गोवा के सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से चार दिन में 74 मरीजों की मौत
कोरोना महामारी की दूसरी लहर में संक्रमण का प्रकोप थम नहीं रहा है। प्रतिदिन रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं और हजारों मौतें हो रही है। महामारी के कारण अब गोवा में हालात बिगड़ने लगे हैं। यहां ऑक्सीजन की कमी से शुक्रवार तड़के 13 और मरीजों की मौत हो गई। इसके साथ ही गोवा मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल (GMCH) में पिछले चार दिनों में ऑक्सीजन की कमी के कारण 74 कोरोना संक्रमितों की सांसे थम चुकी है।
इस तरह से हुई अस्पताल में मरीजों की मौतें
बता दें कि GMCH में ऑक्सीजन की कमी से मौत का सिलसिला 11 मई से शुरू हुआ था। यहां उस दिन 26 मरीजों की मौत हुई थी। उसके बाद 12 मई को 20 और 13 मई को 15 मरीजों की मौत हुई थी। इसके बाद भी सरकार और अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की पूर्ति पर गौर नहीं किया। यही कारण रहा है कि शुक्रवार तड़के भी सुबह 2 से 6 बजे के बीच 13 कोरोना संक्रमितों ने दम तोड़ दिया।
रात करीब एक बजे से गिरना शुरू हुआ था ऑक्सीजन प्रेशर- डॉक्टर
NDTV के अनुसार GMCH के एक रेजिडेंट डॉक्टर ने बताया कि रात 1 बजे ऑक्सीजन का प्रेशर गिरना शुरू हो गया था। इसको लेकर जिम्मेदार अधिकारियों को अगवत करा दिया था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन प्रेशर गिरने से कुछ मरीजों में ऑक्सीजन का स्तर गिरकर 40-50 पर पहुंच गया था। इससे वह तड़पने लग गए थे और आखिरकार उनकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि बुधवार से शुक्रवार तक करीब आठ बार प्रेशर कम हुआ था।
गोवा सरकार ने गठित की कमेटी
इस मामले में गोवा सरकार ने मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी को तीन दिन में सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी। कमेटी अस्पताल को मिलने वाली ऑक्सीजन सप्लाई, ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर आ रही परेशानी और उन्हें दूर करने की सिफारिश करेगी। सरकार ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव को कमेटी की रिपोर्ट तैयार करने में हरसंभवन मदद करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
हमें कमेटी नहीं कार्रवाई की है जरूरत- सरदेसाई
मामले में पूर्व उपमुख्यमंत्री विजय सरदेसाई ने ट्वीट किया, 'मुख्यमंत्री प्रमोद सावंद और विश्वजीत राणे के बीच चल रही तकरार से गोवावासी तबाह हो रहे हैं। शुक्रवार को चार घंटे में 13 और मरीजों की मौत हो गई। हमे कमेटी नहीं कार्रवाई की जरूरत है।'
स्वास्थ्य मंत्री राणे ने की थी हाई कोर्ट से जांच की मांग
बता दें GMCH में मंगलवार को ऑक्सीजन की कमी से 26 मरीजों की मौत हो गई थी। उस दौरान राज्य के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे ने हाई कोर्ट से मामले की जांच कराने तथा मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाने की मांग की थी। उससे पहले मुख्यमंत्री सावंत ने अस्पताल का दौरा कर कहा था कि राज्य में ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। हालांकि, उन्होंने ऑक्सीजन का समय पर अस्पताल पहुंचने को लेकर कुछ कमियां जरूर बताई थी।
अस्पताल में मरीजों को नहीं मिल रही जगह
बढ़ते संक्रमण के कारण अब GMCH में हालात बिगड़ रहे हैं। नए मरीजों को न तो बेड मिल रहा है और ना ही वेंटीलेटर की सुविधा। कई मरीजों को आपात स्थिति में फर्श और स्टोर रूम में लिटाकर उपचार किया जार रहा है। एक मरीज के परिजन ने बताया कि उन्हें व्हीलचेयर लेने में ही आठ घंटे लग गए। अगले दिन मरीज का ऑक्सीजन लेवर गिरा तो उन्हें वेंटीलेटर तक उपलब्ध नहीं कराया गया। लोगों का जीवन भगवान भरोसे है।
मांग के अनुसार नहीं हो रही है ऑक्सीजन की आपूर्ति
बता दें कि गोवा में ऑक्सीजन की भारी किल्लत चल रही है। यहां प्रतिदिन 110 मीटि्रक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता है, लेकिन 60-70 मीटि्रक टन की ही आपूर्ति हो रही है। पिछले 10 दिनों में गोवा को आवंटित 110 मीटि्रक टन ऑक्सीजन की एवज में महज 66.74 मीटि्रक टन ही आपूर्ति की गई है। इसके बाद राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर प्रतिदिन 11 मीटि्रक टन की जगह 22 मीटि्रक टन की आपूर्ति कराने की मांग की है।
बॉम्बे हाई कोर्ट के आदेश के बाद भी नहीं हुई आपूर्ति
राज्य सरकार ने बॉम्बे हाई कोर्ट की गोवा पीठ को को बताया था कि ऑक्सीजन प्रेशर कम होने से अधिकांश मरीजों की मौत हुई। कोर्ट ने केंद्र से आवंटित कोटे के अनुसार गोवा को ऑक्सीजन आपूर्ति के निर्देश दिए थे। इसके अलावा राज्य सरकार से कहा था कि ऑक्सीजन की कमी से मरीजों की मौत नहीं होनी चाहिए। इसके बाद भी न तो पर्याप्त आपूर्ति हो रही है और ना ही अस्पताल प्रशासन मरीजों की जान बचा पा रहा है।
गोवा में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
बता दें कि गोवा में कोरोना संक्रमण के हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। यहां टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 48.1 प्रतिशत पर पहुंच गई है। इसके अनुसार टेस्ट कराने वाला प्रत्येक दूसरा व्यक्ति संक्रमित निकल रहा है। यहां गुरुवार को संक्रमण के 2,491 नए मामले सामने आए थे और 63 लोगों की मौत हुई है। राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 1,30,130 पर पहुंच गई है। इनमें से 1,937 की मौत हो गई और 32,953 सक्रिय मामले हैं।