भारत में अनिवार्य नहीं होगा कोरोना वैक्सीन लेना, अगले महीने से शुरू हो सकता है वैक्सीनेशन
भारत में लोगों के लिए कोरोना वायरस की वैक्सीन लेना अनिवार्य नहीं होगा बल्कि यह उनकी स्वेच्छा पर निर्भर करेगा। सरकार की तरफ से कहा गया है कि यह पूरी तरह स्वैच्छिक होगा। हालांकि, सभी लोगों को वैक्सीन की दोनों खुराक लेने की सलाह दी गई है, ताकि महामारी से उनका बचाव हो सके और संक्रमण पर भी काबू पाया जा सके। केंद्र सरकार की तरफ से शुक्रवार को वैक्सीनेशन (टीकाकरण) को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई है।
शुरुआती दौर में 30 करोड़ लोगों को मिलेगी वैक्सीन
सरकार ने शुरुआती दौर में प्राथमिकता समूह में शामिल लोगों को वैक्सीन देने की योजना बनाई है। शुरुआती दौर के पहले चरण में लगभग एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों को वैक्सीन दी जाएगी। दूसरे चरण में पुलिसकर्मियों और स्वास्थ्य कर्मचारियों समेत महामारी के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर तैनात लगभग दो करोड़ लोगों को खुराक दी जाएगी। तीसरे चरण में 50 साल से ज्यादा उम्र के लोगों और दूसरी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों समेत लगभग 27 करोड़ लोगों को वैक्सीन मिलेगी।
लोगों को SMS के जरिये मिलेगी जानकारी
वैक्सीन उपलब्ध होने पर जिन लोगों को इसकी खुराक दी जाएगी, उन्हें उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर मैसेज कर इसकी जानकारी दी जाएगी। मैसेज में समय और जगह के बारे में बताया जाएगा, जहां उन्हें वैक्सीन दी जाएगी। दोनों खुराक मिलने के बाद लोगों के पास मैसेज आएगा। इसमें बताया जाएगा कि उनकी वैक्सीनेशन की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। साथ ही उन्हें इससे संबंधित एक QR कोड वाला सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।
कोरोना संक्रमित लोगों से वैक्सीनेशन सेंटर पर न जाने की अपील
सरकार की तरफ से जारी दस्तावेज में कहा गया है कि वैक्सीनेशन के समय कोरोना संक्रमित लोगों को वैक्सीन लेने से बचने की सलाह दी जाती है। इसमें लिखा गया है कि अगर कोई व्यक्ति संक्रमित है तो वह वैक्सीनेशन वाली जगह पर जाकर दूसरे लोगों के लिए खतरा बढ़ा सकता है। इस वजह से उन्हें महामारी से ठीक होने के 14 दिनों बाद तक वैक्सीनेशन से बचना चाहिए। ठीक हुए लोग वैक्सीन ले सकेंगे।
दूसरी खुराक लेने के 14 दिन बाद बननी शुरू होंगी एंटीबॉडीज
दस्तावेज में कहा गया है कि लोगों को 28 दिनों के अंतराल पर वैक्सीन की दोनों खुराक लेनी होगी। दूसरी खुराक लेने के 14 दिन बाद शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने वाली एंटीबॉडीज बनाना शुरू होंगी।
पूरी तरह सुरक्षित होने के बाद मिलेगी वैक्सीन की मंजूरी
वैक्सीन की सुरक्षा से जुड़ी लोगों की चिंताओं का समाधान करते हुए सरकार ने कहा है कि पूरी तरह सुरक्षित साबित होने के बाद ही वैक्सीन को हरी झंडी दिखाई जाएगी। मंजूरी लेने के लिए वैक्सीन कंपनियों को ट्रायल से जुड़े सभी आंकड़े नियामकीय संस्था के सामने पेश करने होंगे। साथ ही सरकार ने कहा है कि लोगों को एक ही प्रकार की वैक्सीन की दोनों खुराक लेनी होगी। वो अलग-अलग वैक्सीन की दो खुराक नहीं ले सकेंगे।
रजिस्ट्रेशन के लिए चाहिए होंगे ये दस्तावेज
वैक्सीन लेने के लिए लोगों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस, PAN कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड, बैंक/पोस्ट ऑफिस की तरफ से जारी किए गए पासबुक, मनरेगा जॉब कार्ड, पासपोर्ट, पेंशन डॉक्यूमेंट और राज्य/केंद्र द्वारा जारी सर्विस आइडेंटिटी कार्ड आदि दस्तावेज मान्य होंगे। रजिस्ट्रेशन के लिए दिखाए गए दस्तावेज को वैक्सीनेशन सेंटर पर दिखाना होगा। सरकार ने यह भी कहा है कि कोरोना संक्रमित होकर ठीक हो चुके लोग भी वैक्सीन ले सकेंगे।
वैक्सीन लेने के बाद आधे घंटे करना होगा आराम
वैक्सीन लेने के लिए जाने वाले लोगों के खुराक लेने के बाद आधे घंटे तक वहीं बैठकर आराम करना होगा। इस दौरान अगर उन्हें कोई परेशानी महसूस होती है तो इसकी जानकारी नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में देनी होगी।
तीन कंपनियों ने मांगी आपात इस्तेमाल की मंजूरी
भारत में अभी तक किसी भी कोरोना वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की हरी झंडी नहीं मिली है। भारत बायोटेक, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) और फाइजर ने इसके लिए आवेदन किया हुआ है। माना जा रहा है कि दिसंबर के अंत या जनवरी की शुरुआत तक किसी वैक्सीन को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। मंजूरी मिलने के कुछ ही दिन बाद वैक्सीनेशन का काम शुरू हो जाएगा। इसे देखते हुए सभी राज्य तैयारियां पूरी करने में जुटे हैं।
देश में महामारी की क्या स्थिति?
देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या एक करोड़ के करीब पहुंच गई है। बीते दिन देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के 22,890 नए मामले सामने आए और 338 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 99,79,447 हो गई है। इनमें से 1,44,789 लोगों को महामारी के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 3,13,831 हो गई है।