कोरोना महामारी के दौरान व्यापारियों और विक्रेताओं की आत्महत्या का नहीं है रिकॉर्ड- केंद्र
कोरोना वायरस महामारी ने हर तबके को खासा प्रभावित किया है। महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन में आम आदमी से लेकर विक्रेताओं और व्यापारियों तक सभी को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ा था। उस दौरान लोगों के आत्महत्या करने की घटनाएं भी सामने आई थी। इसी बीच सोमवार को केंद्र सरकार ने राज्यसभा में कहा कि उसके पास लॉकडाउन में आर्थिक तंगी से आत्महत्या करने वाले व्यापरियों या विक्रेताओं का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
सांसद अब्दुल वहाब ने आत्महत्या को लेकर पूछा था सवाल
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, राज्यसभा में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के सांसद अब्दुल वहाब ने सवाल किया था कि क्या सरकार को पता है कि कोरोना महामारी के दौरान लागू किए गए लॉकडाउन से लोगों को आर्थिक तंगी से जूझना पड़ा था। इसके कारण सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों से जुड़े कई विके्रताओं और व्यापारियों को आत्महत्या जैसा गंभीर कदम भी उठाना पड़ा था। क्या सरकार के पास इन सबकी जानकारी है?
सांसद वहाब ने प्रस्तुत किया आत्महत्या से जुड़ा आंकड़ा
सांसद वहाब ने अपने सवाल के साथ विक्रेताओं और व्यापारियों की आत्महत्या का आंकड़ा भी प्रस्तुत किया था। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, देश में साल 2020 में 11,716 व्यवसायियों की आत्महत्या की थी। इनमें सबसे अधिक 4,356 आत्महत्या व्यापारियों और 4,226 विक्रेताओं ने की थी। इसी शेष 3,134 आत्महत्या अन्य व्यावसयों से जुड़े लोगों ने की थी। यह बेहद गंभीर स्थिति रही है।
साल 2020 में व्यापारिक समुदाय के लोगों की आत्महत्या में हुआ 29 प्रतिशत का इजाफा
सांसद वहाब की ओर से प्रस्तुत की गई रिपोर्ट के अनुसार 2020 में व्यापारिक समुदाय के लोगों में आत्महत्या करने की घटनाओं में 29 प्रतिशत का इजाफा हुआ था। रिकॉर्ड के अनुसार, साल 2019 में 2,906 विक्रेताओं और व्यापारियों ने आत्महत्या की थी, लेकिन 2020 में यह संख्या 49.9 प्रतिशत के इजाफे के साथ 4,356 पर पहुंच गई थी। इससे साफ है कि कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव ने लोगों को आत्महत्या के लिए मजबूर किया था।
सरकार ने कही आत्महत्या का रिकॉर्ड नहीं होने की बात
सांसद वहाब के सवाल के जवाब में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) ने कहा, "मंत्रालय आत्महत्या का कोई आंकड़ा नहीं रखता है। इसी तरह कोरोना महामारी के परिणामस्वरूप किसी भी MSME विके्रता और व्यापारियों के आत्महत्या करने की कोई सूचना भी नहीं है।" मंत्रालय ने कहा कि, "सरकार ने कोरोना महामारी को देखते हुए MSME क्षेत्र का समर्थन करने के लिए आत्मानिर्भर भारत अभियान के तहत कई पहल शुरू की हैं।"
सरकार ने व्यापारी वर्ग की 40,000 से अधिक शिकायतों का निवारण किया
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने कोरोना महामारी के दौरान व्यापारी वर्ग की समस्याओं का भी भरपूर समाधान करने का प्रयास किया था। यही कारण है कि शिकायत निवारण और हैंडहोल्डिंग सहित ई-गवर्नेंस के कई पहलुओं को कवर करने के लिए सरकार द्वारा शुरू किए गए ऑनलाइन पोर्टल चैंपियन ने 29 नवंबर तक 40,000 से अधिक शिकायतों का निवारण किया है। इसके जरिए व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है।