वैक्सीनेशन की तैयारी के लिए चार राज्यों में किया गया पूर्वाभ्यास सफल रहा- स्वास्थ्य मंत्रालय
भारत में कोरोना वायरस के वैक्सीनेशन की तैयारियां युद्ध स्तर पर चल रही है। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से वैक्सीनेशन की तैयारियों की जांच के लिए चार राज्यों के आठ जिलों में किया दो दिवसीय ड्राई रन (पूर्वाभ्यास) मंगलवार को सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रायल ने मंगलवार को इसकी जानकारी दी है। मंत्रालय के अनुसार पूर्वाभ्यास में कोई खामी नजर नहीं आई। ऐसे में वैक्सीनेशन अगले साल की शुरुआत में शुरू हो सकता है।
इन चार राज्यों में किया गया था पूर्वाभ्यास
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार वैक्सीनेशन की तैयारियों की जांच के लिए आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले, गुजरात के राजकोट और गांधीनगर, पंजाब के लुधियाना और नवांशहर तथा असम के सोनितपुर और नलबाड़ी जिलों में सोमवार से दो दिवसीय पूर्वाभ्यास शुरू किया गया था। मंत्रालय ने बताया कि मंगलवार को शाम को पूर्वाभ्यास को सफलतापूर्वक सम्पन्न हो गया। इसमें इन राज्यों में वैक्सीनेशन के लिए की गई व्यवस्थाओं की जांच की गई थी।
यह था पूर्वाभ्यास का मुख्य उद्देश्य
स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि पूर्वाभ्यास का मुख्य उद्देश्य कोरोना वैक्सीनेशन प्रक्रिया की शुरु से अंत की जांच करना था। इसमें कोल्ड स्टोरेज चैन से लेकर यातायात तक हर चीज का ट्रायल किया गया। इसके अलावा इसमें कोविन (Co-WIN) ऐप, सत्र साइट निर्माण और साइटों की मैपिंग, स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं का डाटा, वैक्सीन और वैक्सीन प्राप्त करने की ट्रैकिंग, वैक्सीनेशन टीमों की तैनाती और वैक्सीनेशन स्थलों पर आवश्यक सुविधाओं की उपलब्धता की भी जांच की गई।
समीक्षा बैठकों का भी किया गया पूर्वाभ्यास
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ड्राई रन के दौरान ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर वैक्सीनेशन की रिपोर्टिंग और समीक्षा बैठकों का भी पूर्वाभ्यास किया गया था। इसमें अधिकारियों और कर्मचारियों की कर्तव्यनिष्ठा और समय की पाबंदी की जांच की गई।
पूर्वाभ्यास के लिए यह अपनाई गई प्रक्रिया?
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ड्राई रन के दौरान सभी जिलों में 100 लोगों को डमी वैक्सीन की खुराक दी गई और इसके लिए हर जिले में पांच वैक्सीनेशन सेंटर्स बनाए गए। लाभार्थियों की पहले से ही पहचान करके उन्हें एडवांस में एक SMS भेजा गया जिसमें वैक्सीन लगने की जगह और समय की जानकारी थी। डमी वैक्सीन लगाए जाने के बाद किसी भी गंभीर साइड इफेक्ट के लिए इन लाभार्थियों पर 30 मिनट तक नजर रखी गई।
पहले दिन के पूर्वाभ्यास की मंगलवार को की गई समीक्षा
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार ड्राई रन के पहले दिन के फीडबैक की मंगलवार को समीक्षा की गई। सभी राज्यों ने देश भर में बड़ी संख्या में लोगों को कवर करने के लिए अपेक्षित टीकाकरण प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और प्रभावी निगरानी सुनिश्चित करने के लिए IT प्लेटफॉर्म के परिचालन दृष्टिकोण और उपयोग के संदर्भ में संतोष व्यक्त किया। इस दौरान कोविन प्लेटफॉर्म को और मजबूत बनाने के लिए अतिरिक्त सुझाव भी मांगे गए।
पुराने अनुभवों के साथ की जा रही है मजबूत तैयारी
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (UIP) को शुरू करने और खसरा-रूबेला (MR) और एडल्ट जापानी इंसेफेलाइटिस (JE) अभियान जैसे राष्ट्रव्यापी कई व्यापक वैक्सीनेशन अभियानों के अनुभव के साथ प्राथमिकता वाली आबादी पर कोरोना वैक्सीनेशन के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। मंत्रालय ने कहा कि सबसे पहले स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ता, अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ता और 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन दी जाएगी।
क्यों महत्वपूर्ण है ड्राई रन?
ड्राई रन के जरिए ये पता चलता है कि देश और राज्यों की व्यवस्था वैक्सीनेशन की असल प्रक्रिया के लिए कितनी तैयार है। इसके जरिए व्यवस्था की खामियां भी सामने आ जाती हैं और असली वैक्सीनेशन शुरू होने से पहले इन्हें ठीक करने का समय मिल जाता है। इसके अलावा वैक्सीन लगाने वाले स्वास्थ्यकर्मी भी ड्राई रन के दौरान मौजूद रहेंगे और उन्हें पहली बार जमीनी स्तर पर काम करने और अपनी भूमिका समझने का मौका मिलेगा।
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में बीते दिन कोरोना वायरस से संक्रमण के 16,432 नए मामले सामने आए और 252 मरीजों की मौत हुई। देश में कुल संक्रमितों की संख्या 1,02,24,303 हो गई है। इनमें से 1,48,153 लोगों की मौत हो गई और सक्रिय मामलों की संख्या 2,68,581 है।