इस परियोजना को हरी झंडी दिखा चुका है।
निर्माण
नए संसद भवन का निर्माण 2022 तक पूरा होने की उम्मीद
विस्टा परियोजना के तहत बनाए जाने वाले नए संसद भवन का निर्माण 2022 में देश की आजादी की 75वीं वर्षगांठ तक पूरा होने की उम्मीद है।
नए संसद भवन में 1,224 सांसदों के बैठने की क्षमता होगी। इसके अलावा सभी सांसदों के लिए अलग-अलग पेपर रहित कार्यालय भी बनाए जाएंगे।
पूरी योजना में लगभग 20,000 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसमें 2,000 लोग प्रत्यक्ष रूप से और 9,000 लोग अप्रत्यक्ष रूप से लगे हुए हैं।