भारत में कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' को मंजूरी मिलना लगभग तय, एक्सपर्ट पैनल ने की सिफारिश
कोरोना वायरस महामारी से जूझ रहे देश के लोगों के लिए बड़ी राहत की खबर आई है। एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा तैयार की गई कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' को भारत में आपात इस्तेमाल की मंजूरी लगभग मिल गई है। इससे पहले यूनाइटेड किंगडम (UK) और अर्जेंटीना भी वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी दे चुके हैैं। इसके साथ भारत इस वैक्सीन को मंजूरी देने वाला दुनिया का दूसरा देश बन गया है। ऐसे में अब जल्द ही देश में वैक्सीनेशन शुरू किया जाएगा।
SII ने गत 7 दिसंबर को किया था मंजूरी के लिए आवेदन
बता दें कि ऑक्स्टफोर्ड-एस्ट्राजेनेका ने भारत में वैक्सीन के ट्रायल और उत्पादन के लिए SII से करार किया है। ऐसे में SII ने गत 7 दिसंबर को आपात इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन किया था। आवेदन की जांच कररने के बाद SEC ने कंपनी से ट्रायल से जुड़े और अधिक डाटा प्रस्तुत करने को कहा था। जिसके बाद 18 दिसंबर को SII ने डाटा उपलब्ध करा दिया। SEC ने डाटा का विश्लेषण करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंप दी।
SEC ने बैठक के बाद की वैक्सीन को मंजूरी देने की सिफारिश
कोरोना वैक्सीन से जुड़ी सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन (CDSCO) की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) की शुक्रवार को हुई बैठक में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) की ओर प्रस्तुत किए गए मांगे गए अतिरिक्त डाटा का गहन विश्लेषण किया गया। इसमें SEC ने संतुष्टि जताते हुए वैक्सीन को सशर्त आपात इस्तेमाल की मंजूरी देने की सिफारिश कर दी। ऐसे में अब वैक्सीन को आधिकारिक मंजूरी की घोषणा ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) को करनी है।
भारत को मिलेगी चार-पांच करोड़ खुराक
'कोविशील्ड' को इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के बाद अस सबसे बड़ा सवाल वैक्सीन की आपूर्ति का है। हालांकि, पहले दौर में भारत को वैक्सीन की चार से पांच करोड़ खुराक मिल सकती है। गत 28 दिसंबर को SII के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अदार पूनावाला ने कहा था कि कंपनी ने अब तक 40-50 मिलियन (चार-पांच करोड़) खुराकों को उत्पादन कर लिया और यह सबसे पहले भारत को दी जाएगी।
तीसरे चरण के ट्रायल में 70 प्रतिशत प्रभावी पाई गई थी वैक्सीन
एस्ट्रोजेनेका की ओर से गत 23 नवंबर वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के अंतरिम परिणाम जारी किए थे। ट्रायल में शामिल 131 लोगों के संक्रमित पाए जाने के बाद जारी किए गए इन नतीजों में वैक्सीन को औसतन 70.4 प्रतिशत प्रभावी पाया गया था। कंपनी के अनुसार, वैक्सीन को पहले आधी खुराक और फिर पूरी खुराक वाले 2,800 लोगों के समूह में 90 प्रतिशत और दोनों पूरी खुराक वाले 8,900 लोगों के समूह में 62 प्रतिशत प्रभावी पाया गया।
मंजूरी से देश को मिल सकती है बड़ी राहत
भारत द्वारा कोविशील्ड के आपात इस्तेमाल की मंजूरी देना बड़ा कदम माना जा रहा है। इस वैक्सीन के इस्तेमाल से कोरोना के नए स्ट्रेन के खतरे से जूझ रहे देश को सुरक्षा मिलने की उम्मीद जताई जा सकती है। बता दें UK में मिला कोरोना का नया स्ट्रेन 70 प्रतिशत अधिक संक्रामक बताया जा रहा है और भारत में भी इसके 25 मामले सामने आ चुके हैं। सरकार UK से आए सभी यात्रियों का जीनोम अनुक्रमण कराने में जुटी है।
नए साल शुरू हो सकता है देश में वैक्सीनेशन
कोविशील्ड को आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिलने के साथ ही देश में नए साल की शुरुआत में कोरोना महामारी के खिलाफ वैक्सीनेशन शुरू किया जा सकता है। सरकार ने वैक्सीनेशन की पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए सरकार ने गत 29 और 30 दिसंबर को असम, गुजरात, आंध्र प्रदेश और पंजाब के आठ जिलों में दो दिवसीय ड्राई रन (पूर्वाभ्यास) किया था। इसके बाद अब 2 जनवरी को पूरे देश में ड्राई रन आयोजित किया जाएगा।
भारत में तीन कंपनियों ने किया है मंजूरी के लिए आवेदन
भारत में SII के अलावा भारत बायोटेक और फाइजर ने अपनी वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी के लिए आवेदन किया है। इनमें से भारत बायोटेक और SII ने अतिरिक्त आंकड़े उपलब्ध करवा दिए थे। फाइजर की तरफ से अभी तक आंकड़े नहीं दिए गए हैं।