
ऑपरेशन सिंदूर: भारत ने मरकज तैयबा पर क्यों किया हमला, इसका लश्कर से क्या है संबंध?
क्या है खबर?
पहलगाम हमले का बदला लेते हुए भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में 9 आतंकी शिविरों को निशाना बनाया है। इसमें करीब 100 आतंकियों की मौत हो गई है।
इनमें मुरीदके में स्थित मरकज तैयबा भी शामिल है, जो लश्कर-ए-तैयबा का ठिकाना है। इसे लश्कर का वैचारिक और संचालन केंद्र माना जाता है।
आइए जानते हैं भारत ने इस इमारत को क्यों निशाना बनाया गया है।
मुरीदके
200 एकड़ में फैला है मरकज
पाकिस्तान के पंजाब के मुरीदके में स्थित मरकज तैयबा को भारतीय वायुसेना ने तबाह कर दिया है। यह साल 2000 में बनी थी और लश्कर का सबसे अहम ठिकाना और प्रशिक्षण केंद्र है।
200 एकड़ में फैले इस परिसर को आमतौर पर पाकिस्तान की 'आतंकवादी नर्सरी' भी कहा जाता है।
यहां से भारत पर हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में अहम मदद की गई है। इसी वजह से ये भारतीय खुफिया एजेंसियों की नजर में रहा है।
फंडिंग
ओसामा बिन लादेन ने की थी फंडिंग
इस केंद्र को बनाने में अलकायदा के नेता और आतंकी ओसामा बिन लादेन ने भी आर्थिक मदद की थी। रिपोर्ट के मुताबिक, सालों पहले लादेन ने इसे बनाने के लिए करीब 1 करोड़ रुपये दिए थे।
परिसर में एक उपदेश केंद्र, शैक्षणिक संस्थान, एक मदरसा, आवासीय क्वार्टर, हथियार प्रशिक्षण और भर्ती के लिए सुविधाएं हैं।
भारत का मानना है कि 2008 में हुई मुंबई हमलों के हमलावरों को यहीं पर प्रशिक्षण मिला था।
भारत
भारत की नजरों में था मरकज तैयबा
भारत ने अलग-अलग मौकों पर युवाओं को कट्टरपंथी बनाने में इस परिसर की भूमिका को उजागर किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, यहां हर साल लगभग 1,000 छात्र अलग-अलग कोर्स में प्रवेश लेते हैं। इनमें महिला और पुरुष दोनों शामिल हैं।
यहां लश्कर के वरिष्ठ नेतृत्व को प्रशिक्षण दिया जाता है।
मरकज को तबाह कर भारत ने न सिर्फ आतंकियों के बुनियादी ढांचे को निशाना बनाया है, बल्कि आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को नष्ट करने का अपना संकल्प भी दोहराया है।
हमला
भारत ने कैसे किया हमला?
भारतीय वायुसेना ने आधी रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के भीतर 24 मिसाइलें दागीं।
हमले में 7 शहरों के 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। खबर है कि इसमें 90 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं।
भारत ने इसे 'ऑपरेशन सिंदूर' नाम दिया है, जो उन महिलाओं को समर्पित है, जिनके पतियों की पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में मौत हो गई थी।