कोरोना वायरस: देश को एक साथ मिलीं दो वैक्सीनें, 'कोविशील्ड' और 'कोवैक्सिन' को मंजूरी
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी और भारत बायोटेक की कोरोना वायरस वैक्सीनों को भारत में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल गई है। ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने आज इस संबंध में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और भारत बायोटेक के प्रस्तावों को मंजूरी दे दी। SII भारत में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का 'कोविशील्ड' नाम से निर्माण और ट्रायल कर रही है। 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' को सीमित आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दी गई है।
DCGI बोले- वैक्सीनें 110 प्रतिशत सुरक्षित
वैक्सीनों को मंजूरी देने के बाद मीडिया से बात करते हुए DCGI डॉ वीजी सोमानी ने कहा, "एक बात पर आप पूरी तरह सुनिश्चित रहिए कि हम कभी भी ऐसी किसी चीज को मंजूरी नहीं देंगे जिसे लेकर थोड़ी सी भी सुरक्षा की चिंता हो। वैक्सीनें 110 प्रतिशत सुरक्षित हैं। हल्के बुखार, दर्द और एलर्जी जैसे कुछ साइड इफेक्ट हर वैक्सीन से होते हैं। ये (कि लोग इनसे नपुंसक हो सकते हैं) बिल्कुल बकवास है।"
SII और भारत बायोटेक ने 7 दिसंबर को किया था आवेदन
बता दें कि SII और भारत बायोटेक दोनों ने अपनी वैक्सीनों के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी के लिए 7 दिसंबर को आवेदन किया था। सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) ने SII की 'कोविशील्ड' को आपातकालीन मंजूरी देने की सिफारिश की थी, वहीं भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' को सीमित आपातकालीन उपयोग की मंजूरी देने की सिफारिश की गई। DCGI ने अब दोनों वैक्सीनों को एक साथ मंजूरी दे दी है।
भारत के लिए होंगी 'कोविशील्ड' और 'कोवैक्सिन' की सभी शुरूआती खुराकें
SII के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अदर पूनावाला ने हाल ही में कहा था कि कंपनी अब तक 'कोविशील्ड' की चार-पांच करोड़ एडवांस खुराकों का उत्पादन कर चुकी है और इन सभी खुराकों को भारत को दिया जाएगा। हालांकि अभी तक सरकार और कंपनी के बीच कोई समझौता नहीं हुआ है। वहीं भारत बायोटेक की स्वदेशी 'कोवैक्सिन' वैक्सीन की सभी खुराकें भारत के लिए होंगी। कंपनी कितनी खुराकें एडवांस में बना चुकी है, इस पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है।
'कोविशील्ड' 70 प्रतिशत प्रभावी, 'कोवैक्सिन' के नतीजों का इंतजार
दोनों वैक्सीनों की तुलना करें तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑक्सफोर्ड वैक्सीन (कोविशील्ड) का ट्रायल करने वाली एस्ट्राजेनेका ने इसके औसतन 70.4 प्रतिशत प्रभावी होने की बात कही थी। वैक्सीन को पहले आधी खुराक और फिर पूरी खुराक वाले 2,800 लोगों के समूह में 90 प्रतिशत और दोनों पूरी खुराक वाले 8,900 लोगों के समूह में 62 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था। वहीं 'कोवैक्सिन' का तीसरे चरण का ट्रायल जारी है और अभी तक इसके नतीजे जारी नहीं किए गए हैं।
पहले चरण में तीन करोड़ लोगों को लगाई जाएगी वैक्सीन
इन दोनों वैक्सीनों को मंजूरी मिलने के बाद अब जल्द ही देश में कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है। सरकार की योजना जुलाई तक लगभग 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाने की है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के अनुसार, वैक्सीनेशन के पहले चरण में तीन करोड़ लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी, जिनमें एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और दो करोड़ महामारी में अग्रिम मोर्चे पर काम कर रहे अन्य कर्मचारी शामिल होंगे।
पूरे देश में फ्री लगाई जाएगी वैक्सीन- हर्षवर्धन
हर्षवर्धन ने ये भी ऐलान किया है कि पूरे देश में फ्री में वैक्सीन लगाई जाएगी। हालांकि सरकार ने ये भी साफ किया है कि देश में सभी लोगों को वैक्सीन लगाने की जरूरत नहीं है और इससे पहले ही संक्रमण की चैन टूट जाएगी।
वैक्सीनेशन की तैयारियों के लिए दो बार हो चुका है ड्राई रन
वैक्सीनेशन की तैयारियों के लिए पूरे देश में दो चरणों में इसका ड्राई रन (पूर्वाभ्यास) भी किया गया है। पहले चरण में 28 और 29 दिसंबर को असम, गुजरात, आंध्र प्रदेश और पंजाब के दो-दो जिलों में ड्राई रन किया गया। ये ड्राई रन पूरी तरह से सफल रहा था। वहीं आज हुए दूसरे चरण में देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ड्राई रन किया गया। इसमें 116 जिलों की कुल 259 जगहों पर पूर्वाभ्यास किया गया।
भारत में क्या है कोरोना वायरस महामारी की स्थिति?
भारत में अभी तक 1.03 करोड़ लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया जा चुका है और 1.49 लाख लोगों की मौत हुई है। पिछले कुछ महीने में देश में संक्रमण की स्थिति बेहतर हुई है और सितंबर में लगभग 95,000 के पीक के मुकाबले अभी देश में रोजाना 20,000 के आसपास नए मामले सामने आ रहे हैं। दैनिक मौतों की संख्या भी 1,100 से घटकर 300 से कम पर आ गई है। रिकवरी रेट 96.12 प्रतिशत है।