भारत ने सफलतापूर्वक आइसोलेट और कल्चर किया कोरोना का नया वेरिएंट, ऐसा करने वाला पहला देश
क्या है खबर?
भारत ने यूनाइटेड किंगडम (UK) में सामने आए कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन को आइसोलेट और कल्चर कर लिया है और वह ऐसा करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने शनिवार शाम को ट्वीट करते हुए ये दावा किया।
बता दें कि कल्चर की प्रक्रिया में वायरस से ग्रसित कोशिकाओं को लैब में उगाया जाता है और उनकी संख्या बढ़ाई जाती है। वैक्सीन बनाने में ये प्रक्रिया अहम भूमिका अदा करती है।
ट्वीट
पुणे की NIV लैब ने किया वायरस को कल्चर
ICMR ने अपने ट्वीट में बताया कि पुणे की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) लैब ने UK से लौटे लोगों के सैंपल्स से कोरोना वायरस के UK वेरिएंट को सभी प्रमुख बदलावों के साथ सफलतापूर्वक आइसोलेट और कल्चर कर लिया है। वैज्ञानिकों ने वीरो सेल्स लाइंस का उपयोग कर इस वेरिएंट को कल्चर किया है।
ICMR के अनुसार, 'अभी तक किसी भी देश ने SARS-CoV-2 के UK वेरिएंट के सफल आइसोलेशन और कल्चर की जानकारी नहीं दी है।'
कोवैक्सिन
NIV द्वारा आइसोलेट किए गए वायरस से ही बनी है भारत बायोटेक की कोवैक्सिन
बता दें कि NIV ने इससे पहले कोरोना वायरस के शुरूआती वेरिएंट को भी आइसोलेट और कल्चर किया था और इसी की मदद से भारत बायोटेक ने अपनी कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सिन' को विकसित किया है।
पहले NIV ने वायरस को आइसोलेट और कल्चर किया और फिर इसे वैक्सीन बनाने के लिए भारत बायोटेक के पास भेजा गया जिसने इस वायरस को निष्क्रिय करने वैक्सीन बनाई।
आज इस वैक्सीन को भारत में आपातकालीन उपयोग की मंजूरी दे दी गई है।
मामले
भारत में 29 लोग पाए जा चुके हैं नए स्ट्रेन से संक्रमित
बता दें कि भारत में अभी तक 29 लोगों को नए स्ट्रेन से संक्रमित पाया जा चुका है और ये सभी UK से लौटे यात्री हैं।
देश में सबसे पहले पहले मंगलवार को UK से लौटे छह यात्रियों में नए स्ट्रेन की पुष्टि हुई थी।
इसके बाद बुधवार को 14 अन्य यात्रियों और गुरुवार को पांच अन्य यात्रियों को भी नए स्ट्रेन से संक्रमित पाया गया। शनिवार को चार और मामलों के साथ कुल मामलों की संख्या 29 हो गई।
अधिक संक्रामक
70 प्रतिशत अधिक संक्रामक है नया स्ट्रेन
कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन पहली बार सितंबर में दक्षिण-पूर्व इंग्लैंड में पाया गया था और UK की सरकार ने इसके 70 प्रतिशत संक्रामक होने का दावा किया है।
अभी ये लंदन और UK के अन्य हिस्सों में बहुत तेजी से फैल रहा है और कुछ ही समय में यहां कोरोना वायरस का प्रमुख वेरिएंट बन गया है।
इस स्ट्रेन के अधिक घातक होने के सबूत नहीं मिले हैं, हालांकि अभी इस दिशा में और शोध किए जा रहे हैं।
उम्मीद
वैज्ञानिकों को उम्मीद- नए स्ट्रेन के खिलाफ काम करेंगी मौजूदा वैक्सीनें
गौरतलब है कि कोरोना वायरस का ये नया वेरिएंट ऐसे समय पर सामने आया है जब दुनिया कोविड वैक्सीनों की मदद से जल्द से जल्द इस महामारी से मुक्ति पाने की उम्मीद पाले बैठी है।
अमेरिका और UK समेत कई देशों में वैक्सीन का वितरण शुरू हो चुका है, वहीं भारत समेत अन्य कई देश जल्द ही वैक्सीनेशन शुरू कर सकते हैं।
वैज्ञानिकों ने वैक्सीनों के नए स्ट्रेन पर भी प्रभावी होने की उम्मीद जताई है