अगले साल जून से लागू होगी 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना, जानिए इसकी बड़ी बातें
क्या है खबर?
प्रवासी और दिहाड़ी मजदूरों को लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार की 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना अगले साल एक जून से पूरे देश में लागू होगी।
केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने मंगलवार को संसद को सूचित किया कि ये योजना एक जून 2020 से पूरे देश में प्रभावी होगी।
ये योजना क्या है और इसका फायदा मुख्यतौर पर किसको मिलेगा, आइए आपको बताते हैं।
योजना
क्या है 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना?
'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना के तहत लाभार्थी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत उन्हें मिलने वाले खाद्य पदार्थ देश के किसी भी हिस्से से हासिल कर सकेंगे।
मौजूदा व्यवस्था में राशन कार्डधारक एक पूर्व निर्धारित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) दुकान से ही सस्ती कीमत में अनाज, दालें और अन्य जरूरी चीजें प्राप्त कर सकते हैं।
इससे उन्हें PDS दुकानदारों के "रहमोकरम" पर निर्भर रहना होता है और भ्रष्टाचार तथा दुकानदारों की मनमानी की संभावना बेहद बढ़ जाती है।
लाभ
प्रवासी कामगार और दिहाड़ी मजदूर योजना के केंद्र में
PDS दुकानदारों की इसी मनमानी और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए केंद्र सरकार 'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना लेकर आई है।
इसका लक्ष्य लाभार्थियों को स्वतंत्रता प्रदान करना है, ताकि उन्हें एक ही PDS दुकान से बंधकर न रहना पड़े और वितरण में भ्रष्टाचार कम किया जा सके।
योजना के केंद्र में रोजगार के सिलसिले में एक जगह से दूसरी जगह जाने वाले प्रवासी कामगार और दिहाड़ी मजदूर हैं, जिन्हें मौजूदा नियमों से सबसे ज्यादा समस्या होती है।
क्रियान्वयन
कैसे लागू होगी योजना?
'एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड' योजना के तहत देश की सभी PDS दुकानों पर पॉइंट ऑफ सेल (PoS) मशीनों लगाई जाएंगी।
इन मशीनों की मदद से राशन कार्ड किसी भी PDS दुकान से अनाज खरीद सकेंगे।
आंध्र प्रदेश और हरियाणा जैसे कुछ राज्यों में पहले से ही सभी PDS दुकानों पर PoS मशीनें उपलब्ध हैं, वहीं अन्य राज्य जल्द से जल्द इन मशीनों को लगाने की ओर काम कर रहे हैं।
जानकारी
जून में पासवान ने की थी योजना की घोषणा
इस साल जून में खाद्य सचिवों, भारतीय खाद्य निगम (FCI), केंद्रीय भंडारण निगम (CWC), राज्य भंडारण निगमों और राज्य सरकारों के अन्य अधिकारियों के साथ बैठक के बाद पासवान ने इस योजना का ऐलान किया था।