असंसदीय शब्दों की सूची पर लोकसभा स्पीकर बोले- किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया
असंसदीय शब्दों की नई सूची को लेकर विवाद के बीच लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा है कि संसद में किसी भी शब्द के इस्तेमाल पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है और ये सूची ऐसे शब्दों का संकलन है जिन्हें अतीत में रिकॉर्ड से हटाया गया है। उन्होंने कहा कि किसी भी शब्द को वाक्य का संदर्भ देखते हुए अंससदीय करार दिया जाता है और आगे भी ऐसा ही होता रहेगा।
स्पीकर बिरला ने क्या-क्या कहा?
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से बात करते हुए लोकसभा स्पीकर बिरला ने कहा, "पहले ऐसे असंसदीय शब्दों की बुकलेट जारी की जाती थी। पेपर की बर्बादी से बचने के लिए हमने इसे इंटरनेट पर डाल दिया है। किसी भी शब्द पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।" उन्होंने कहा, "क्या उन्होंने (विपक्ष) 1,100 पेज की (असंसदीय शब्दों की) इस डिक्शनरी को पढ़ा है? अगर उन्होंने पढ़ा होता तो ऐसे गलतफहमी नहीं फैलाते।"
संदर्भ में देखे जाते हैं शब्द, सांसदों के खिलाफ नहीं होती कोई कार्रवाई- बिरला
स्पीकर बिरला ने आगे कहा कि कोई भी शब्द प्रतिबंधित नहीं होता बल्कि उसे वाक्य के संदर्भ में देखा जाता है और अगर वह संदर्भ में असंसदीय पाया जाता है तो उसे रिकॉर्ड से निकाल दिया जाता है। असंसदीय शब्दों के इस्तेमाल पर सांसदों के खिलाफ कार्रवाई पर उन्होंने कहा कि सांसदों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होती, बस उनकी शब्दों को रिकॉर्ड से हटा दिया जाता है। उन्होंने कहा कि सांसद अच्छा बोलें या बुरा, देश देखता है।
क्या है असंसदीय शब्दों से जुड़ा पूरा विवाद?
लोकसभा सचिवालय ने असंसदीय माने जाने वाले शब्दों की एक नई सूची जारी की है और उसी से ये विवाद शुरू हुआ है। इस सूची में जुमलाजीवी, बाल बुद्धी, कोविड स्प्रेडर, स्नूपगेट (जासूसी कांड), शकुनी, जयचंद, लॉलीपॉप, चांडाल चौकड़ी, गुल खिलाए और पिट्ठू आदि शब्द शामिल हैं। बहरी सरकार, दोहरा चरित्र, दलाल, दादागिरी, दंगा, तानाशाह, तानाशाही, विनाश पुरुष, खालिस्तानी, खून की खेती, शर्मिंदा, भ्रष्ट, निकम्मा, नौटंकी, ढिंढोरा पीटना, धोखा देना, अक्षम और यौन शोषण भी इस सूची में शामिल हैं।
विपक्ष का हंगामा, कहा- सरकार की आलोचना करने की क्षमता कमजोर होगी
विपक्ष ने असंसदीय शब्दों की इस नई सूची पर जबरदस्त आपत्ति जताई है और कहा है कि इससे सरकार की आलोचना करने की उसकी क्षमता कमजोर होगी। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए इसे नए भारत की नई डिक्शनरी बताया और प्रतिबंधित किए गए शब्दों का इस्तेमाल करते हुए सरकार की आलोचना की। एक अन्य कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, 'मोदी सरकार की असलियत बताने वाले... सभी शब्दों को अब 'असंसदीय' माना जाएगा। अब आगे क्या विषगुरु?'
TMC के सांसदों ने भी की सरकार की आलोचना
तृणमूल कांग्रेस (TMC) सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोकतंत्र के लिए लड़ते हुए वह मानसून सत्र में सदन में इन शब्दों का इस्तेमाल करेंगे, चाहें इसके लिए उन्हें निलंबित कर दिया जाए। वहीं TMC की एक अन्य सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा, 'आपका मतलब अब मैं लोकसभा में खड़े होकर यह नहीं कह सकती कि भारतीयों को एक अक्षम सरकार ने कैसे धोखा दिया है, जिसे अपने पाखंड पर शर्म आनी चाहिए।'