पाकिस्तान: मुंबई हमले के मास्टरमाइंड लखवी को टेरर फंडिंग मामले में 15 साल की सजा
क्या है खबर?
पाकिस्तान के लाहौर की आतंकरोधी अदालत ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशनल कमांडर जकीउर रहमान लखवी को 15 साल की सजा सुनाई है।
उस पर टेरर फंडिंग (आंतकी संगठनों को आर्थिक मदद देने) का दोष साबित हुआ है।
लखवी को 26/11 मुंबई हमले का मास्टरमाइंड माना जाता है। हालांकि, यह सजा उसे दूसरे मामले में मिली है।
इसी महीने की शुरुआत में लखवी को पाकिस्तान के पंजाब से गिरफ्तार किया गया था।
आइये, पूरी खबर जानते हैं।
दोष
आतंकी फंडिंग जुटाने के लिए डिस्पेंसरी चला रहा था लखवी
लखवी की गिरफ्तारी के वक्त अधिकारियों अधिकारियों ने बताया था कि वह आतंकियों के लिए फंड जुटाने के लिए डिस्पेंसरी चला रहा था। खुफिया जानकारी मिलने के बाद उसकी गिरफ्तारी के लिए अभियान चलाया गया था।
अधिकारियों ने बताया था कि लखवी पर आतंकी फंडिंग के आरोप हैं। वो और दूसरे लोग डिस्पेंसरी से पैसे जुटाते और इनसे आतंकियों को आर्थिक मदद मुहैया कराते थे।
इसी पैसे को वो अपना खर्च चलाने के लिए भी इस्तेमाल करते थे।
गिरफ्तारी
पांच सालों से जमानत पर बाहर था लखवी
लखवी 2015 से जमानत पर जेल से बाहर था।
मुंबई हमले के बाद छह साल जेल में रहकर 2015 में लखवी जमानत पर बाहर आया था। उसके बाद से वह वापस जेल नहीं गया।
बता दें कि मुंबई हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने लखवी को आंतकवादियों की सूची में शामिल कर दिया था।
इसके साथ ही उसकी संपत्ति और बैंक खातों की सीज किया गया था।
पाकिस्तान
मसूद अजहर की गिरफ्तारी के लिए भी निकला वारंट
गुरुवार को पाकिस्तान ने जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के उसकी धरती पर होने की बात स्वीकार की है।
यहां की एक अदालत ने उसकी गिरफ्तारी का वारंट जारी किया है। आतंकी फंडिंग के मामले की जांच कर कर रहे आंतक रोधी विभाग की याचिका पर गुजरांवाला की विशेष अदालत ने यह वारंट जारी किया है।
अदालत ने अजहर को गिरफ्तार कर 8 जनवरी को उसके सामने पेश करने का आदेश दिया है।
कार्रवाई की वजह
FATF की कार्रवाई से बचने की कोशिश
आतंकवादियों के खिलाफ पाकिस्तान की इस कार्रवाई के पीछे फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) का दबाव काम कर रहा है।
दरअसल, जनवरी और फरवरी में दुनियाभर में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग पर नजर रखने वाली संस्था FATF की बैठक होने वाली है।
पाकिस्तान इस संस्था की ग्रे लिस्ट में शामिल है। आगामी बैठक में इसकी समीक्षा की जाएगी। इस दौरान अगर संस्था को आतंक के खिलाफ पाकिस्तान के कदम पर्याप्त नहीं लगे तो उसे ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा।
जानकारी
पाकिस्तान को 27 बिंदुओं पर करना होगा काम
पाकिस्तान अगर FATF की ब्लैकलिस्ट में जाने से बचना चाहता है तो उसे 27 बिंदुओं पर काम करना होगा।
इसमें उसने 21 पर काम पूरा कर लिया और छह पर बाकी है। इन बिंदुओं में संयुक्त राष्ट्र की तरफ से आतंकी घोषित किए गए लोगों को गिरफ्तार करना भी शामिल है।
पिछले साल अक्टूबर में हुई बैठक में FATF ने इस काम को पूरा करने के लिए पाकिस्तान को तीन महीने का समय दिया था, जो पूरा होने वाला है।
पैटर्न
बैठक से पहले कार्रवाई का दिखावा करता है पाकिस्तान
पाकिस्तान हर बार ब्लैकलिस्ट में जाने से बचने के लिए FATF की बैठक से पहले आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई का दिखावा करता है।
जुलाई, 2019 में बैठक से पहले पाकिस्तान ने लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद को गिरफ्तार किया था।
लखवी को सजा और अजहर के खिलाफ वारंट भी इसी कड़ी का हिस्सा है।
हालांकि, उसकी यह कार्रवाई महज दिखावा ही होती है क्योंकि जेल में बंद रहते हुए भी इन आतंकियों को सभी प्रकार की सुविधाएं मिलती हैं।
जानकारी
ब्लैकलिस्ट होने पर होंगे ये नुकसान
अगर FATF पाकिस्तान को ब्लैकलिस्ट कर देता है तो पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर इसके गहरे आर्थिक प्रभाव होंगे। इसके बाद पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और दूसरी वैश्विक संस्थाओं से मिलने वाली मदद बंद हो जाएगी।