दिल्ली में दो मंजिला इमारत की छत गिरने से चार की मौत, दो अन्य घायल
पश्चिमी दिल्ली के विष्णु गार्डन इलाके में एक दो मंजिला मकान की छत का एक हिस्सा गिरने की बड़ी घटना सामने आई है। इस हादसे में अब तक चार लोगों की मौत हो चुकी है और दो अन्य घायल हो गए हैं। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आस-पास के लोगों की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाया तथा शवों को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी में भिजवा दिया। पुलिस अभी मलबे में दबे अन्य लोगों को बाहर निकालने में जुटी है।
घर में चल रहा था मोटर वाइंडिंग का कारखाना
पश्चिमी दिल्ली के अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (ACP) सुबोध कुमार गोस्वामी ने बताया कि मकान में पिछले कई दिनों से मोटर वाइंडिंग का कारखाना चल रहा था। शनिवार सुबह करीब छह लोग कारखाने में काम कर रहे थे। उसी दौरान मकान की छत भरभराकर गिर पड़ी। इससे सभी मजदूर उसके नीचे दब गए। इसमें चार मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। उनका उपचार जारी है।
मौके पर तैनात किए बचाव दल कर्मी
दिल्ली फायर सर्विसेज (DFS) के प्रमुख अतुल गर्ग ने बताया कि उन्हें सुबह करीब 10 बजे मकान की छत गिरने की सूचना मिली थी। इसके बाद चार दमकलों के साथ बचाव दल कर्मियों को मौके पर रवाना किया गया। बचावकर्मियों ने मलबे में फंसे सभी छह लोगों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया था। उन्होंने बताया कि बचावकर्मी फिलहाल मौके पर तैनात है और मलबे में अन्य लोगों फंसे होने की जांच कर रहे हैं।
SDM को दिए कार्रवाई के निर्देश
ACP गोस्वामी ने बताया कि इमारत उत्तर नगर निवासी महेंद्र पाल की है। उसी ने इस 60 गज के मकान को मोटर वाइंडिंग का कारखाना संचालित करने के लिए किराए पर दे रखा था। उन्होंने बताया कि रिहायशी इलाके में मकान को व्यावसायिक उपयोग के लिए देना अनुचित है। ऐसे में मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए स्थानीय उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (SDM) को कहा गया है। जल्द ही मामले में अपेक्षित कार्रवाई की जाएगी।
गत दिनों खजूरी खास इलाके में मकान की छत गिरने से हुई थी मासूम की मौत
बता दें कि दिल्ली में मकान की छत गिरने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले गत 14 दिसंबर को भी उत्तर-पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास इलाके में मकान की छत गिरने से मलबे में दबकर तीन वर्षीय मासूम मानवी की मौत हो गई थी। जांच में सामने आया था कि मकान की छत बहुत कमजोर थी। इसके चलते वह गिर गई। मामले में पुलिस ने बिल्डर के खिलाफ लापरवाही से निर्माण का मामला दर्ज किया था।