भारत में 'कोवैक्सिन' को भी मिल सकती है मंजूरी, एक्सपर्ट पैनल ने की सिफारिश
क्या है खबर?
भारत में कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे लोगों के लिए एक और बड़ी खुशखबरी आई है।
कोरोना वैक्सीन से जुड़ी सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने शनिवार को भारत बायोटक के वैक्सीन 'कोवैक्सिन' को देश में सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश की है।
इससे पहले शुक्रवार को कमेटी ने एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार की गई वैक्सीन 'कोविशील्ड' को मंजूरी देने की सिफारिश की थी।
मंजूरी
दोनों वैक्सीनों को DCGI देगा आधिकारिक मंजूरी
बता दें कि SEC ने दोनों वैक्सीनों को आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश करते हुए आवेदनों को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) के पास भेज दिया है।
अब DCGI द्वारा दोनों वैक्सीनों को आधिकारिक मंजूरी दी जाएगी। यदि ऐसा होता है तो भारत को एकसाथ दो वैक्सीन मिलेगी। इसमें 'कोवैक्सिन' देश की पहली स्वेदीश वैक्सीन होगी।
ऐसे में अब देश के करोड़ों लोगों की निगाहें DCGI के फैसले पर टिकी हुई है।
आवेदन
भारत बायोटेक ने गत 8 दिसंबर को किया था मंजूरी के लिए आवेदन
हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक कंपनी भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ मिलकर 'कोवैक्सिन' पर काम कर रही है।
कंपनी ने फाइजर और सीरम इंस्टीट्यूट के आवेदन करने के बाद गत 8 दिसंबर को वैक्सीन के आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन किया था।
आवेदन की जांच करने के बाद SEC ने कंपनी से तीसरे चरण के ट्रायल से जुड़ा और डाटा मांगा था। गत दिनों कंपनी से उसे उपलब्ध करा दिया था।
निर्देश
SEC ने दोनों वैक्सीनों के इस्तेमाल को लेकर रखी शर्तें
SEC ने एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड की 'कोविशील्ड' और भारत बायोटेक की 'कोवैक्सिन' के आपात इस्तेमाल को सशर्त मंजूरी दी है।
SEC ने 'कोवैक्सिन' को सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी की सिफारिश करने के साथ कंपनी को तीसरे चरण के ट्रायल को पूरा करने के वॉलेंटियरों की भर्ती में तेजी लाने को कहा है।
इसके अलावा 'कोविशील्ड' का 18 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों पर इस्तेमाल करने तथा चार से छह सप्ताह में दूसरी खुराक देने की सिफारिश की है।
परेशानी
'कोवैक्सिन' के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए नहीं मिल रहे पर्याप्त वॉलेंटियर्स
वर्तमान में भारत बायोटेक के सामने सबसे बड़ी समस्या तीसरे चरण के ट्रायल के लिए पर्याप्त मात्रा में वॉलेंटियर्स का नहीं मिलना है।
कंपनी ने गत 20 नवंबर से तीसरे चरण के ट्रायल की शुरुआत की थी। कंपनी ने इसके लिए देशभर के 20 रिसर्च सेंटरों में 25,800 वॉलेंटियरों को कोवैक्सिन की खुराक देने का लक्ष्य रखा था।
इनमें से सबसे ज्यादा 2,000-5,000 वॉलेंटियर दिल्ली AIIMS में भर्ती किए जाने थे, लेकिन वहां अभी तक आवश्यक वॉलेंटियर नहीं पहुंचे हैं।
बयान
"कम से कम 60 फीसदी प्रभावी होगी वैक्सीन"
भारत बायोटेक के क्वालिटी ऑपरेशन के प्रमुख साई डी प्रसाद ने पिछले महीने कहा था कि यह वैक्सीन कोरोना वायरस से बचाव में कम से कम 60 फीसदी प्रभावी साबित होगी। तीसरे चरण के अंतिम नतीजे आने पर यह ज्यादा असरदार साबित हो सकती है।
राहत
मंजूरी से देश को मिलेगी बड़ी राहत
भारत द्वारा कोवैक्सिन को सीमित आपात इस्तेमाल की मंजूरी देना बड़ा कदम माना जा रहा है।
वैक्सीन के इस्तेमाल से कोरोना के नए स्ट्रेन के खतरे से जूझ रहे देश को सुरक्षा मिलने की उम्मीद जताई जा सकती है।
बता दें UK में मिला कोरोना का नया स्ट्रेन 70 प्रतिशत अधिक संक्रामक बताया जा रहा है और भारत में भी इसके 33 मामले सामने आ चुके हैं।
सरकार UK से आए सभी यात्रियों का जीनोम अनुक्रमण कराने में जुटी है।
वैक्सीनेशन
जल्द शुरू हो सकता है देशभर में वैक्सीनेशन
दोनों वैक्सीनों को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के साथ ही देश में कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन अभियान के जल्द शुरू होने की उम्मीद बढ़ गई है। सरकार ने पहले ही इसकी तैयारी कर ली है।
सरकार ने पहले गत 29 और 30 दिसंबर को असम, गुजरात, आंध्र प्रदेश और पंजाब के आठ जिलों में दो दिवसीय ड्राई रन (पूर्वाभ्यास) किया था।
इसके बाद शनिवार को भी देशभर के 116 जिलों में 259 जगहों पर ड्राई रन आयोजित किया है।