
भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' में मार गिराए लश्कर और जैश के शीर्ष आतंकी, नाम आए सामने
क्या है खबर?
पहलगाम हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत मिसाइलें दागी थीं। इसके जरिए भारत ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। अब इस हमले में मारे गए आतंकियों के नाम सामने आए हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, मारे गए आतंकियों में लश्कर-ए-तैयबा का इंचार्ज अबु जुंदाल उर्फ मुदस्सर कादियान और खालिद उर्फ अबु अकसा शामिल हैं।
इसके अलावा जैश-ए-मोहम्मद के भी आतंकी मारे गए हैं।
आतंकी
भारतीय हमले में मारे गए मसूद अजहर के रिश्तेदार
इंडिया टुडे के मुताबिक, भारत ने लश्कर के शीर्ष-5 आतंकियों का सफाया कर दिया है।
इनमें मुदस्सर कादियान, खालिद अबू अकसा और मोहम्मद हसन खान शामिल हैं।
'ऑपरेशन सिंदूर' में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों के भी ढेर होने की खबर है। इनमें हाफिज मुहम्मद जमील, मसूद अजहर का बड़ा भाई मोहम्मद यूसुफ अजहर और हसन खान शामिल है।
हसन पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के ऑपरेशनल कमांडर मुफ्ती असगर खान कश्मीरी का बेटा है।
आतंकियों की जानकारी
कादियान के जनाजे में शामिल हुई थी पाकिस्तानी सेना
लश्कर का आतंकी कादियान मुरीदके में स्थित मरकज तैयबा को संभालता था। उसके अंतिम संस्कार में पाकिस्तानी सेना के कई अधिकारी शामिल हुए थे और गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया था।
पाकिस्तान सेना के प्रमुख और पंजाब प्रांत की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने कादियान को श्रद्धांजलि दी थी।
उसकी नमाज-ए-जनाजा वैश्विक आतंकवादी संगठन के आतंकी हाफिज अब्दुल रऊफ ने पढ़ाई थी। इस दौरान पाक सेना के एक लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के आला अधिकारी भी मौजूद थे।
कंधार
कंधार अपहरण का मास्टरमाइंड था अब्दुल यूसुफ अजहर
मोहम्मद यूसुफ अजहर मसूद अजहर का साला है। ये हथियारों का प्रशिक्षण देता था और जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों में शामिल रहा है।
अजहर कंधार विमान अपहरण का मुख्य साजिशकर्ता था।
बता दें कि 24 दिसंबर, 1999 को काठमांडू से दिल्ली आ रहे IC-814 विमान का 5 आतंकियों ने अपहरण कर लिया था और अफगानिस्तान ले गए थे। विमान को छुड़ाने के बदले भारत ने जेल में बंद मसूद अजहर समेत 3 आतंकियों को रिहा किया था।
ऑपरेशन सिंदूर
भारत ने तबाह किए थे 9 आतंकी ठिकाने
भारत ने 7-8 मई की आधी रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में 7 जगहों पर 9 आतंकी हमलों को निशाना बनाया था।
इनमें बहावलपुर में मरकज सुभान अल्लाह, मरकज तैयबा मुरीदके, सरजाल/तेहरा कलां, महमूना जोया सुविधा (सियालकोट), मरकज अहले हदीस बरनाला (भिम्बर), मरकज अब्बास (कोटली), मस्कर राहील शाहिद (कोटली), मुजफ्फराबाद में शावई नाला कैम और मरकज सैयदना बिलाल शामिल हैं।
इस दौरान 100 से भी ज्यादा आतंकी मारे गए थे।