
देश में छह साल से ऊपर की 67.6 प्रतिशत आबादी हो चुकी कोरोना वायरस से संक्रमित
क्या है खबर?
देश में लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी का पता लगाने के लिए किए गए चौथे राष्ट्रीय सीरोलॉजिकल सर्वे में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की ओर से कराए गए देशव्यापी सीरो सर्वे में छह साल से ऊपर की 67.6 प्रतिशत आबादी में एंटीबॉडी पाई गई है।
इसका मतलब यह है कि देश की 67.6 प्रतिशत आबादी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुकी हैं। इसने सरकार की चिंता की बढ़ा दी है।
सीरोलॉजिकल सर्वे
सबसे पहले जानें क्या होता हैं सीरोलॉजिकल सर्वे
किसी आबादी में संक्रमण किस हद तक फैल गया है, यह पता लगाने के लिए सीरोलॉजिकल सर्वे किए जाते हैं। इसमें लोगों के खून में कोरोना वायरस की एंटीबॉडीज की मौजूदगी की जांच की जाती है।
एंटीबॉडीज एक प्रकार की प्रोटीन होती हैं जो हमला करने वाले वायरस से लड़कर उसे खत्म कर करती हैं।
किसी व्यक्ति के खून में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज पाए जाने का मतलब है कि वह कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुका है।
खुलासा
सीरो सर्वे में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य
न्यूज 18 के अनुसार, ICMR के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने बताया कि सीरो सर्वे जून-जुलाई में 21 राज्यों के 70 जिलों में आयोजित किया गया था। इसमें 6-17 वर्ष की आयु के बच्चे भी शामिल थे।
इस सर्वे में छह साल से ऊपर की 67.6 प्रतिशत यानी दो-तिहाई आबादी में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी मिली है। यानी वह कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं।
इसी तरह एक तिहाई आबादी यानी 40 करोड़ लोगों में एंटीबॉडी नहीं मिली है।
सर्वे
किस आयु वर्ग के कितने लोगों में मिली एंटीबॉडी
डॉ भार्गव ने बताया कि सर्वे में 28,975 बच्चों को शामिल किया गया था। इसमें 6-9 साल के 2,892, 10-17 साल के 5,799 बच्चे और 18 साल के 20,284 युवा बच्चे शामिल थे।
उन्होंने बताया कि सर्वे में 6-9 साल के 57.2 प्रतिशत, 10-17 साल के 61.6 प्रतिशत, 18-44 साल के 66.7 प्रतिशत, 45-60 साल के 76.7 प्रतिशत और 60 साल के ज्यादा के 76.7 प्रतिशत लोगों में कोरोना के खिलाफ एंटीबॉडी को होना पाया गया है।
महिला
69.2 प्रतिशत महिलाओं में मिली एंटीबॉडी
डॉ भार्गव ने बताया कि सर्वे में शामिल पुरुषों में 65.8 प्रतिशत और महिलाओं में 69.2 प्रतिशत में एंटीबॉडी मिली है।
इसी तरह ग्रामीण इलाकों में 66.7 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 69.6 प्रतिशत लोग कोरोना की चपेट में आए हैं।
इसके अलावा 20,276 लोगों में से 12,607 लोगों को वैक्सीन नहीं लगी थी और 5,038 लोगों ने वैक्सीन की पहली खुराक और 2,631 लोगों ने दोनों खुराक लगवा ली थी। यह एक चौंकाने वाली स्थिति मानी जा रही है।
जानकारी
85 प्रतिशत स्वास्थ्यकर्मियों में मिली है एंटीबॉडी- भार्गव
डॉ भार्गव ने कहा कि सर्वे में 7,252 स्वास्थ्यकर्मियों को भी शामिल किया गया था। इनमें से 85 प्रतिशत में कोरोना वायरस के खिलाफ एंटीबॉडी पाई गई है, जबकि स्वास्थ्य कर्मियों में 10 प्रतिशत को अब तक वैक्सीन नहीं लगाई जा सकी है।
खतरा
देश की 40 करोड़ आबादी को अभी भी है खतरा- भार्गव
डॉ भार्गव ने कहा कि सर्वे में एक तिहाई लोगों में एंटीबॉडी नहीं मिली है। इसका मतलब यह है कि करीब 40 करोड़ लोगों को अब भी कोरोना वायरस संक्रमण का खतरा है।
उन्होंने लोगों से संक्रमण से बचने के लिए सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यक्रमों से दूरी बनाने, अनावश्यक यात्रा को टालने और वैक्सीनेशन के बाद ही यात्रा करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बच्चे वायरस के संक्रमण से ज्यादा बेहतर तरीके से निपट सकते हैं।
स्कूल
बच्चों के लिए जल्द खोले जाएंगे स्कूल- भार्गव
डॉ भार्गव ने कहा कि बच्चों में काफी अच्छी एंटीबॉडी देखने को मिली है और यह भी सामने आया है कि बच्चें बड़ों की तुलना में काफी अच्छे तरीके से संक्रमण को झेल सकते हैं। ऐसे में उन्हें स्कूल भेजा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि स्वीडन जैसे कई स्कैंडिनेवियन देशों ने तो कोरोना की किसी भी लहर के दौरान प्राइमरी स्कूलों को बंद ही नहीं किया। ऐसे में अब देश में भी स्कूलों को खोलने का विचार बेहतर होगा।
संक्रमण
भारत में यह है कोरोना संक्रमण की स्थिति
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से संक्रमण के 30,093 नए मामले सामने आए और 374 मरीजों की मौत हुई।
इसी के साथ देश में कुल संक्रमितों की संख्या 3,11,74,322 हो गई है। इनमें से 4,14,482 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। सक्रिय मामलों की संख्या कम होकर 4,21,665 हो गई है।
कई हफ्ते तक तेज गिरावट के बाद पिछले कई हफ्ते से देश में मामले 40,000 के आसपास बने हुए हैं।