Page Loader
क्या 15 अगस्त को लॉन्च हो पाएगी कोरोना वायरस वैक्सीन? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

क्या 15 अगस्त को लॉन्च हो पाएगी कोरोना वायरस वैक्सीन? जानिए क्या कहते हैं विशेषज्ञ

Jul 03, 2020
07:09 pm

क्या है खबर?

भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड (BBIL) ने कोरोना वायरस (COVID-19) की पहली स्वदेशी संभावित वैक्सीन 'कोवैक्सिन' तैयार की है। इसके क्लिनिकल ट्रायल के लिए कंपनी और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) की साझेदारी हुई है। इसी बीच ICMR ने ट्रायल में शामिल संस्थानों को तेजी से काम करने को कहा है ताकि यह वैक्सीन 15 अगस्त को लॉन्च की जा सके, लेकिन क्या वैक्सीन का इतना जल्दी तैयार होना संभव है और विशेषज्ञ इस पर क्या कहते हैं? आइये जानते हैं।

कोवैक्सिन

हाल ही में वैक्सीन को मिली है ट्रायल की मंजूरी

भारत बायोटेक ने पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के साथ मिलकर कोवैक्सिन तैयार की है। NIV ने मई में बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज से वायरस का स्ट्रेन आइसोलेट किया और इसे BBIL को भेजा। उसके बाद कंपनी ने इसका इस्तेमाल करते हुए हैदराबाद में 'इनएक्टिवेटेड' वैक्सीन बनाने का काम शुरू किया। हाल ही में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के इंसानी ट्रायल की मंजूरी दी थी।

विवाद की वजह

ICMR वैक्सीन को कब तक लॉन्च करना चाहती है?

कोवैक्सिन के इंसानी ट्रायल के लिए देशभर में 12 संस्थानों का चयन किया गया है। ICMR ने इन संस्थानों को वैक्सीन को 'उच्चतम प्राथमिकता' वाले उन प्रोजेक्ट्स में से एक बताया है जिस पर सरकार का शीर्ष नेतृत्व नजर रख रहा है। ICMR ने संस्थानों को क्लिनिकल ट्रायल को फास्ट ट्रैक करने को कहा है। सभी ट्रायल खत्म होने के बाद ICMR 15 अगस्त तक इसे जन स्वास्थ्य के इस्तेमाल के लिए लॉन्च करने की योजना बना रही है।

कोवैक्सिन

ट्रायल के किस चरण में है वैक्सीन?

भारत बायोटेक ने बीती 1 जुलाई को दोनों चरणों के लिए वैक्सीन को रजिस्टर किया है। जानकारी के मुताबिक, कंपनी दोनों चरणों में 1,125 लोगों पर इसका ट्रायल करेगी और 13 जुलाई से इसके लिए वॉलेंटियर का चयन शुरू होगा। कंपनी का मानना है कि उसे ट्रायल में एक साल और तीन महीने का समय लगेगा। पहले चरण में ही कम से कम एक महीने का समय लगेगा। इसके बाद ट्रायल की अंतरिम रिपोर्ट DGCI के पास भेजी जाएगी।

वैक्सीन

ट्रायल पूरा होने में लगता है महीनों से सालों का समय

आमतौर पर किसी भी वैक्सीन के ट्रायल में महीनों से लेकर सालों तक का समय लगता है। पहले दो चरणों में कामयाब रहने के बाद ट्रायल का तीसरा चरण आता है। इसमें वॉलेंटियर को वैक्सीन के इंजेक्शन लगाकर महामारी के प्रति उनके शरीर की प्रतिक्रिया को देखा जाता है। इसके बाद सभी आंकड़ों का विश्लेषण और सत्यापन होता है, जिन्हें पीयर रिव्यू के बाद किसी जर्नल में प्रकाशित किया जाता है। तब जाकर वैक्सीन को हरी झंडी मिलती है।

सवाल

क्या 15 अगस्त तक वैक्सीन लॉन्च होना संभव है?

भले ही ICMR ने वैक्सीन को 15 अगस्त को लॉन्च करने की बात कही है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा होना बेहद मुश्किल है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए बायोएथिक्स एंड हेल्थ पॉलिसी के रिसर्चर अनंत भान कहते हैं, "अगर ऐसा होता है तो यह बेहद चौंकाने वाला होगा। दुनिया में कई और वैक्सीन तीसरे चरण तक पहुंच गई है, लेकिन उन्होंने भी समयसीमा काफी लंबी रखी है। ऐसा होना मुश्किल लग रहा है।"

वैक्सीन

"15 अगस्त तक असंभव नहीं तो मुश्किल जरूर"

इम्युनोलॉजिस्ट और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (IISER), पुणें में विजिटिंग प्रोफेसर विनीता बल ने कहा कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि ट्रायल में चल रही वैक्सीन 15 अगस्त तक कैसे तैयार हो सकती है। उन्होंने कहा, "15 अगस्त का लक्ष्य पूरी तरह अवास्तविक है। कोई भी वैक्सीन इतनी जल्दी तैयार नहीं होती। इसमें कई प्रोसेस होते हैं। अगर सब कुछ सही रहता है तब भी 15 अगस्त तक ऐसा होना असंभव नहीं तो मुश्किल जरूर है।"

बयान

"फास्ट ट्रैक के बाद भी लगते हैं महीनों"

ICMR के पूर्व महानिदेशक डॉक्टर निर्मल कुमार गांगुली ने कहा कि अगर नियमों का पालन किया जाए तो फास्ट ट्रैक करने के बाद भी वैक्सीन के ट्रायल का हर चरण कई महीने ले लेता है। उन्होंने कहा वैक्सीन विकसित करने के नियम साफ है। पहले इसका जानवरों पर ट्रायल किया जाएगा। अगर इसमें कोई नुकसान नहीं होता तो यह इंसानी ट्रायल शुरु होता है। इसमें वैक्सीन की सुरक्षा, साइड इफेक्ट, खुराक, कारगरता आदि चीजों को देखा जाता है।

लॉन्चिंग

आगे चल रही वैक्सीन लॉन्च होने में कितना समय लग सकता है?

फिलहाल दुनियाभर में 100 संभावित वैक्सीन का अलग-अलग चरणों में ट्रायल चल रहा है। इनमें से एस्ट्राजेनेका और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन सबसे आगे है। इसका तीसरे चरण का ट्रायल जारी है। अगर सब कुछ उम्मीदों के मुताबिक रहा तो इसे भी साल के अंत तक ही लॉन्च किया जा सकेगा। इसी तरह फाइजर और बायोनटेक की वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल इसी महीने शुरू हुए हैं और यह भी साल के अंत तक ही बाजार में आ पाएगी।

जवाब

ICMR को वैक्सीन लॉन्च करने की इतनी जल्दी क्यों है?

इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार जब ICMR के वैज्ञानिक लोकेश शर्मा ने 15 अगस्त के संदर्भ में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "इसे डेडलाइन के तौर पर नहीं देखना चाहिए। यह हमारा लक्ष्य है, जो संस्थानों के सहयोग पर निर्भर करता है। अगर हम कोई काम कर रहे हैं तो इसे सफलता के लक्ष्य के साथ करना चाहिए। हमारी उम्मीद और लक्ष्य है कि ट्रायल खत्म हो जाएंगे। जहां तक पत्र की बात यह महानिदेशक की व्यक्तिगत चिंता है।"