कोरोना वायरस: वैक्सीन को हरी झंडी मिलने से पहले देशभर में वैक्सीनेशन का पूर्वाभ्यास शुरू
क्या है खबर?
पहले चरण में चार राज्यों के बाद अब देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना वायरस के वैक्सीनेशन का ड्राई रन (पूर्वाभ्यास) शुरू हो गया है।
देशभर के 116 जिलों की कुल 259 जगहों पर ये पूर्वाभ्यास किया जा रहा है। इसके लिए लगभग 96,000 स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित किया गया है।
हर केंद्र पर 25 स्वास्थ्यकर्मियों को डमी वैक्सीन दी जाएगी और व्यवस्था में किसी भी खामी पर कड़ी नजर रखी जाएगी।
ड्राई रन
दिल्ली में ड्राई रन पर नजर रखेंगे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री
देश की राजधानी दिल्ली में शाहदरा के गुरू तेग बहादुर अस्पताल, दरियागंज के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और द्वारका के वेंकटेश्वर अस्पताल में वैक्सीनेशन का ड्राई रन किया जा रहा है। खुद स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन दिल्ली में हो रहे ड्राई रन पर नजर रखेंगे।
वहीं उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ, महाराष्ट्र में पुणे, नागपुर, जलना और नंदूरबार, पंजाब में पटियाला, हरियाणा में पंचकुला, छत्तीसगढ़ में सात और केरल में चार जिलों में ड्राई रन हो रहा है।
पहला चरण
28 और 29 दिसंबर को चार राज्यों में हुआ था ड्राई रन
बता दें कि इससे पहले 28 और 29 दिसंबर को चार राज्यों, आंध्र प्रदेश, गुजरात, असम और पंजाब, में वैक्सीनेशन का ड्राई रन हुआ था।
इन सभी राज्यों के दो-दो जिलों में 100 लोगों को डमी वैक्सीन की खुराक दी गई थी और इसके लिए हर जिले में पांच वैक्सीनेशन सेंटर्स बनाए गए थे।
ये ड्राई रन पूरी तरह से सफल रहा था और इसमें शामिल चारों राज्यों ने वैक्सीनेशन के लिए बनाई गई व्यवस्था पर संतुष्टि जताई थी।
ड्राई रन
क्या होता है ड्राई रन?
आसान शब्दों में कहें तो ड्राई रन का मतलब है वैक्सीनेशन की पूरी प्रक्रिया का ट्रायल। इसमें वैक्सीनेशन की प्रक्रिया में शामिल कोल्ड स्टोरेज चैन से लेकर यातायात तक हर चीज का ट्रायल किया जाएगा।
लाभार्थियों की पहचान करने और वैक्सीनेशन की अन्य महत्पूर्ण जानकारियां रखने के लिए बनाए गए सरकार के Co-WIN इलेक्ट्रॉनिक एप्लीकेशन की उपयोगिता की समीक्षा भी की जाएगी।
बता दें कि ड्राई रन के दौरान असली की बजाय डमी वैक्सीन दी जाती है।
महत्व
क्यों महत्वपूर्ण है ड्राई रन?
ड्राई रन के जरिए ये पता चलता है कि देश और राज्यों की व्यवस्था वैक्सीनेशन की असल प्रक्रिया के लिए कितनी तैयार है। इसके जरिए व्यवस्था की खामियां भी सामने आ जाती हैं और असली वैक्सीनेशन शुरू होने से पहले इन्हें ठीक करने का समय मिल जाता है।
इसके अलावा वैक्सीन लगाने वाले स्वास्थ्यकर्मी भी ड्राई रन के दौरान मौजूद रहेंगे और उन्हें पहली बार जमीनी स्तर पर काम करने और अपनी भूमिका समझने का मौका मिलेगा।
मंजूरी
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन को जल्द मिल सकती है मंजूरी
गौरतलब है कि देशभर में ये ड्राई रन ऐसे समय पर किया जा रहा है जब कल ही सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की विशेषज्ञ समिति ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की कोरोना वैक्सीन को आपातकालीन उपयोग की मंजूरी देने की सिफारिश की है।
अब ये प्रस्ताव ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को भेज दिया गया है और DCGI बेहद जल्द वैक्सीन को मंजूरी दे सकते हैंं। इसके बाद अगले हफ्ते से ही वैक्सीनेशन शुरू हो सकता है।
खुराकें
भारत के लिए पांच करोड़ खुराकें तैयार- SII
भारत में ऑक्सफोर्ड वैक्सीन का ट्रायल कर रहे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) का कहना है कि भारत के लिए वैक्सीन की लगभग पांच करोड़ खुराकें तैयार हैं और मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अदार पूनावाला ने कहा कि कंपनी अब तक चार-पांच करोड़ खुराकों का उत्पादन कर चुकी है और इन्हें सबसे पहले भारत को दिया जाएगी। उन्होंने मार्च तक हर महीने 10 करोड़ खुराकें बनाने की बात कही थी।