भारत में कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से नहीं हुई कोई मौत- सरकार
क्या है खबर?
भारत में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर ने जमकर कोहराम मचाया है। तेजी से बढ़ी संक्रमितों की संख्या के कारण अस्पतालों में बेड, ऑक्सीजन और दवाइयों की कमी आ गई थी।
ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पतालों में दर्जनों लोगों ने दम तोड़ दिया था।
इसी बीच सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से एक भी मौत नहीं हुई।
पृष्ठभूमि
देश में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई थी दर्जनों मरीजों की मौत
बता दें अप्रैल-मई में दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी आ गई थी।
इसके कारण दिल्ली, गोवा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों में दर्जनों मरीजों की मौत हो गई थी।
हालात, इतने बिगड़ गए थे कि राज्यों के हाई कोर्ट के साथ सुप्रीम कोर्ट को भी इसमें दखल देना पड़ा था।
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के आदेश दिए थे।
सवाल
विपक्ष ने राज्यसभा में सरकार से पूछा था सवाल
विपक्ष ने मंगलवार को राज्यसभा में सरकार से पूछा था कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी के कारण अस्पतालों और घरों में कितने लोगों की मौत हुई थी।
इसके जवाब में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने कहा, 'सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश नियमित रूप से केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को संक्रमण और मौतों की रिपोर्ट देते हैं। हालांकि, किसी भी राज्य ने ऑक्सीजन की कमी के कारण मौत की जानकारी नहीं दी है।
मांग
दूसरी लहर में ऑक्सीन की मांग में हुआ 200 प्रतिशत का इजाफा- पवार
राज्यों द्वारा की गई ऑक्सीजन की मांग और सरकार द्वारा की गई आपूर्ति के सवाल पर राज्य मंत्री पवार ने कहा कि दूसरी लहर के दौरान देश में मेडिकल ऑक्सीजन की मांग में बड़ा इजाफा देखने को मिला था।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी की पहली लहर में जहां राज्यों ने 3,095 मीटि्रक टन ऑक्सीन की मांग की थी, वहीं दूसरी लहर में यह 9,000 मीटि्रक टन पर पहुंच गई। ऐसे में सरकार को समान वितरण व्यवस्था लागू करनी पड़ी।
आवंटन
संक्रमण की स्थिति के आधार पर किया गया ऑक्सीजन का आवंटन
राज्य मंत्री पवार ने कहा कि समान वितरण व्यवस्था में संक्रमण के मामले, मरीजों की संख्या, ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले मरीजों की संख्या और संक्रमण की दर को आधार बनाया गया था। सरकार ने पहला आवंटन 15 अप्रैल को किया था और समय के अनुसार नीति को बदला भी गया।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 28 मई तक कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित 26 राज्यों को कुल 10,250 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का आवंटन किया था।
जानकारी
सरकार ने मांग की पूर्ति के लिए बढ़ाया ऑक्सीजन का उत्पादन- पवार
राज्य मंत्री पवार ने कहा कि सरकार ने मांग की पूर्ति के लिए तरल मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन अगस्त 2020 में 5,700 मीट्रिक टन से बढ़ाकर मई तक 9,690 मीट्रिक टन कर दिया था। इसके अलावा ऑक्सीजन का औद्योगिक उपयोग भी रोक दिया था।
आपूर्ति
राज्यों को की गई ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और सिलेंडरों की आपूर्ति
राज्य मंत्री पवार ने कहा कि सरकार ने ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए विदेशों से भी सहायता मंगवाई तथा ऑक्सीजन स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया।
इसी तरह राज्यों को ऑक्सीजन सिलेंडर, कंसंट्रेटर आदि भी उपलब्ध कराए गए थे। सरकार ने कुल 4,02,517 ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदे और राज्यों को वितरित किए।
इसी तरह 1,222 PSA ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों को मंजूरी दी गई है। इनमें से 15 जुलाई तक 237 संयंत्रों को चालू कर दिया गया है।