लोकसभा में हंगामा होने पर भड़के बिरला, कहा- विपक्ष को नहीं किसानों के मुद्दों में दिलचस्पी
लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने पेगासस जासूसी मामला और कुछ अन्य मुद्दों को लेकर जमकर हंगामा किया। ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को कार्यवाही शुरू होने के करीब 40 मिनट बाद ही लोकसभा को 12 बजे तक के लिए स्थगित करना पड़ा। विपक्षी सदस्यों के हंगामा करने से अध्यक्ष बिरला भड़क गए और उन्होंने कहा कि विपक्ष की किसानों सहित अन्य जनहित के मुद्दों में कोई दिलचस्पी नहीं है।
विपक्षी सांसदों ने कार्यवाही शुरू होते ही किया हंगामा
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसद पेगासस जासूसी मामले सहित अन्य मुद्दों को लेकर नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए। ऐसे में अध्यक्ष बिरला को हंगामे के बीच ही प्रश्नकाल शुरू करना पड़ा। इस दौरान भी विपक्षी सदस्यों ने हंगामा बंद नहीं किया और 'जासूसी करना बंद करो', 'खेला होबे' तथा 'प्रधानमंत्री जवाब दो' के नारे लगाए। प्रश्नकाल में अधिकतर प्रश्न किसान कल्याण से जुड़े थे।
विपक्ष के विरोध के बीच मंत्रियों ने दिए जवाब
विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ही उपभोक्ता एवं खाद्य मामलों के मंत्री पीयूष गोयल, राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कुछ सदस्यों के पूरक प्रश्नों के जवाब दिए। इस दौरान गोयल ने हंगामा करने वाले सदस्यों पर निशाना साधते हुए उन्हें किसान विरोधी करार दिया। उन्होंने कहा कि कई सदस्य किसानों का विरोध कर रहे हैं और मुद्दों पर चर्चा नहीं होने दे रहे हैं।
बिरला ने नाराजगी जताते हुए की सख्त टिप्पणी
विपक्षी सांसदों के हंगामे पर अध्यक्ष बिरला भड़क गए और उन्होंने कहा, "चर्चा के दौरान हंगामा करना संसदीय परंपराओं का अपमान है। आज किसानों पर महत्वपूर्ण चर्चा हो रही है। आप अपने स्थानों पर जाएं और चर्चा करें।" उन्होंने कहा, "मैंने प्रश्नकाल में महत्वपूर्ण प्रश्न लिए हैं। मैं चाहता था कि आप इन मुद्दों पर चर्चा करें ताकि समस्याओं का समाधान हो, लेकिन आप किसान के मुद्दों पर चर्चा नहीं करना चाहते। आप तख्तियां लहरा रहे हैं।"
सदन का सम्मान करना विपक्ष की भी है जिम्मेदारी- बिरला
उन्होंने कहा, "विपक्ष की भी जिम्मेदारी है कि वह सदन का सम्मान करे और मर्यादा बनाए रखे। आपको देश की जनता ने इसलिए चुना है ताकि आप उनके मुद्दों को उठा सकें। इसमें किसानों से जुड़े मुद्दे भी शामिल है, ताकि उनका समाधान हो सके।" उन्होंने कहा कि महत्वपू्रण मुद्दों के प्रश्नकाल के दौरान आप उन पर चर्चा करने की जगह सिर्फ नारे लगा रहे हैं, लेकिन यह सही नहीं है।" इसके बाद उन्होंने कार्यवाही को स्थगित कर दिया।
मानसून सत्र की शुरुआत से ही पेगासस मामले में हंगामा कर रहा है विपक्ष
बता दें कि संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हुआ था। पहले दिन से ही विपक्ष के सदस्य संसद के दोनों सदनों में कोरोना महामारी पर सरकार के प्रबंधन, पेगासस स्पाईवेयर जासूसी के आरोपों और तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को लेकर विरोध और हंगामा कर रहे हैं। इसके कारण कई बाद लोकसभा और राज्यसभा की कार्रवाई को स्थगित करना पड़ा है। हालांकि, इस दौरान सरकार ने बिना चर्चा के ही कई विधेयकों को भी पारित कर दिया।